Breaking

Tuesday, August 4, 2020

पीटीआई शिक्षकों ने मंत्री की गाड़ी को घेरा, मंत्री सचिवालय के पिछले रास्ते से निकले

पीटीआई शिक्षकों ने मंत्री की गाड़ी को घेरा,मंत्री सचिवालय के पिछले रास्ते से निकले

फरीदाबाद। नौकरी बहाली के लिए प्रदर्शन कर रहे पीटीआई शिक्षकों ने मंगलवार को फरीदाबाद में मंत्री मूलचंद शर्मा की गाड़ी का घेराव कर दिया। मंत्री के पीछे वाली गाड़ी में विधायक नयनपाल राणा भी थे। घटनास्थल पर पुलिस और पीटीआई शिक्षकों के बीच धक्का-मुक्की होती देख मंत्री जैसे-तैसे गाड़ी को बैक करवाकर सचिवालय के पिछले दरवाजे से निकले।
घटना करीब 1 बजे की है। दरअसल फरीदाबाद के सेक्टर-12 में स्थित लघु सचिवालय में परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा परिवार पहचान पत्र वितरण कार्यक्रम में आए हुए थे। लघु सचिवालय परिसर में ही पीटीआई शिक्षक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। मंत्री कार्यक्रम खत्म करके जैसे ही जाने लगे तो पीटीआई शिक्षकों ने उनकी गाड़ी का घेराव कर दिया। शिक्षक गाड़ी के चारों तरफ लिपट गए। पुलिस ने उन्हें हटाने के लिए काफी देर धक्का-मुक्की की लेकिन वे नहीं माने। मामला बढ़ता देख मंत्री ने गाड़ी बैक करवाई और लघु सचिवालय के पिछले गेट से चले गए।

पिछले दिनों पीटीआई पर हुआ था लाठीचार्ज

जींद में बीते दिनों नौकरी बहाली के लिए प्रदर्शन कर रहे पीटीआई शिक्षकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। दरअसल पीटीआई शिक्षकों में से एक ने आत्मदाह की कोशिश की थी,पुलिस ने उसे रोका, इस दौरान पीटीआई शिक्षकों और पुलिस के बीच जमकर हाथापाई हुई। जब बात हाथापाई से ऊपर चली गई तो पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया था और पीटीआई शिक्षकों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था।

पीटीआई शिक्षकों का मामला

वर्ष 2010 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में 1983 पीटीआई शिक्षक भर्ती किए गए थे। भर्ती के बाद कुछ लोगों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा गया था कि सैकड़ों चयनित उम्मीदवारों का शैक्षिक रिकॉर्ड बेहद खराब है। ऐसे में महज मौखिक परीक्षा के आधार पर नियुक्ति कर ली गई। आरोप लगा था कि 90 फीसदी मेधावी उम्मीदवार मौखिक परीक्षा में बुरी तरह असफल रहे।
उन्हें 30 में से 10 नंबर भी नहीं आए। इसी के साथ यह भी आरोप लगा था कि इंटरव्यू के लिए तय 25 अंक को बदलकर 30 कर दिया गया। इन सबके मद्देनजर हाईकोर्ट ने पीटीआई भर्ती को रद्द कर दिया था। इसके बाद पीटीआई सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। इसके बाद अब पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट के फैसले को सहीं बताया था। अर्थात भर्ती को रद्द कर दिया था।

No comments:

Post a Comment