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Saturday, May 1, 2021

8 रुपये किलो की लकड़ी श्मशान घाटों में 14 रुपये में मिल रही

8 रुपये किलो की लकड़ी श्मशान घाटों में 14 रुपये में मिल रही

बहादूरगढ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैसे तो 'आपदा में अवसर' वाक्य का उपयोग सकारात्मक सोच व नजरिए के लिए किया था। लेकिन शहर में ऊपरी कमाई कर 'आपदा में अवसर' तलाशने वालों की कमी नहीं है। एक तरफ जहां अस्पतालों में बैड फुल हैं, वहीं दूसरी ओर श्मशान घाटों में भी अंतिम संस्कार करने वालों की कतार लगी हुई है। लेकिन यहां भी लकड़ियों के रेट मनमाने वसूले जा रहे हैं। जी हां, बाजार में लकड़ी जहां 8 रुपये किलो में बिक रही है। वहीं बस अड्डे के निकट रामबाग में 9 रुपये किलो और लाइनपार के श्मशान घाट में यह लकड़ी 14 रुपये किलो मिल रही है। एक तरफ जहां अस्पतालों में मरीजों की देखभाल और इलाज की व्यवस्था से परिजन बेहद आहत हैं। वहीं बढ़ती मौतों के कारण शहर के श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार करने वालों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन इन श्मशानघाटों में लकड़ी की टाॅल वालों ने अपने हिसाब से लकड़ियों के अलग-अलग रेट निर्धारित किए हैं। एक तरफ जहां अस्पतालों में निर्धारित दर से ज्यादा शुल्क लेने पर एपिडेमिक डिसीज एक्ट (आपदा अधिनियम) के तहत दंडनीय कार्रवाई संभव है। वहीं श्मशान घाटों में कोई नियम-कायदे या इंसानियत नहीं नजर आ रही। मोक्ष सेवा समिति के प्रधान सुरेंद्र चुघ ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए प्रशासनिक अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इंसान की अंतिम यात्रा में भी मुनाफाखोरी पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर जगह आदमी से नाजायज पैसा वसूला जा रहा है। ऐसे लोगों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जानी चाहिए।

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