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Sunday, August 23, 2020

हरियाणा:विरोध के बीच बर्खास्त पीटीआई शिक्षकों की लिखित परीक्षा, सेंटरों पर चंद कैंडिडेट ही पहुंचे

हरियाणा:विरोध के बीच बर्खास्त पीटीआई शिक्षकों की लिखित परीक्षा, सेंटरों पर चंद कैंडिडेट ही पहुंचे

पीटीआई ने दावा किया प्रदेश के करीब 1750 पीटीआई ने इस परीक्षा का बहिष्कार किया

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बर्खास्त कर दिए जाने के बाद से बहाली के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे पीटीआई

कैथल : प्रदेश सरकार ने भले ही शनिवार और रविवार को वीकएंड लॉकडाउन घोषित कर दिया हो लेकिन हरियाणा में रविवार को पीटीआई शिक्षकों की लिखित परीक्षा आयोजित की जा रही है। लिखित परीक्षा देने के लिए चंद कैंडिडेट ही सेंटरों पर पहुंचे हैं। कुरुक्षेत्र, कैथल में सेंटरों के बाहर न के बराबर ही कैंडिडेट नजर आए। वहीं दूसरी तरफ पीटीआई शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन भी लगातार जारी है। रोहतक में आंदोलन कर रहे पीटीआई ने दावा किया प्रदेश के करीब 1750 पीटीआई ने इस परीक्षा का बहिष्कार किया है।

सुबह 11 बजे शुरू हुई एंट्री

परीक्षा केंद्रों में सुबह 11 बजे एंट्री शुरू हो गई, जो 12.30 बजे तक हो सकेगी। 12.30 बजे के बाद सेंटर पर एंट्री नहीं होगी। परीक्षा 1 बजे शुरू होकर 2.15 पर खत्म होगी।

ये है पीटीआई शिक्षकों का मामला

वर्ष 2010 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में 1983 पीटीआई शिक्षक भर्ती किए गए थे। भर्ती के बाद कुछ लोगों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा गया था कि सैकड़ों चयनित उम्मीदवारों का शैक्षिक रिकॉर्ड बेहद खराब है। ऐसे में महज मौखिक परीक्षा के आधार पर नियुक्ति कर ली गई। आरोप लगा था कि 90 फीसदी मेधावी उम्मीदवार मौखिक परीक्षा में बुरी तरह असफल रहे। उन्हें 30 में से 10 नंबर भी नहीं आए। इसी के साथ यह भी आरोप लगा था कि इंटरव्यू के लिए तय 25 अंक को बदलकर 30 कर दिया गया।

परीक्षा केंद्रों पर सैनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था की गई है।

इन सबके मद्देनजर हाईकोर्ट ने पीटीआई भर्ती को रद्द कर दिया था। इसके बाद पीटीआई सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। इसके बाद अब पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट के फैसले को सही बताया था। अर्थात भर्ती को रद्द कर दिया था। अब मनोहर सरकार ने उन्हीं पीटीआई को मौका दिया है कि वे लिखित परीक्षा पास करके दोबारा नौकरी में आ सकते हैं। पीटीआई इस लिखित परीक्षा का विरोध कर रहे हैं, इस संबंध में उनका प्रदर्शन जिलास्तर पर जारी है।

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