किसान आंदोलन:40 लाख ट्रैक्टर बैरिकेड तोड़ संसद जाएंगे, इंडिया गेट के पार्कों में करेंगे खेती: टिकैत
नई दिल्ली : कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने मंगलवार को पगड़ी संभाल दिवस मनाया, जिसमें मंचों पर किसान अपने-अपने क्षेत्र की पगड़ी पहन कर पहुंचे। कुंडली बॉर्डर पर शहीद भगत सिंह के परिवार के सदस्य भी पहुंचे। अब बुधवार को किसान देशभर में तहसील और जिला मुख्यालयों पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर दमन विरोधी दिवस मनाएंगे।
वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को राजस्थान के सीकर में महापंचायत में संसद मार्च का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि 40 लाख ट्रैक्टर लेकर संसद जाएंगे। ट्रैक्टर ही किसान का टैंक है। ट्रैक्टर चलेंगे, बैरिकेड टूटेंगे और हम संसद पर तिरंगा लहराएंगे। दिल्ली की घेरेबंदी होगी और इंडिया गेट के पास जो पार्क हैं, उनमें किसान ट्रैक्टर चलाकर खेती करेंंगे।
इसकी तारीख का ऐलान जल्द संयुक्त मोर्चा करेगा। लोग तेल भरवाकर ट्रैक्टर तैयार रखें। अब हलक्रांति होगी। खेती में प्रयोग होने वाले सभी औजार लेकर संसद पर जाएंगे। इसमें 6 सिंगा और 12 सिंगा (जेली) भी होगी।
*किसानों से कहा: ट्रैक्टर में तेल भरवा कर रखें, जल्द मोर्चा बताएगा तारीख*
बठिंडा में लक्खा पहुंचा मंच पर
दिल्ली हिंसा का आरोपी लक्खा सिधाना मंगलवार को पंजाब में बठिंडा के महाराज गांव में आयोजित किसान महारैली में देखा गया। इस दौरान किसानों ने मंच से चेतावनी दी कि यहां दिल्ली पुलिस आई तो उसका घेराव किया जाएगा। यह गांव प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का पैतृक गांव है। वहीं मंच से लक्खा ने कहा कि अब आंदोलन इतना बड़ा है कि पुलिस किसी को अरेस्ट नहीं कर सकती। अगर पंजाब में किसी को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस आती है और पंजाब पुलिस उस टीम का सहयोग करती है तो उसके जिम्मेदार कैप्टन अमरिंदर सिंह होंगे। लक्खा पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपए ईनाम रखा है।
*गोदाम तोड़कर बनाएंगे गोशाला*
राकेश टिकैत ने कहा कि ये जो बड़े-बड़े गोदाम अडानी और बाकियों के बने हुए हैं, ये तोड़े जाएंगे। इसकी तारीख का ऐलान भी मोर्चा ही करेगा। सब तैयारी रखो। उन्होंने कहा कि इन गोदामों को या तोड़ेंगे या फिर इनकी जगह गोशाला बनाएंगे। अनाज को हम तिजोरी में बंद नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन भी चलाएगा और फसल की कटाई भी करेगा। कोई भी किसान फसल नष्ट न करे।
आंदोलन में फिर लौटे वीएम सिंह
26 जनवरी की हिंसा के बाद सड़क से उठकर आंदोलन समाप्त करने वाले किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम. सिंह ने मंगलवार को अपनी यूनियन की बैठक की और यूपी में गांव स्तर पर आंदोलन को तेज करने की रणनीति बनाई। इस दौरान सिंह ने कहा कि मैंने ये कभी नहीं कहा कि आंदोलन से हट रहा हूं। हमने कहा था कि हम उस स्वरूप से हट रहे हैं। अब नए स्वरूप से वापस आ रहे हैं। हमारा मानना है कि गांव-गांव में आंदोलन पहुंचेगा तो फायदा होगा।
पगड़ी किसान की शान: मोर्चा
कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने कहा कि एक समय में पगड़ी किसान की शान होती थी, लेकिन सरकार उस पगड़ी को फांसी बना रही है। किसानी पहले से ही बहुत गहरे संकट से गुजर रही है। अब ये तीनों कानूनों का लागू होना और एमएसपी का ना मिलना, इस संकट को और बढ़ाएगा। इससे किसानी बुरी तरह बर्बाद हो जाएगी। इस दौरान मोर्चे के सदस्यों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुए टकराव की भी निंदा की।
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