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Monday, September 21, 2020

पिपली लाठीचार्ज पर सफाई:हंगामे के बीच 11 दिन बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल बोले-सेल्फ डिफेंस में उठाया गया कदम था यह, विपक्ष को एक बैठकर चर्चा जरूर कर लेनी चाहिए

पिपली लाठीचार्ज पर सफाई:हंगामे के बीच 11 दिन बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल बोले-सेल्फ डिफेंस में उठाया गया कदम था 


चंडीगढ़ : कुरुक्षेत्र के पिपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर हरियाणा की राजनीति में कोलाहल मचा हुआ है। सोमवार को 11 दिन इस मसले पर हरियाणा के मुख्यमंत्री की टिप्पणी सामने आई है। आज चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद मीडिया की तरफ से उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह लाठीचार्ज नहीं, आत्मरक्षा का एक प्रयासभर था। इस पर चर्चा की जा सकती है।
10 सितंबर को कुरुक्षेत्र के पिपली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित अनाज मंडी में किसान संगठनों की किसान बचाओ मंडी बचाओ रैली थी। हर रास्ता सील होने के बावजूद बड़ी संख्या में किसान राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंच गए थे। किसानों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठियां भी चलाई। कुछ किसान नेताओं को पुलिस ने हिरासत में भी लिया। इसके बाद गुस्साए किसानों ने पुलिस पर पथराव भी कर दिया था। राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया था। इस दौरान के एक वीडियो के बाद प्रदेश के किसानों और विपक्षी राजनेताओं में खासी नाराजगी देखी जा सकती है। यहां कि सत्ता में भागीदार भाजपा और जजपा के मत भी अलग-अलग हैं।
जननायक जनता पार्टी लाठीचार्ज पर किसानों से माफी मांग चुकी है। दिग्विजय चौटाला तो इसकी जांच की मांग कर चुके हैं, जबकि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ मंत्रणा कर चुके हैं। वहीं भाजपा सांसद धर्मबीर सिंह, बृजेंद्र सिंह और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु सहित कई भाजपा नेता भी लाठीचार्ज की निंदा कर चुके हैं।
इस घटना के 11 दिन बाद सोमवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-3 स्थित भाजपा कार्यालय में कोरोना काल में सरकार द्वारा किए गए कार्यों को लेकर 'ई-बुक' लांचिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी सफाई दी। उन्होंने कांग्रेस और इनेलो की घेराबंदी करते हुए कहा कि लाठीचार्ज क्या होता है, चर्चा यह होनी चाहिए। हालांकि उन्होंने माना कि सादी वर्दी वाले सीआईए के पुलिसकर्मी ने लाठी चलाई थी। वीडियो में एक व्यक्ति सादी वर्दी में टोप पहने हुए दिखाई दे रहा है। दूसरी तरफ से एक व्यक्ति ट्रैक्टर द्वारा बैरीकेडिंग को तोड़कर आगे बढ़ रहा था। ऐसे में पुलिसकर्मी ने सेल्फ डिफेंस में कदम उठाया है। ऐसे में इसे लाठीचार्ज नहीं कहा जा सकता। विपक्ष इस मुद्दे को बेवजह तूल दे रहा है। इस पर चर्चा की जा सकती है। उधर, प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज शुरू से ही कह रहे हैं कि पुलिस ने किसी किसान पर लाठी नहीं चलाई। अब सीएम द्वारा लाठीचार्ज से इन्कार करने के बाद भाजपा सरकार का रुख साफ हो गया है।

सीएम रिलीफ फंड में जुटे 200 करोड़

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल जैसी आपदा के समय सरकार और संगठन दोनों ने मिलकर काम किया। सीएम रिलीफ फंड में 200 करोड़ के करीब एकत्र हुए। इन्हें लोगों को सहायता देने का काम किया। ई-बुक के माध्यम से कार्यकर्ताओं और जनसेवा करने वाले तमाम लोगों को प्रेरणा मिलेगी। इसका प्रसार होता रहेगा। समय-समय पर इसे अपडेट भी किया जाएगा।

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