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Saturday, November 7, 2020

पूर्व सीएम ओपी चौटाला को हाईकोर्ट से झटका , पुश्तैनी कोठी में पोतों की शादी पर रोक

पूर्व सीएम ओपी चौटाला को हाईकोर्ट से झटका , पुश्तैनी कोठी में पोतों की शादी पर रोक

चंडीगढ़ : हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। हाई कोर्ट ने चौटाला के तेजाखेड़ा स्थित फार्म हाउस में बनी पुश्तैनी कोठी में उनके पोतों की शादी की अनुमति पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट के जस्टिस एजी मसीह व जस्टिस राजेश भारद्वाज पर आधारित पीठ ने यह आदेश प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई करते हुए जारी किया।

इसी के साथ हाई कोर्ट ने ओम प्रकाश चौटाला व अन्य प्रतिवादी पक्ष को 11 नवंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के वकील अरविंद मौदगिल ने बेंच को बताया कि पिछले साल ओमप्रकाश चौटाला की तेजाखेड़ा स्थित फार्म हाउस में बनी पुश्तैनी कोठी को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने अटैच कर लिया था।

नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में ओमप्रकाश चौटाला के दो पौत्रों करण चौटाला व अर्जुन चौटाला के विवाह हैं। दोनों अभय सिंह चौटाला के पुत्र हैं। इसके लिए ओमप्रकाश चौटाला की तरफ से अटैच तेजाखेड़ा स्थित फार्म हाउस में बनी पुश्तैनी कोठी को विवाह के लिए प्रयोग करने की मांग की गई।

चौटाला परिवार सात दिसंबर को यह कोठी दोबारा प्रवर्तन निदेशालय को वापस कर देगा। प्रवर्तन निदेशालय ने अपीलय ट्रिब्यूनल के आदेश को रद करने की मांग करते हुए कहा कि जब प्रवर्तन निदेशालय ने किसी संपति को अटैच किया हुआ हो और ट्रायल जारी हो तो कैसे संपति को छोड़ा जा सकता है। प्रापर्टी प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 की धारा 8 (4) के तहत यह संपति प्रवर्तन निदेशालय के कब्जे में है।

भ्रष्टाचार का मामला प्रवर्तन निदेशालय ने कन्फर्म कर दिया है। ऐसे में किसी अटैच संपति आरोपित को नहीं दी जा सकती। प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि अपीलीय ट्रिब्यूनल ने छह नवंबर से पहले कोठी चौटाला को देने का आदेश दिया है। प्रवर्तन निदेशालय के वकील की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट अपीलीय ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक लगाते हुए ओम प्रकाश चौटाला से जवाब तलब किया है।
 

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