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Thursday, September 10, 2020

विभाग ने मुख्यमंत्री को भेजी फाइल:असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर को मिलेगा ग्रुप ए अधिकारी का दर्जा

विभाग ने मुख्यमंत्री को भेजी फाइल:असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर को मिलेगा ग्रुप ए अधिकारी का दर्जा

चंडीगढ़ : कॉलेजों के असिस्टेंट प्रोफेसरों और एसोसिएट प्रोफेसर के आईएएस बनने में आ रही दिक्कत अब समाप्त की जाएगी। विभाग की ओर से इस मामले को लेकर फाइल मुख्यमंत्री को भेजी है, ताकि ग्रुप ए का दर्जा मिलने के बाद नॉन एचसीएस से आईएएस बनने की प्रक्रिया में बाधा न आए। पिछले माह हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) द्वारा नॉन एचसीएस से आईएएस चयन प्रक्रिया के अंतर्गत शॉर्टलिस्टिंग के लिए आयोजित स्क्रीनिंग परीक्षा की गई, लेकिन असिस्टेंट प्रोफेसरों और एसोसिएट प्रोफेसर के ग्रुप ए का दर्जा न मिलने पर शामिल कर लिया गया।
चयन प्रक्रिया में केवल राज्य सरकार के ग्रुप ए अधिकारी ही योग्य हैं, जिनकी न्यूनतम 8 वर्ष की नियमित क्लास-1 सेवा हो चुकी हो। हरियाणा के राजकीय कॉलेजों में कार्यरत वरिष्ठ लेक्चरर को कई वर्षों पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर का पदनाम दिया गया, लेकिन कानूनी एवं आधिकारिक रूप में सरकार के क्लास-1 अर्थात ग्रुप-ए अधिकारी नहीं है, क्योंकि आज तक इन पर लागू होने वाले सेवा नियमोंं में इनके ग्रुप-बी वर्ग का ही उल्लेख है।
हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने इस विषय पर 10 अगस्त को उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अंकुर गुप्ता और विभाग के महानिदेशक अजित बालाजी जोशी आदि को अलग अलग ईमेल याचिकाएं भी भेजी थीं, जिसके जवाब में अब उन्हें सूचित किया कि उनके द्वारा नॉन एचसीएस से आईएएस चयन प्रक्रिया में कॉलेज प्रोफेसरों की योग्यता पर जो सवाल उठाए गए एवं जो बताया गया, उस संबंध में मिसल (फाइल ) सेवा नियमों में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को प्रस्तुत कर दी गयी है।

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