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Friday, September 4, 2020

कपास उत्पादकों को मिले प्रति एकड़ 50 हजार का मुआवजा - बलराज कुंडू

कपास उत्पादकों को मिले प्रति एकड़ 50 हजार का मुआवजा - बलराज कुंडू

तोशाम व आसपास के कई गांवों में बर्बाद हुई कपास की फसल का जायजा लेने पहुंचे महम के निर्दलीय विधायक कुंडू।

खट्टर सरकार तुरन्त करवाये बर्बाद फसल की स्पेशल गिरदावरी।

भिवानी/तोशाम, :  भिवानी जिले के कई गांवों में किसानों की कपास की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है और सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। ऐसे में पहले से ही बदहाली झेल रहा बेचारा किसान क्या करेगा। सरकार को तुरन्त स्पेशल गिरदावरी करवाकर कपास उत्पादकों को प्रति एकड़ कम से कम 45 से 50 हजार रुपये का मुआवजा देना चाहिए। यह बात आज यहां महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कपास उत्पादक कई गांवों में बर्बाद हो चुकी फसल का जायजा लेने के दौरान किसानों से बातचीत करते हुए कहीं।
 बलराज कुंडू ने आज तोशाम व आसपास के आलमपुर, दिनोद और ढाणी माहूँ आदि कई गांवों के खेतों में बर्बाद कपास की हालत देखी और किसानों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सफेद मक्खी, मकड़ी और मच्छर की वजह से तकरीबन 60 से 70 फीसदी कपास का नुकसान हो चुका है लेकिन शासन-प्रसाशन सब खामौशी से किसानों की बर्बादी का तमाशा देख रहे हैं। अगर तुरन्त ध्यान नहीं दिया गया तो 100 फीसदी कपास बर्बाद हो जाएगी। किसानों ने बातचीत में बताया कि इस बार मौसम व बारिश को देखते हुए किसानों ने अन्य फसलों की बजाय कपास की फसल की बिजाई अधिक की थी। पिछले दिनों हुई बरसात के बाद कपास की फसलें उखेड़ा और स़फेद मक्खी और मकड़ी की चपेट में आ गई। 
बलराज कुंडू ने कहा कि पहले तो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आड़ में किसानों से बिना सहमति के उनके खातों से बीमा राशि काट ली गई और हालत यह है कि किसानों को मुआवजा तक भी नहीं मिल रहा। हालत यह है कि किसानों को पिछले साल हुए नुकसान का मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया है। इससे सरकार की किसानी के प्रति संवेदनहीनता साफ दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि अगर, सरकार ने जल्दी किसानों की सुध नहीं ली तो वे खुद भी सड़कों पर उतरकर संघर्ष करेंगे और सरकार को किसानों की मदद करने पर मजबूर कर देंगे।

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