Breaking

Thursday, October 15, 2020

बरोदा उपचुनाव:भाजपा-कांग्रेस के दो-दो नाम फाइनल, अपनों को छोड़ बाहरी नेताओं को दे सकते हैं टिकट

बरोदा उपचुनाव:भाजपा-कांग्रेस के दो-दो नाम फाइनल, अपनों को छोड़ बाहरी नेताओं को दे सकते हैं टिकट

नई दिल्ली : बरोदा उपचुनाव के लिए नामांकन करने के दो दिन ही शेष हैं। टिकट को लेकर दावेदारों की लड़ाई अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। अभी तक प्रत्याशियों की तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं हुई है, लेकिन गुरूवार 15 अक्टूबर को तीनों बड़ी पार्टियों अपने-अपने उम्मीदवारों का एलान कर देंगी। लेकिन इससे पहले कई बड़े उल्ट फेर देखने को मिल सकते हैं।
क्योंकि तीनो ही पार्टियां अपनों की बजाए दूसरे दलों के नेताओं पर ज्यादा विश्वास दिखा रही हैं। ऐसे में टिकट की स्थिति के अनुसार कुछ नेता इन दो दिनों में अचानक दल बदल सकते हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा और कांग्रेस ने अपने दो-दो नाम फाइनल कर लिए हैं लेकिन दोनों पार्टियां एक दूसरे का इंतजार कर रही हैं।
जिससे देख सकें कि सामने वाली पार्टी ने किस जाति का उम्मीदवार उतारा है और उसी के अनुसार वो अपने जातीय समीकरण साध सकें। इस उपचुनाव में सभी पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। ऐसे में इनकी तरफ से चुनाव में पूरा जोर लगाया जाएगा इसलिए मैदान में प्रत्याशी जाने-माने और पुराने चेहरे ही होंगे लेकिन उनका झंडा दूसरा हो सकता है।

कांग्रेस: गुटबाजी में फंसा टिकट का खेल

1. अंदरूनी नेता: कांग्रेस का एक गुट चाहता है कि पार्टी अपने अंदर के ही किसी पुराने नेता को टिकट दे। प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा और राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला आदि चाहते हैं कि यहां से विधायक रहे स्व. कृष्ण हुड्डा के बेटे जीता हुड्डा को टिकट मिले।
2. बाहरी नेता: चर्चा है कि 2019 चुनाव से ठीक पहले जेजेपी से भाजपा में आए कपूर नरवाल पिछले कुछ समय से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से नजदीकी बनाए हुए हैं और भाजपा के कार्यक्रमों से दूर हैं। वो पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। भूपेन्द्र हुड्डा उनको टिकट दिलाने का मन बना चुके हैं और उनका नाम ऊपर भेजा भी गया है।
क्यों जातीय समीकरण जरूरी
बरोदा हलका जाट बहुल क्षेत्र है। हलके में करीब 178250 मतदाता हैं। करीब 94 हजार जाट मतदाता हैं। वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गैर जाट कार्ड खेलते हुए पहलवान योगेश्वर दत्त को चुनाव मैदान में उतारा था। बड़ा चेहरा होने और मुकाबला त्रिकोणीय हाेने से कांग्रेस जीत गई।

भाजपा: जाट-नॉन जाट में उलझी पार्टी

1. जाट : पार्टी का मन किसी जाट उम्मीदवार को उतारने का है। ऐसे में पिछली बार यहां जेजेपी से चुनाव लड़े भूपेंद्र मलिक को पार्टी टिकट दे सकती है। भाजपा पहले उसे अपनी पार्टी में शामिल करवाना चाहती है। भाजपा ने भूपेंद्र से बात भी की है। जेजेपी नेता इस बात पर कम सहमत हैं कि भूपेन्द्र भाजपा ज्वाइन करे, ऐसे में विकल्प के लिए महेंद्र मलिक का नाम पैनल में रखा है। 2. योगेश्वर दत्त: अगर नॉन जाट उम्मीदवार उतारती है तो पहलवान योगेश्वर दत्त का मैदान में उतरना तय है। 2019 विधानसभा चुनाव में भी वो भाजपा की तरफ से मैदान में थे। लेकिन भाजपा अभी इंतजार कर रही है कि कांग्रेस जाट को उम्मीदवार बनाती है या किसी नॉन जाट नेता को।

भाजपा ने पहले रोहतक फिर दिल्ली में की चर्चा

भाजपा ने बुधवार रात दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के साथ बैठक की। इससे पहले दिन में रोहतक सर्किट हाउस में वरिष्ठ नेताओं की मीटिंग हुई। इसमें जजपा से केसी बांगड़ा व भूपेंद्र मलिक और भाजपा की ओर से महेंद्र मलिक और रणधीर लठवाल को लेकर बनाए गए पैनल के नामाें पर चर्चा हुई।

No comments:

Post a Comment