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Thursday, October 8, 2020

विधायक असीम के धरने की बैकग्राउंड:गांवों में लगातार विरोध में बैनर लगे, तस्वीर पर कालिख पोती गई और विपक्ष हावी हो रहा था

विधायक असीम के धरने की बैकग्राउंड:गांवों में लगातार विरोध में बैनर लगे, तस्वीर पर कालिख पोती गई और विपक्ष हावी हो रहा था

अम्बाला : अनाज मंडियों में धान खरीद की व्यवस्था सही न होने का आरोप लगाते हुए अम्बाला सिटी से भाजपा विधायक असीम गोयल बुधवार को चंडीगढ़ में विधानसभा के बाहर अचानक ही धरने पर नहीं बैठे। इसकी पृष्ठभूमि कई दिन से तैयार हो रही थी। अम्बाला में पहले केंद्र के 3 कृषि बिलों और फिर मंडियों में खरीद को लेकर किसान लगातार धरने प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें विपक्ष के नेता लगातार पहुंचकर हमलावर हो रहे थे।
पिछले कुछ दिनों से कई गांवों में भाकियू ने भाजपा-जजपा के नेताओं के बहिष्कार के बैनर-पोस्टर लगाए। तीन-चार दिन पहले नेशनल हाईवे के बोर्ड पर लगी विधायक की तस्वीर पर कालिख पोत दी गई। विधायक के अपने पैतृक गांव नन्यौला की अनाज मंडी में उनके खिलाफ नारे लगे। मंगलवार को सिटी के किंगफिशर पर्यटन केंद्र में विधानसभा की लोक उपक्रम संबंधित समिति की बैठक थी। यह समिति मंडियों में सुचारू खरीद पर निगरानी के लिए बनाई गई है। गोयल इसके अध्यक्ष हैं।
बैठक में असीम गोयल, बादली से विधायक कुलदीप वत्स, फतेहाबाद से विधायक दूड़ा राम, राई से विधायक मोहन लाल व फरीदाबाद से विधायक राजेश नागर थे। मीटिंग के बाद समिति में शामिल विधायकों को सिटी अनाज मंडी का दौरा करना था। लेकिन मंडी में गेट पास को लेकर किसान मार्केटिंग बोर्ड कार्यालय पर धरना दे रहे थे। किसानों की नाराजगी भांप कर विधायक वहां नहीं गए। बुधवार को सुबह ही असीम गोयल ने चंडीगढ़ विधानसभा भवन के बाहर अकेले ही धरना शुरू कर दिया। गोयल ने सारी अव्यवस्थाओं के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास को दोषी ठहराया। सोमवार तक मंडियों में व्यवस्था ठीक न होने पर बड़ा धरना देने की बात कही।

असीम बोले- सरकार के खिलाफ नहीं, अफसर की ईगो के खिलाफ धरना

मैंने सरकार के खिलाफ नहीं बैठा बल्कि एक अधिकारी की तानाशाही व ईगो के खिलाफ धरना दिया। सरकार ने जनप्रिय नीतियां बनाई लेकिन अधिकारी ने उन्हें बिगाड़ने की कोशिश की। आज किसान व व्यापारी परेशान हैं। किसान सुबह से लाइन में लगता है, शाम तक पोर्टल पर नंबर नहीं चढ़ता। किसान इस अधिकारी से मिले तो उन्हें हड़का कर भेज दिया, व्यापारी मिले तो उन्हें चोर बताया। मैं 5 लाख लोगों का भेजा हुआ वकील हूं, मैं चंडीगढ़ सैर-सपाटा करने नहीं आया। मैं सरकार के खिलाफ नहीं हूं। मुख्यमंत्री जी ने मुझे हमेशा प्यार व आशीर्वाद दिया है।
तो क्या सरकार पर अफसरशाही हावी है?

नहीं मैं ऐसा नहीं कह रहा। कुछ अफसरों की सरकार से ऊपर ईगो होती है।

क्या मुख्यमंत्री इस मामले को जानते हैं?

मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में सारी बाते हैं।

अधिकारी पर क्या कार्रवाई होनी चाहिए?

मेरा उनसे कोई व्यक्तिगत विरोध नहीं है। वो मंडियों की व्यवस्था ठीक कर दें। मैं उसके साथ हूं।

क्या इस धरने से विपक्ष को मुद्दा नहीं मिल जाएगा?

मैं राजनीति करने नहीं बैठा हूं। सरकार का कोई और विधायक बैठेगा भी नहीं, इसके लिए बड़ा जिगरा चाहिए। मुझे जनता ने विधायक बनाया है।

25 जून 2019: मंत्री की मौजूदगी में एसपी के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए थे

25 जून 2019 को सिटी के पंचायत भवन में परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में विधायक असीम गोयल ने अम्बाला पुलिस हाय हाय व एसपी मुर्दाबाद के नारे लगाए थे। एसपी मोहित हांडा मंच पर ही बैठे थे। एक युवक ने पुलिस पर पीटने और अवैध हथियार का फर्जी मामला दर्ज करने की धमकी देने का आरोप लगाया था। तब विधायक ने कहा था कि अम्बाला को यहां की पुलिस बिहार बनाना चाहती है। मंत्री ने उन्हें शांत करते हुए तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने व एसआईटी गठित करने का आदेश दिए थे। कुछ दिन बाद एसपी का तबादला हो गया था।

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