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Friday, September 11, 2020

किसानों पर लाठीचार्ज का मामला: सुरजेवाला का सवाल- जींस और टी-शर्ट में किसानों को पीटते दिखे, ये पुलिसकर्मी थे या भाजपा-जजपा के गुंडे

किसानों पर लाठीचार्ज का मामला: सुरजेवाला का सवाल- जींस और टी-शर्ट में किसानों को पीटते दिखे, ये पुलिसकर्मी थे या भाजपा-जजपा के गुंडे

किसानों को रैली में जाने से रोकने के लिए इस तरह से किया गया लाठीचार्ज।

केंद्र सरकार के तीन अध्यादेश के विरोध में गुरुवार को रैली कर रहे थे किसान

किसानों को कोरोना काल में रैली करने से रोकने के लिए पुलिस ने किया था लाठीचार्ज

कुरुक्षेत्र जिले के पिपली में गुरुवार को किसानों की रैली के दौरान उनपर हुए लाठीचार्ज मामले ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस इस मौके को कतई छोड़ना नहीं चाहती, उन्होंने सरकार को इस पर घेरने की तैयारी कर ली है। इसी कड़ी में शुक्रवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला पिपली पहुंचें। यहां उन्होंने किसानों से मुलाकात की। इसके बाद बोलते हुए सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में खट्टर सरकार की गुंडागर्दी और पुलिस के जुल्म का नंगा नाच कुरुक्षेत्र की रणभूमि में पूरे देश ने देखा। सीधे सर में लाठियों से वार किया गया, जिसमें सैकड़ों लोग घायल हो गए व अनेकों को गंभीर चोटें आईं। यहां तक कि जींस और टी-शर्ट में पुलिस का हैल्मेट पहने कई लोग किसानों को पीटते देखे गए। ये पुलिसकर्मी थे या भाजपा-जजपा के प्राइवेट गुंडे।
किसानों की पगड़ियां उछालने का लगाया आरोप
तीनों अध्यादेशों का विरोध कर रहे किसान-आढ़ती-मजदूर शांतिप्रिय तरीके से किसान बचाओ-मंडी बचाओ रैली का पीपली मंडी में आयोजन करना चाहते थे। परंतु चौबीस घंटों में हजारों पुलिसकर्मी लगा किसानों और आढ़तियों के नेताओं की जबरन धरपकड़ शुरू कर दी गई, घरों पर नोटिस लगाए गए व जगह जगह पुलिस नाके लगाकर किसानों-मजदूरों-आढ़तियों को पीपली आने से रोका गया। इसके बावजूद भी जब हजारों की संख्या में लोगों ने कूच किया तो फिर पगड़ियां उछाली गईं तथा किसानों व आढ़तियों पर निर्दयता से लाठियां चलाई गईं।


कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला।


मोदी और खट्टर सरकार का बताया षडयंत्र

सुरजेवाला ने कहा कि मोदी व खट्टर सरकारों ने एक षडयंत्र के तहत खेती व फसल खरीद की पूरी मंडी व्यवस्था पर हमला बोल रखा है। भारतीय जनता पार्टी खेती के पूरे तंत्र को मुट्ठीभर कंपनियों के हाथ बेच देना चाहती है। इसीलिए एक साजिश के तहत कोरोना महामारी के बीचों-बीच तीन काले कानून अध्यादेश माध्यम से लाए गए ताकि किसान-आढ़ती-मजदूर का गठजोड़ खत्म हो तथा पूरा कृषि तंत्र ही गुलामी की बेड़ियों में जकड़ दिया जाए।

दुष्यंत चौटाला पर भी साधा निशाना

खट्टर-दुष्यंत चौटाला की जोड़ी का नाम इतिहास में उन दुर्दांत शासकों के तौर पर लिखा जाएगा, जिनका शासन किसान-आढ़ती-मजदूर पर 'दमन और जुल्म' की निशानी बन गया है। बुजुर्ग से बुजुर्ग लोगों को बेरहमी से पीटा गया। सरदार गुरनाम सिंह चडूनी सहित पूरे प्रदेश के किसानों और व्यापारियों के नेताओं पर दमन चक्र चलाया गया। सीधे सर में लाठियों से वार किया गया, जिसमें सैकड़ों लोग घायल हो गए व अनेकों को गंभीर चोटें आईं। यहां तक कि जींस और टी-शर्ट में पुलिस का हैल्मेट पहने कई लोग किसानों को पीटते देखे गए। ये पुलिसकर्मी थे या भाजपा-जजपा के प्राइवेट गुंडे। सवाल यह भी है कि अगर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भाजपा अध्यक्ष के पद ग्रहण की रैली कर सकते हैं, तो फिर किसान और आढ़ती पर यह जुल्मो-सितम क्यों? लाठी-डंडे-गोली से खट्टर-दुष्यंत चौटाला की जोड़ी हरियाणा को नहीं चला सकती।

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