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Wednesday, March 17, 2021

जींद में चार दूल्हे लौटे बिना दुल्हन के, प्रशासन ने रुकवाई शादियां

जींद में चार दूल्हे लौटे बिना दुल्हन के, प्रशासन ने रुकवाई शादियां 

जींद : एक तरफ जहां हरियाणा विकास के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है वहीं यहां आज भी बाल विवाह रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। हरियाणा की राजनीतिक राजधानी कहे जाने वाले मध्य हरियाणा के जींद में बाल विवाह लगातार जारी हैं। कोई इसे अपनी बिरादरी की वर्षों पुरानी परंपरा बता रहा है तो आर्थिक मजबूरी का हवाला दे रहा है। इस साल में बाल विवाह के 40 मामले सामने आ चुके हैं। यह मामले ऐसे हैं, जिनकी प्रशासन को सूचना मिली और रुकवाया गया है। जानकारों का मानना है कि प्रशासन को जानकारी नहीं मिलने की वजह से कई बाल विवाह हो जाते हैं। 

कल बाल विवाह निषेध अधिकारी की टीम ने तीन जगह पर चार नाबालिगों की शादियां रुकवाई हैं। इसमें एक शादी में लड़का और लड़की दोनों ही नाबालिग मिले, जबकि दो अन्य शादियों में लड़कियां नाबालिग मिली हैं। सूचना मिलने पर विभाग की टीम ने इन तीनों गांवों में जाकर नाबालिगों को शादियों को रुकवा दिया और परिजनों को बालिग होने तक शादी नहीं करने की चेतावनी दी।

जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता ने बताया कि उनको महिला हेल्पलाइन के माध्यम से सूचना मिली थी कि उचाना कलां गांव में एक नाबालिग लड़की की शादी करवाई जा रही है। बारात भी पंजाब के सुनाम जिले से आ चुकी है। विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों के आयु के दस्तावेज जांचे तो उसमें दूल्हे की आयु 19 तो दुल्हन की आयु 16 वर्ष मिली। इसके अलावा रजाना खुर्द में दो बहनों की शादी करवाई जा रही थी। जिसमें छोटी लड़की की आयु साढ़े 16 वर्ष मिली। जिसकी बारात पानीपत से आई थी। जबकि बड़ी लड़की की आयु पूरी 18 वर्ष मिली।

इसके अलावा तीसरी नाबालिग की शादी की सूचना दरियावाला गांव से मिली। जहां पर विभाग की टीम ने जाकर लड़की व लड़के की आयु के दस्तावेज जांचे तो उनमें लड़की की आयु साढ़े 17 वर्ष मिली, जबकि लड़का बालिग मिला। इस प्रकार जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता ने परिजनों को लड़की व लड़कों के बालिग होने तक शादी नहीं करने के लिए चेतावनी दी। साथ ही लिखित आश्वासन लिया कि वे बालिग होने तक शादियां नहीं करवाएंगे। सुनीता ने कहा कि यदि वे ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 

हालांकि इस साल में अब तक बाल विवाह के 40 मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन किसी भी मामले में परिवार के लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। सभी मामलों में सिर्फ परिवार के लोगों को चेतावनी ही दी जाती है।बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता ने बताया कि सभी मामलों में परिजन यही बताते हैं कि उन्हें कानून की जानकारी नहीं है। वहीं बाल विवाह करने वाले लोग आर्थिक रूप से काफी कमजोर व अशिक्षित होते हैं। चेतावनी देने व कानून की जानकारी देने पर वे बाल विवाह नहीं करने का आश्वासन देते हैं। इसके बाद भी वहां नजर रखी जाती है। यदि कोई दोबारा ऐसा करता है तो वहां कार्रवाई की जाती है। नहीं हो समझाने से ही काम चल जाता है।

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