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Saturday, August 22, 2020

गलियां बदहाल:सीएम के गोद लिए गांव क्योड़क की गलियां बदहाल, सीवरेज दबाने को लेकर उखाड़ी गई गलियों की प्रशासन ने नहीं ली सुध

गलियां बदहाल:सीएम के गोद लिए गांव क्योड़क की गलियां बदहाल, सीवरेज दबाने को लेकर उखाड़ी गई गलियों की प्रशासन ने नहीं ली सुध

कैथल : क्योड़क से बरोट मोड़ वाली बदहाल गली, पब्लिक हेल्थ एक्सईएन बोले - सीवरेज के दौरान उखाड़ी गलियों की रिपेयर के लिए 98 लाख का भेजा था एस्टीमेट, मंजूरी मिलते ही किए जाएंगे टेंडर

सीएम के गोद लिए गांव क्योड़क की गलियां या तो उबड़ खाबड़ है या फिर कीचड़ भरा हुआ है। पब्लिक हेल्थ विभाग की ओर से गांवों की गलियों में सीवरेज लाइन बिछाई जा रही हैं लेकिन उखाड़ी गलियों की अभी तक कोई सुध नहीं ली है। इससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। सीएम के संज्ञान में जब ये मामला आया तो उन्होंने स्थानीय विधायक लीलाराम को निर्देश दिए कि वे क्योड़क गांव में जाकर विकास कार्यों का जायजा लें और अधिकारियों से जल्द से जल्द अधूरे पड़े कार्य कराए जाएं। सीएम के निर्देश पर विधायक लीलाराम संबंधित अधिकारियों के साथ गांव में पहुंचे और अवलोकन कर जल्द से जल्द विकास कार्य पूरा करने को कहा। सीएम ने पहली बार मुख्यमंत्री बनने के एक साल बाद ही आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव क्योड़क को गोद लिया था और वर्ष 2015, 2016 में गांव के विकास के लिए कई घोषणाएं की हुई हैं। लेकिन उनमें से अभी भी आधी पेंडिंग हैं।
करीब 25 हजार की आबादी वाले गांव में सीएम घोषणा के मुताबिक सभी गलियों में सीवरेज पाइप लाइन बिछाई जा रही है। पब्लिक हेल्थ अधिकारियों के मुताबिक गांव की 10 फीट से चौड़ाई वाली सभी गलियों में पाइप लाइन बिछाई गई है। करीब 10 करोड़ की राशि से गांव में करीब 42 किलोमीटर सीवरेज लाइन बिछाई जा रही है। इसका अधिकतर कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन करीब एक से डेढ़ साल पहले उखाड़ी गई गलियों में पैचवर्क तक नहीं किया जा सका है। विभाग ने उखाड़ी गलियों को पैचवर्क के लिए करीब 98 लाख रुपए का प्रपोजल सरकार को भेजा हुआ है। अधिकारियों का दावा है कि इसकी मंजूरी मिल चुकी है जल्द ही लिखित स्वीकृति लैटर भी आ जा एगा। वहीं ग्रामीण सेठपाल, सत्यवान, रमेश आदि का कहना है कि गांव में गलियों में निकलने का रास्ता ही नहीं है।
गांव में हैं करीब 350 गलियां : क्योड़क गांव में छोटी मोटी करीब 350 गलियां हैं। गांव की सभी गलियों में सीवरेज लाइन बिछाकर ग्रामीणों को शहर की तर्ज पर सुविधाएं देने की योजना है। करीब डेढ़ साल से गांव में सीवरेज लाइन बिछाई जा रही हैं, लेकिन अभी तक एसटीपी का निर्माण नहीं क राया गया है। इसके अलावा कोटिकूट तीर्थ का जीर्णोद्धार, लाला लाजपत राय पशु विज्ञान अनुसंधान केंद्र का कार्य भी अभी पूरा नहीं हो पाया है।
गलियों के लिए नए सिरे से प्रस्ताव बनाने पर सहमति : विधायक लीलाराम की मौजूदगी में अधिकारियों ने सुझाव दिया कि पब्लिक हैल्थ विभाग द्वारा उखाड़ी गई गलियों का पैचवर्क किया जाना है। जबकि ग्रामीणों के मुताबिक गलियों में ब्लॉक्स धंस गए हैं और जगह जगह गड्ढे बने हैं। ऐसे में गलियों को दोबारा से समतल कर नए सिरे से निर्माण किया जाना चाहिए। अधिकारियों ने भी ग्रामीणों की इस बात पर सहमति जताई और नया प्रस्ताव लाने पर सहमति बनी है।
क्योड़क गांव की गलियों में करीब 42 किलोमीटर की सीवरेज लाइन बिछाई गई है। इसका ज्यादातर कार्य पूरा हो चुका है। सीवरेज दबाने के लिए उखाड़ी गलियों के पैचवर्क के लिए विभाग ने सरकार को करीब 98 लाख का एस्टीमेट भेजा हुआ है, जिसकी स्वीकृति जल्द ही मिलेगी और उसके बाद टेंडर देकर गलियों को सुधारा जाएगा। इससे पहले कुछ रास्तों के लिए विभाग द्वारा मार्केटिंग बोर्ड व पीडब्ल्यूडी को तीन करोड़ की राशि दी जा चुकी है।
-करणवीर सिंह, एक्सईएन, पब्लिक हैल्थ, कैथल।
^सीएम के गोद लिए गांवों में ग्रामीणों को शहरों जैसी सुविधाएं मिलेंगी। गांवों में विकास कार्य प्रगति पर हैं और उन्होंने सीएम साहब के आदेश पर मौके पर जाकर जायजा लेकर अधिकारियों को जल्द पूरा करने के दिशा निर्देश दिए हैं। गांव की गलियों को सही तरीके से बनवाने के लिए अधिकारियों को कहा गया है। इसके लिए नया प्रस्ताव तैयार किया जा सकता है। सीएम मनोहरलाल प्रदेश के विकास को लेकर प्रयासरत हैं।
-लीलाराम गुर्जर, विधायक, कैथल।

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