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Tuesday, March 2, 2021

सरस्वती की जलधारा के लिए तीन गांवों के किसानों ने दी जमीन

सरस्वती की जलधारा के लिए तीन गांवों के किसानों ने दी जमीन

चण्डीगढ : - हरियाणा के खेल एवं युवा मामलेे राज्यमंत्री सरदार संदीप सिंह ने कहा कि सरस्वती नदी के प्रवाह को लेकर सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।  इसके लिए यमुनानगर जिले के तीन गांवों के किसानों ने दादूपुर नलवी के तीन किलोमीटर तक की भूमि सरकार को देने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में खेल एवं युवा मामले राज्यमंत्री सरदार संदीप सिंह से आज चण्डीगढ स्थित निवास पर यमुनानगर जिले के किसानों का प्रतिनिधिमण्डल मिला। सरदार संदीप सिंह ने कहा कि हरियाणा में सरस्वती नदी की धारा लगातार सालभर बहे और किसानों को इसका पूरा लाभ मिले। मुख्यमंत्री का भी यह विजन है कि सरस्वती नदी का प्रवाह निरंतर चलता रहे। इसके लिए स्यालवा, झाड़ चन्दना व उंचा चंदना सहित 3 गांवों के किसानों ने खुद आगे आकर सरकार को भूमि देने की पहल की है। उन्होंने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से बातचीत कर किसानों की जायज मांगों पर चर्चा करेंगे।

*क्षेत्र में जलस्तर बढ़ेगा*

खेल मंत्री ने कहा कि सरस्वती नदी से किसानों की आस्था जुड़ी हुई है। लेकिन दादूपुर नलवी के लगभग 3 किलोमीटर के दायरे में इस नदी का प्रवाह नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों का सरकार को भूमि देने के लिए स्वयं आगे आना सरकार के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि दादूपुर नलवी नहर का पानी सरस्वती नदी से जुड़ेगा तो इस क्षेत्र में जलस्तर स्तर भी बढ़ेगा।
अब जलधारा में कोई बाधा नहीं रहेगी
किसानों के प्रतिनिधि मण्डल ने बताया कि यमुनानगर के इन तीन गांवों की लगभग 60 एकड़ भूमि पर लिंक नहर न बनने के कारण सरस्वती नदी के प्रवाह में बाधा आ रही थी। इसलिए किसानों ने आगे आकर जमीन देने के लिए रुचि दिखाई है तथा दादूपुर नलवी नहर का यह क्षेत्र सरस्वती नदी से जुडऩे से अब सरस्वती नदी की जलधारा में कोई बाधा नहीं रहेगी। किसानों का कहना है कि अपनी आने वाली पीढिय़ों को जल उपलब्ध कराने के लिए वह हर प्रकार का त्याग करने को तैयार हैं। सरस्वती नदी के धरातल पर आने से उनके क्षेत्र के साथ-साथ हरियाणा के अन्य जिलों में भी पानी की समस्या दूर होगी। प्रतिनिधि मण्डल में सुभाष चौहान, रामपाल सिंह, जितेन्द्र सिंह, तेलू भगत, महावीर सिंह, वेदपाल, कवंरपाल, इन्द्रजीत, जोगेन्द्र सिंह, प्रताप सिंह महल आदि शामिल थे।

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