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Friday, May 14, 2021

चूर्ण ज्यादा खाने से बिगड़ी थी गुरमीत राम रहीम की तबीयत

चूर्ण ज्यादा खाने से बिगड़ी थी गुरमीत राम रहीम की तबीयत 


रोहतक : सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का स्वास्थ्य बीपी और शुगर के लिए बनाए गए घरेलू चूर्ण की मात्रा ज्यादा खाने से बिगड़ गया था। 21 घंटे तक पीजीआई में उपचार देने के बाद रामरहीम को वीरवार को भारी सुरक्षा के बीच सुनारियां जेल भेज दिया गया। उनकेे पूरे शरीर के टेस्ट किए गए, जो नार्मल मिले हैं। अब उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक है। रामरहीम के जेल जाने के बाद पीजीआई और प्रशासन के अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है। दरअसल, जेल में बंद रामरहीम ने शूगर और बीपी की समस्या के लिए घरेलू चूर्ण बनवाया हुआ है। बुधवार को उन्हाेंने सुबह चूर्ण का ज्यादा मात्रा में सेवन कर लिया, जिससे कुछ ही देर में उन्हें बेचैनी होने लगी और बीपी का स्तर गिर गया। उन्होंने जेल प्रशासन को मामले की जानकारी दी। जिसके बाद जेल अस्पताल के चिकित्सकों ने उनके स्वास्थ्य की जांच की। जांच में बीपी का स्तर कम और बेचैनी की बात सामने आई। पीजीआई के चिकित्सकों की टीम ने भी जेल में जाकर उनके स्वास्थ्य की जांच की। जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए पीजीआई लाने का फैसला किया गया। आनन फानन में पीजीआई में तैयारियां की गई। पुलिस प्रशासन को सूचित किया गया। पीजीआई के चारों तरफ पुलिस ने डेरा डाल लिया।
शाम छह बजकर दस मिनट पर रामहीम को पीजीआई लाया गया, जहां उपचार शुरू किया गया। ये टेस्ट किए पीजीआई के चिकित्सकों ने उसके पूरे शरीर की जांच की। पेट का अल्ट्रासाउंड करवाया गया। ईसीजी और इक्को की गई। क्लर डोपलर टेस्ट, शुगर जांच और चर्बी की जांच की गई। हृदय रोग चिकित्सक चाहते थे कि उनकी इंजियोग्राफी और होल्टर मॉनीटरिंग की जाए, लेकिन रामरहीम ने इन दोनों जांच के लिए यह कहते हुए मना कर दिया कि वह पूरी तरह से स्वस्थ्य महसूस कर रहे हैं। उनकी सभी रिपोर्ट नार्मल पाई गई। उनका वजन 83 किलो है जबकि उनकी उम्र 53 वर्ष है। पहले की अपेक्षा उन्होंने व्यायाम से वजन कम किया है। बृहस्पतिवार को सभी रिपोर्ट आने के बाद उनका बीपी सामान्य पाया गया, जिसके बाद सुरक्षा के साथ जेल भेज दिया गया। सात चिकित्सकों का बनाया गया था पैनल पीजीआई की ओर से रामरहीम का उपचार करने के लिए सात चिकित्सकों का बोर्ड गठित किया गया था। जिसमें डॉ केएस लाल्हड़, डॉ. अश्वनी, डाॅ. प्रवीन मल्होत्रा, डॉ. राजेश राजूपत, डॉ. सुरेखा डाबला, डाॅ. सुधीर अत्री और डॉ. आरएस चौहान को शामिल किया गया था। टीम ने राम रहीम के टेस्ट कर उपचार शुरू कर दिया था।

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