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Thursday, August 20, 2020

अपराध:भ्रूण लिंग जांच के लिए स्टाफ नर्स लाती थी ग्राहक, गाजियाबाद ले जाने वाला पूर्व एंबुलेंस कर्मी काबू

अपराध:भ्रूण लिंग जांच के लिए स्टाफ नर्स लाती थी ग्राहक, गाजियाबाद ले जाने वाला पूर्व एंबुलेंस कर्मी काबू

70 हजार में हुआ था भ्रूण लिंग जांच का साैदा, फर्जी ग्राहक भेज दलाल काे किया गिरफ्तार, 6 पर केस दर्ज, 15 अगस्त काे शक हाेने पर रेड हुई कैंसिल, 70 हजार का लालच दे फिर बिछाया जाल

झज्जर : स्वास्थ्य विभाग झज्जर की टीम ने भ्रूण लिंग जांच के मामले में अपने ही विभाग के लाेगाें पर शिकंजा कसने का काम किया है। जो पिछले लंबे समय से गैर कानूनी भ्रूण लिंग जांच के मामले में संलिप्त थे और कानूनी शिकंजे से बच निकलते थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने खुलासा किया है कि भ्रूण लिंग जांच के गैर कानूनी काम में सिविल अस्पताल झज्जर के पूर्व एंबुलेंस कर्मचारी सुमित कादयान जाे दलाल की भूमिका में था उसे गिरफ्तार कर लिया।
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग में तैनात दाे स्टाफ नर्स व दूसरी महिला कर्मचारी मददगार बने थे। जिसमें कई लोगों की एक चेन बनी हुई है। मंगलवार रात भर चली दबिश में स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर अचल त्रिपाठी की टीम ने मास्टरमाइंड रहे बेरी के वजीरपुर निवासी सुमित कादयान को रंगे हाथों दबोच लिया। सुमित 3 वर्ष पूर्व सिविल अस्पताल में एंबुलेंस चलाता था। यह सिविल अस्पताल की नर्सों व दूसरे स्टाफ से मिला हुआ था जो उनके लिए भ्रूण लिंग जांच के लिए ग्राहक लाकर देती थी।
इसी जांच के दायरे में अब सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात स्टाफ नर्स का भी नाम सामने आया है, जो गायनी विभाग में भी समय समय पर तैनात रहती थी। सिविल सर्जन कार्यालय के नीचे सेक्टर 6 के पॉलीक्लिनिक में तैनात एक स्टाफ नर्स की भूमिका का भी पता चला है। एक अन्य स्थान पर तैनात अर्बन हेल्थ मिशन के तहत काम करने वाली महिला भी संलिप्त है।
डॉ. अचल त्रिपाठी
ने बताया कि फर्जी ग्राहक के रूप में एक महिला की मदद से यह पूरा रैकेट पकड़ा है। जिसमें झज्जर जिले से और खास तौर पर स्वास्थ्य विभाग के ही छह के करीब कर्मचारी शामिल पाए गए हैं। इन लोगों का एक पूरा गिरोह बना हुआ था जो दूसरे राज्य तक फैला था। मंगलवार की रात भर चले इस विशेष अभियान में भ्रूण लिंग जांच के लिए 70 हजार रुपए लेने वाले पूर्व एंबुलेंस चालक सुमित को पुलिस ने गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 15500 रुपए की राशि भी बरामद कर ली है।
बाकी राशि किन-किन लोगों में बटी इस बात के लिए अब गहनता से जांच पड़ताल होगी। लेकिन प्राथमिक जांच में जिस प्रकार से सिविल अस्पताल व दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़ी नर्सों और दूसरी महिला कर्मचारियों का नाम सामने आया है उससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप है।

आगे से आगे मिले नए-नए लोग

भ्रूण लिंग जांच का काम बड़े ही सुनियोजित तरीके से चल रहा था। यहां पर ग्राहक खोजने का काम स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य कर्मी करते थे और उसके बाद सुमित नाम का यह दलाल आगे गाजियाबाद में ग्राहक को ले जाकर भ्रूण के बारे में जानकारी उपलब्ध कराता था। जिस समय फर्जी ग्राहक को सुमित ने संपर्क कर एक निजी अस्पताल के बाहर आने के लिए कहा। और लिंग जांच के लिए मेरठ जाने की बात कही तभी स्वास्थ्य विभाग की टीम सतर्क हो गई।
आनन-फानन में एक टीम का गठन किया गया और पुलिस को सुरक्षा के लिहाज से साथ ले लिया गया। सुमित ग्राहक को गुमराह करता रहा और झज्जर से केएमपी होते हुए आगे मेरठ जाने की बजाए सीधे गाजियाबाद के विजय नगर इलाके में ले गया। यहां पर कॉलोनी में जाने के बाद उनकी गाड़ी रुक गई और यहां दो लोग स्कूटी पर मिले। जो फर्जी महिला ग्राहक को अपने साथ ले गए। कुछ दूरी पर चलने के बाद एक अन्य गाड़ी पहुंची, जिसके माध्यम से आगे किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया और यहां पर दो महिलाएं उनके सहयोग के लिए मौजूद थी।
बाद में फर्जी ग्राहक को अलग से छोड़ दिया गया और उसके बाद एक घर में मौजूद सिस्टम से पुरुष ने बगैर कोई बातचीत उनका भ्रूण लिंग परीक्षण किया। इसके बाद फिर से फर्जी महिला ग्राहक को उसी स्थान पर लाकर छोड़ दिया गया। जहां पर सुमित ने उसे अपनी गाड़ी से विजय नगर में छोड़ा था। दिन निकलने से पूर्व रातों रात वापस झज्जर आ गए। वापसी में सुमित ने उन्हें गांव में छोड़ने के लिए कहा और साथ ही बताया कि रिपोर्ट निगेटिव आई है। इस बात की पुष्टि करने पर सुमित को पीएनडीटी टीम ने धर दबोचा और उसको पुलिस के हवाले कर दिया।

दादरी भ्रूण लिंग जांच का मास्टरमाइंड भी निशाने पर

पीएनडीटी टीम की ओर से पिछले दिनों दादरी में दबिश देकर भ्रूण लिंग जांच के मामले में एक मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया था। लेकिन अब जांच में यह बात सामने आई है कि उसी मामले से जुड़ा एक व्यक्ति भी इसी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। अब शक के दायरे में आए इस युवक से भी गहनता से जांच होगी और उसको भी कानूनी दायरे में लाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की इस उपलब्धि पर टीम में शामिल डॉ. अचल, डॉ. संदीप दलाल, डॉक्टर हर्षदीप, डॉ. रवि गोदारा व अन्य कर्मचारी अनिल, संजय, अजय को सिविल सर्जन डॉ. संजय दहिया ने बधाई दी।
झज्जर, नोडल अधिकारी पीएनडीटी, डॉ. अचल त्रिपाठी ने कहा कि स्टाफ नर्स के शामिल होने के बारे में कुछ इनपुट मिल रहे थे। इसी पर पूरी योजना तैयार की गई और एक फर्जी ग्राहक के माध्यम से पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया गया है। फिलहाल पूर्व एंबुलेंस कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि इस मामले में स्टाफ नर्स सहित दूसरे लोगों पर भी कानूनी शिकंजा कस दिया गया है। स्टाफ नर्स सहित दूसरे लोगों की भूमिका के बारे में सबूत जुटा लिए हैं और अब इन पर भी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
झज्जर, सिविल सर्जन , डॉक्टर संजय दहिया भ्रूण लिंग जांच के मामले में जो भी स्वास्थ्य कर्मी शामिल थे उनके खिलाफ केस दर्ज करा दिया गया है। अब उम्मीद है पुलिस इस पूरे मामले में गहराई से तफ्तीश करेगी। कानूनी दायरे के तहत जो भी विभागीय कार्रवाई आरोपियों के खिलाफ बनेगी उस पर अमल किया जाएगा। विभाग इस मामले में गंभीर है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। टीम ने रात भर जाग कर इस गिरोह का भंडाफोड़ किया है। आगे भी इस प्रकार की कार्रवाई जारी रहेगी।

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