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Saturday, October 3, 2020

सीआरएसयू छात्राओं द्वारा बनाए गए ग्लास से बन सकेगी एलईडी व लेजर

सीआरएसयू छात्राओं द्वारा बनाए गए ग्लास से बन सकेगी एलईडी व लेजर

जींद : ( संजय तिरँगाधारी ) चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय  की तीन छात्राओं ने ऐसा ग्लास बनाया है जिससे एलईडी और लेजर बन सकेंगें। अब तक एलईडी और लेजर बनाने में फोटोमिक ग्लास का इस्तेमाल होता है लेकिन जींद की सीआरएसयू की छात्राओं  ने केमिकल से ग्लास बनाया है। इस ग्लास पर छात्राओं की रिसर्च को जर्नल ऑफ नॉन क्रिस्टलाइन सॉलिड्स  ने मई महीने में प्रकाशित की थी। अब इस खोज को छात्राओं द्वारा पेटेंट के लिए अप्लाई किया गया है।
तीनों छात्राएं सीआरएसयू में एमएससी फिजिक्स की अंतिम वर्ष की छात्राएं हैं। केमिकल ग्लास की इजाद करने वाली सीआरएसयू की छात्राओं रवीना, पूनम और शिवानी की इसमें मदद सीआरएसयू के रजिस्ट्रार डा. राजेश पूनिया और डा. निशा ने की।

इस बारे में जानकारी देते हुए सीआरसयू वीसी डा. आरबी सोलंकी और रजिस्ट्रार डा. राजेश पूनिया ने बताया कि विश्वविद्यालय लैब में यह इजाद छात्राओं ने की है। दिल्ली और आंध्र प्रदेश की लैब में इसकी जांच हुई और जांच में यह साबित हुआ कि छात्राओं ने केमिकल से ऐसा ग्लास बनाया है, जिससे एलईडी और लेजर बनाई जा सकती हैं। वीसी डा. आरबी सोलंकी, रजिस्ट्रार राजेश पूनिया ने कहा कि छात्राओं की केमिकल ग्लास की इजाद को पेटेंट करवाने के लिए अप्लाई किया गया है। पेटेंट होने के बाद छात्राओं और विश्वविद्यालय को इससे काफी आय होने लगेगी।
केमिकल ग्लास की इजाद करने वाली छात्राओं में से एक राजपुर भैण गांव की रवीना ने बताया कि केमिकल ग्लास से एलईडी और लेजर बनेंगे। कम इन पुट से ज्यादा आउटपुट मिलेगा। भारतीय नेवी की सब मैरीन में लेजर का इस्तेमाल नेवी को नई मजबूती देगा। कैंसर के उपचार में भी केमिकल ग्लास से बनने वाली लेजर बहुत ज्यादा उपयोगी होगी। रविना ने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय वीसी डा. आरबी सोलंकी, रजिस्ट्रार डा. राजेश पूनिया और फिजिक्स विभाग की मुखिया डा. निशा को जाता है।

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