अब कॉलेज स्टूडेंट्स को ड्राइविंग सिखाएगी हरियाणा सरकार, पढ़े जरूरी खबर
चंडीगढ़ : हरियाणा में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को पूरी तरह से खत्म करने के लिए सरकार बेहद संजीदा है। इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने परिवहन और पुलिस विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। परिवहन विभाग ने एक अध्ययन के बाद महसूस किया कि शहरों में ट्रैफिक पार्क, आइटीआइ में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर और विभिन्न स्थानों पर मोटर व्हीकल टेस्टिंग सेंटर खोलकर जहां लोगों को सड़क दुर्घटनाएं रोकने के प्रति जागरूक किया जा सकता है, वहीं कालेजों में उच्च शिक्षा के लिए दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को ड्राइविंग में निपुण बनाना बेहद जरूरी हो गया है।
इसके लिए कालेजों में ट्रैफिक इंटरपीटेशन सेंटर स्थापित करने की जरूरत महसूस की गई है। परिवहन विभाग चाहता है कि उच्च शिक्षा के लिए कालेजों में प्रवेश लेने वाले सभी युवक और युवतियों को बेहतर चालक बनाने की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि यह युवा समाज की ईकाई बनकर जीवन की शुरुआत करने पर बेहतर नागरिक साबित हो सकें। स्कूलों में बच्चों को यातायात के नियमों की जानकारी देकर उन्हें शुरू से ही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के प्रति जागरूक बनाए जाने की जरूरत भी महसूस की गई है।
परिवहन विभाग के प्रधान सचिव शत्रुजीत कपूर और महानिदेशक अमिताभ ढिल्लो ने राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों तथा आरटीए सचिवों के साथ बैठक कर सड़क दुर्घटनाओं को शून्य पर लाने के लिए मिलकर काम करने के निर्देश दिए हैं। शत्रुजीत कपूर और अमिताभ ढिल्लोंं दोनों ही आइपीएस अधिकारी हैं। यह पहला मौका है, जब सरकार ने आइपीएस अधिकारियों को परिवहन विभाग की कमान सौंपी है।
पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में सरकार ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंपकर एक नीतिगत निर्णय लिया है, क्योंकि आइपीएस अधिकारी पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली से भी वाकिफ होते हैं। उन्हें पता है कि कहां सुधार की गुंजाइश है। 32वें राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के बाद शत्रुजीत कपूर ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस अधीक्षकों एवं आरटीए सचिवों को कालेज, स्कूल और समाजसेवी संगठनों को भी अभियान से जोड़ने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दुर्घटना शून्य हरियाणा के सपने को साकार करने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने सभी कालेजों में ट्रैफिक इंटरपीटेशन सेंटर की स्थापना करने का भी सुझाव दिया है। हालांकि ऐसे सेंटर कुछ कालेजों में बनने का दावा किया जा रहा है, लेकिन अधिकतर में बनने बाकी हैं। इस कार्य में जिला उपायुक्तों से सहयोग मांगा गया है, ताकि हर जिले में सड़क सुरक्षा परिषद की नियमित बैठक का सिलसिला आरंभ किया जा सके।
परिवहन आयुक्त अमिताभ सिंह ढिल्लों ने लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया में झोल खत्म करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन की इंजीनियरिंग की दृष्टि से हरियाणा की सड़कों का रोड सेफ्टी आडिट कराया जाएगा, ताकि दुर्घटना बिंदुओं की पहचान कर उन्हें हादसा मुक्त किया जा सके। सामाज के हर वर्ग को जागरूक करने के लिए दुर्घटना के शिकार परिवारों की पीड़ा की कहानी पर डाक्यूमेंटरी बनाने की भी योजना है। सभी विश्वविद्यालयों के जनसंचार विभाग के छात्रों द्वारा यह डाक्यूमेंटरी बनवाई जाएगी। फिर बाद में इसके लिए फिल्म उत्सव का आयोजन किया जाए। उन्होंने सेफ ड्राइविंग के लिए चालकों को सम्मानित करने का प्रस्ताव भी रखा।
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