Breaking

Sunday, November 8, 2020

राम रहीम को गुपचुप पैरोल:मुख्यमंत्री मनोहर लाल बोले- गुरमीत की मां बीमार थी, मिलवाकर वापस ले आए, बात खत्म

राम रहीम को गुपचुप पैरोल:मुख्यमंत्री मनोहर लाल बोले- गुरमीत की मां बीमार थी, मिलवाकर वापस ले आए, बात खत्म

फ़तेहाबाद : दुष्कर्म और हत्या के मामले में 20 साल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को गुपचुप तरीके से एक दिन की पैरोल देने के मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा- यह जेल प्रशासन का काम है। जेल मेन्युल में जेल सुपरिंटेंडेंट को विशेष अधिकार होता है। राम रहीम की मां बीमार थी तो उन्हें उनकी मां से मिलवा दिया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें अस्पताल ले जाया गया और सूर्यास्त से पहले वापस ले आए। बस बात खत्म हो गई। मुख्यमंत्री फतेहाबाद के गांव दौलतपुर में पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया की भतीजी की शादी में शिरकत करने आए थे।

गुपचुप बाहर आया था राम रहीम: बाबा को खट्टर सरकार ने एक दिन की पैरोल दिलाई, 300 जवानों की सुरक्षा में गुड़गांव भेजा गया

राम रहीम को 24 अक्टूबर को अपनी बीमार मां से मिलने के लिए पैरोल दी गई थी। सरकार और जेल प्रशासन ने मीडिया तक को भी इसकी भनक नहीं लगने दी। पैरोल के बाद राम रहीम गुड़गांव के एक अस्पताल में भर्ती अपनी मां से मिलकर आया। उसे सुनारियां जेल से गुड़गांव के अस्पताल तक बख्तरबंद गाड़ी में ले जाया और फिर लाया गया।

राम रहीम 25 अगस्त 2017 से रोहतक जेल में बंद है। डेरे की पूर्व साध्वियों से दुष्कर्म और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में राम रहीम को दोषी करार दिया गया था। पैरोल मिलने का मामला सामने आने के बाद जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने इस पर कहा है कि बाबा को पैरोल नियमों के हिसाब से दी गई है। हालांकि, उसने पहले भी कई बार पैरोल के लिए अर्जी लगाई , लेकिन उसे मंजूरी नहीं मिली।

राम रहीम की सुरक्षा में पुलिस की तीन टुकड़ी

राम रहीम 24 अक्टूबर को शाम तक अपनी बीमार मां के साथ रहा। सूत्रों ने बताया कि हरियाणा पुलिस की तीन टुकड़ी तैनात थी। एक टुकड़ी में 80 से 100 जवान थे। यानी 250 से 300 जवानों की तैनाती की गई थी। डेरा चीफ को जेल से बख्तरबंद गाड़ी में लाया गया। गुड़गांव में पुलिस ने अस्पताल के बेसमेंट में गाड़ी पार्क की। जिस फ्लोर में उसकी मां का इलाज चल रहा था, उसे पूरा खाली कराया गया था।

इस मामले की पुष्टि रोहतक एसपी राहुल शर्मा ने की है। उन्होंने बताया कि उन्हें जेल सुपरिंटेंडेंट से राम रहीम के गुड़गांव दौरे के लिए सुरक्षा व्यवस्था का निवेदन मिला था। 24 अक्टूबर को सुबह से लेकर शाम ढलने तक सुरक्षा उपलब्ध कराई थी। सब कुछ शांति से हुआ। दूसरी ओर शनिवार दोपहर इस मामले पर प्रदेश के जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने भी अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि राम रहीम को सारे नियम को ध्यान में रखते हुए पैरोल दी गई थी।

राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई गई है

2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। छत्रपति अपने समाचार पत्र में डेरा से जुड़ी खबरों को प्रकाशित करते थे। पत्रकार छत्रपति की हत्या के बाद परिजनों ने मामला दर्ज कराया था और बाद में इसे CBI को सौंप दिया गया था। CBI ने 2007 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी और इसमें डेरा प्रमुख राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था। इससे पहले 28 अगस्त 2017 में CBI की विशेष कोर्ट ने दो महिलाओं के साथ रेप के मामले में राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई थी।

डेरा सच्चा सौदा के अनुनायियो मे ख़ुशी की लहर

हालाकी गुरु राम राम रहीम को केवल एक दिन की पैरोल दी गई थी लेकिन इस पैरोल को दिए जाने के बाद डेरा सच्चा सौदा के अनुनायियो मे एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया | अब भगतो को उम्मीद जागने लगी है कि जल्द ही पिता जी / गुरु जी को लम्बी परोल या फरलो दी जाएगी | जबकि पहले जेल मंत्री और अब मुख्यमंत्री के शब्द भी इस ओर ईशारा कर रहे है कि आने वाले समय ,मे बाबा राम रहीम को और छुट मिल सकती है | की  भगतों का मानना है कि गुरु जी यदि जेल गये है तो ये भी एक मिशन के तहत गये है इसी बारे वो कई बार अपने सगत से सत्संग मे चर्चा कर चुके थे | बाकि आने वाले समय मे और स्पष्टीकरण जनहित मे होगा |

No comments:

Post a Comment