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Sunday, September 13, 2020

किससे बोले गृहमंत्री अनिल विज कि आने में कर दी तुमने देरी, मैं सौंप चुका हूं विजलेंस को

किससे बोले गृहमंत्री अनिल विज कि आने में कर दी तुमने देरी, मैं सौंप चुका हूं विजलेंस को

 चंडीगढ़। कोविडकाल के दौरान सूबे में होमगार्ड्स  के पंजीकरण को लेकर सवाल उठाए जाने के पूरे मामले में अपना पक्ष रखने के लिए डीजी होमगार्ड पीआर (प्रभात रंजन) देव सूबे के गृहमंत्री अनिल विज से मिलने पहुंचे। इसी माह सेवानिवृत्त होने जा रहे देव नहीं चाहते कि उनकी रिटायरमेंट के वक्त में किसी तरह का कोई भी विवाद अथवा बखेड़ा। गत कईं दिनों से गृहमंत्री अनिल विज से मिलकर अपना पक्ष रखने की तैयारी में जुटे देव की मुलाकात बीती शाम शुक्रवार को हरियाणा सचिवालय में हुई। पूरे मामले में डीजी होमगार्ड अपना पक्ष रखने औऱ इस विभाग में तैनाती से लेकर अब तक की सारी जानकारी गृहमंत्री  विज के सामने रखने पहुंचे। शुक्रवार की देर शाम को विज ने होमगार्ड्स के पंजीकरण और बाकी बातों को लेकर ब्योरा लिया। 

 इसके साथ ही अनिल विज ने साफ कर दिया कि उन्होंने आने में देरी की है अब क्योंकि वे पूरे मामले में विजिलेंस हरियाणा डीजी को जांच का आदेश कर चुके हैं, इसीलिए उन आदेशों को किसी भी सूरत में वापस नहीं लेंगे, विज ने साफ कर दिया है कि करप्शन के मामले में शामिल किसी भी जिले का कमांडेट हो या फिर निचले ऊपर स्तर का अफसर बख्शा नहीं जाएगा। गृहमंत्री ने साफ कर दिया है कि अब पूरे मामले में विजिलेंस को जिन लोगों की जरूरत होगी, उनको जांच में शामिल किया जाएगा। अफसरशाही में खींचतान भी बखेड़ा के पीछे का कारण कुछ जिलों में होमगार्ड्स के पंजीकरण और उनको रखे जाने के मामले को एक एजेंडे के तहत उठाने के पूरे मामले को पुलिस के चंद अफसरों के बीच में चल रहीं खींचतान को लेकर भी देखा जा रहा है। जिसके कारण सितंबर में रिटायर होने जा रहे पीआर देव भी निशाने पर बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि लंबे अर्से तक शत्रुघ्न सिन्हा और कुछ अन्य नेताओं के साथ में काम करने वाले देव की कुछ पुलिस अफसरों से पटरी नहीं बैठती।
 
 यह चैलेंज जिस समय डीजीपी पद पर वर्तमान डीजी की ताजपोशी हुई, उसको लेकर भी देव ने मेरिट डी मेरिट को लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बताते हैं कि उस विवाद के कारण भी उनकी कुछ अफसरों से ठनी हुई है। होमगार्ड मामले को भी हवा देने के लिए भी कुछ लोगों को विधिवत तैयारी की गई थी। कुछ समय के लिए पंजीकरण पर लगी थी रोक यहां पर उल्लेखनीय है कि 2016 में लगी अस्थायी रोक, प्रस्ताव सिरे नहीं चढ़ सका। इस बाबत डीजी होमगार्ड आफिस की ओर से पुराने समय से लेकर अभी तक का ब्योरा जारी किया गया था। नवंबर, 2016 में कुछ समय के लिए पंजीकरण पर (एनरोलमेंट) अस्थायी तौर पर रोक लगाई थी। पंजीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और मेरिट आधार पर बनाने के लिए तत्कालीन कमांडेंट जनरल के. सेल्वराज ने सरकार को मेरिट आधार पर आनलाइन (पंजीकरण) एनरोलमेंट करने के लिए नवंबर, 2016 में प्रस्ताव दिया था। लेकिन सभी जिला कमांडेंट्स को 3 नवंबर, 2016 को पत्र लिखकर अगले आदेश तक एनरोलमेंट नहीं करने के लिए कहा था। उस समय तत्कालीन सरकार और आला अफसरों ने प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। इसलिए जब भी जिला कमांडेंट से नई एनरोलमेंट के लिए कमांडेंट जनरल से अनुमति मांगी जाती, उन्हें यह अनुमति दी जाती रही। के सेल्वराज ने स्वयं 3 नवंबर, 2016 के पत्र जारी कने के बाद 6 मार्च, 2017 और 20 अप्रैल, 2017 को पंचकूला जिला कमांडेंट को नई एनरोलमेंट करने की अनुमति भी प्रदान की थी। उनका कार्यकाल 4 जुलाई, 2016 से 27 अप्रैल, 2017 तक था।

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