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Friday, February 26, 2021

निर्माण शुरू:चढ़ूनी में गीतालय का भूमि पूजन के साथ निर्माण शुरू

निर्माण शुरू:चढ़ूनी में गीतालय का भूमि पूजन के साथ निर्माण शुरू


कुरुक्षेत्र : गौरांग इंस्टीट्यूट फॉर वैदिक एजुकेशन की ओर से चढ़ूनी को गांव चढूनी जाटान शाहाबाद में 50 करोड़ की लागत से बनने वाले गीता लय का भूमि पूजन किया गया। गौरांग इंस्टीट्यूट फॉर वैदिक एजुकेशन के संस्थापक वृंदावनचंद्र ने हवन यज्ञ में आहुतियां डालने के बाद भूमि पूजन कर निर्माण कार्य की ईंट रखी।
5.3 एकड़ में बनने वाले गीता लय में गीता पर शोध कार्य करने के साथ ही गीता का प्रचार केंद्र भी बनाया जाएगा। 50 करोड़ की लागत से बनने वाले गीता लय के लिए देश के बड़े उद्योगपतियों और श्रद्धालुओं से धन जुटाने की योजना है।
गौरांग की स्थापना 2007 में वृंदावन चंद्र दास ने की थी। जिसकी शाखाएं अम्बाला, सैन होसे, ब्रिसबेन, दुबई, कुवैत, गुरुग्राम, जयपुर, नई दिल्ली, हैदराबाद, लखनऊ, चंडीगढ़, मुंबई, बैंगलुरू, चेन्नई, अहमदाबाद, इंदौर, कोलकाता, पुणे और कुरुक्षेत्र में है। इस मौके पर गीतालय परियोजना कुरुक्षेत्र के संस्थापक संरक्षक सुरेश कुमार पोद्दार सहित विभिन्न प्रदेशों से पहुंचे श्रद्धालु भी मौजूद रहे।
25 साल तक इस्कॉन के साथ रहकर हुए अलग : वृंदावन चंद्रदास ने बताया कि गौड़ीय-वैष्णव संप्रदाय में दीक्षा लेने के बाद वे स्वामी ठाकुर प्रभुपाद के औपचारिक शिष्य बने। 1983 से 2007 तक इस्कॉन में विभिन्न पदों पर रहे। इसी दौरान दो वर्षों के लिए इस्कॉन भारत के अध्यक्ष भी बने।
चंद्रदास ने बताया कि प्रभुपाद ने जिन नियमों के साथ इस्कॉन की स्थापना की थी, उन्होंने महसूस किया कि उन नियमों का पालन नहीं हो रहा। इसके चलते उन्होंने 2007 में गौरांग इंस्टीट्यूट की स्थापना की। उन्होंने कहा कि गीता के अध्ययन के लिए गीता लय को अंतरराष्ट्रीय संस्थान के रूप में तैयार किया जाएगा। सभी क्षेत्रों के लोग यहां आ सकते हैं और यहां रहकर वे श्रीमद भगवद गीता के ज्ञान को समझ सकते हैं। चंद्र दास ने बताया कि गीता लय में शिक्षकों, व्यापारियों, वकीलों, छात्रों, चिकित्सकों और सीए के लिए गीता से जुड़े अल्पकालीन और दीर्घकालीन पाठ्यक्रम भी चलाए जाएंगे।

2022 तक पहले चरण का निर्माण होगा पूरा

एक लाख 75 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में गीता लय परिसर का निर्माण कार्य किया जाएगा। परियोजना को विभिन्न चरणों में पूरा किया जाना है। पहले चरण से ही गीता लय को शुरू करने की योजना तैयार की गई है। इंस्टीट्यूट की ओर से वर्ष 2022 के मध्य तक पहले चरण को पूरा करने करने का प्लान है। जिसके तहत 75 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में निर्माण होगा। पहले चरण पर 20 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
गीता लय के माध्यम से पूरे विश्व में श्रीमद भगवद गीता के संदेश को फैलाने का काम किया जाएगा। जिसमें सभी कार्य क्षेत्रों से जुड़े लोग गीता संदेश को जानने के लिए आ पाएंगे। गीता लय में गोशाला, सनाथालय, प्रशासनिक कार्यालय, गुरुकुल, पुस्तकालय और प्रचार केबिन भी बनाए जाएंगे। इसके साथ ही प्रसाद वितरण के लिए अलग से कॉर्नर बनाया जाएगा। इसमें भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाए प्रसाद को 24 घंटे परोसा जाएगा।

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