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Tuesday, September 22, 2020

कान में किसी भी तरह की समस्या को इग्नोर न कर ईएनटी डॉक्टर को तुरंत कंसल्ट करना चाहिए : डॉ. भोला

कान में किसी भी तरह की समस्या को इग्नोर न कर ईएनटी डॉक्टर को तुरंत कंसल्ट करना चाहिए : डॉ. भोला

जींद : ( संजय तिरँगाधारी )कान शरीर का नाजुक अंग, इससे न करना तुम जंग, परदे पर लग गई चोट तो जीवन भर का लग जाएगा रोग। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कर्ण एवं श्रवण सुरक्षा को लेकर आगामी सप्ताह तक पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीएमओ डा. मनजीत सिंह के दिशा-निर्देशन में मंगलवार को नागरिक अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि सभी तरह की आवाजों को सुनने के लिए हमारे कानों का सही रहना जरूरी है लेकिन कई बार बीमारी या लापरवाही की वजह से लोग हियरिंग लॉस का शिकार हो जाते हैं। अगर समय रहते इसका उपचार करवाया जाए तो इससे बचा जा सकता है। डा. भोला ने बताया कि कई बार जब तक हमें पता चलता है कि सुनने में कोई दिक्कत हो रही है तब तक कान के 30 प्रतिशत हियर सेल्स नष्ट हो जाते हैं। कान में किसी भी तरह की समस्या हियरिंग लॉस का कारण बन सकती है। कान से वैक्स का बहना, सर्दी, जुखाम रहना और कान में दर्द होना, कान लाल होना, कान में अत्यधिक मात्रा में वैक्स बनना, वैक्स साफ  न होने के कारण इंफेक्शन होना या पस पडऩा, पस का बाहर निकलना, बुखार होना, कानों में सीटी जैसी आवाजें सुनाई देना इसके मुख्य कारण हैं। जब भी ऐसा हो तो इसे तुरंत प्रभाव से गंभीरता से लेना चाहि। डा. भोला ने बताया कि कान में किसी भी तरह की समस्या को इग्नोर न कर ईएनटी डॉक्टर को तुरंत कंसल्ट करना चाहिए। डॉक्टर कान के अंदरूनी भाग की जांच कर इंफेक्शन का पता लगाते हैं और ऑटोमाइकोटिक प्लग लगा कर इंफेक्शन को साफ  करते हैं। कान में डालने के लिए एंटी फंगल या एंटी बैक्टीरियल ईयर ड्रॉप्स और एंटीबायोटिक दवाइयां दी जाती हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को लेकर तो अभिभावकों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। जब भी सर्दी-जुखाम के बाद कान दर्द हो रहा हो तो ईएनटी सर्जन को तुरंत दिखाना चाहिए। नियमित तौर पर कान की सफाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कानों को लेकर छोटी सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। इसलिए हमेशा अपने कानों का ध्यान रखना चाहिए। समय-समय पर अपनी श्रवण क्षमता की जांच जरूर करनी चाहिए और समस्या को इग्नोर न कर इलाज कराना चाहिए।

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