हड़ताल पर रहे निजी अस्पतालों के चिकित्सक
जींद : ( संजय कुमार ) इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय आह्वान पर सभी निजी अस्पतालों के चिकित्सक जिले में हड़ताल पर रहे। इसके चलते सुबह आठ से दो बजे तक ओपीडी पूरी तरह से बंद रही। चिकित्सक रानी तालाब के पास नेहरु पार्क में एकत्रित हुए और यहां धरना देते हुए रोष सभा की। बाद में एसडीएम दलबीर सिंह को ज्ञापन भी सौंपा गया। निजी अस्पतालों के दोपहर बाद दो बजे तक बंद रहने से मरीजों को परेशानी हुई। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं बहाल रही।
नेहरु पार्क में आइएमए के महासचिव डा. सुशील मंगला ने बताया कि पिछले काफी समय से चिकित्सकों पर हमले हो रहे हैं और आइएमए द्वारा लगातार मांग की जा रही है कि चिकित्सकों को सुरक्षा प्रदान की जाए लेकिन सरकार द्वारा इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। कोरोना काल के दौरान जब भी चिकित्सकों पर हमले हुए तो उस समय केंद्र सरकार ने केवल कानून में थोड़ा बदलाव कर दिया जो सिर्फ महामारी के दौरान लागू रहेगा। उन्होंने मांग की कि इसे एक केंद्रीय कानून बनाया जाना चाहिए। इससे मरीज के तिमारदारों द्वारा चिकित्सकों पर हमला किए जाने पर तुरंत केस दर्ज किया जाए। सभी चिकित्सकों के संस्थानों को सुरक्षित संस्थान घोषित किया जाए। चिकित्सकों की सुरक्षा के मानक तय किए जाएं। चिकित्सकों पर हमला किए जाने के मामलों की जांच फास्ट ट्रैक अदालत में की जाए। वरिष्ठ चिकित्सक व राज्य प्रतिनिधि डा. प्रमोद बंसल, आइएमए प्रधान डा. अजय गोयल ने कहा कि आइएमए चाहती है कि मेडिकेयर कानून को केंद्रीय कानून बना दिया जाए ताकि यह कानून आईपीसी की धारा के तहत आ सके। इसके अलावा बाबा रामदेव को उनके द्वारा किए गए बयान को लेकर गिरफ्तार किया जाए। बाद में चिकित्सकों ने मांगों को लेकर ज्ञापन एसडीएम दलबीर सिंह को सौंपा।
इस मौके पर डा. मदनलाल गेरा, डा. सत्यवान, डा. सुभाष, डा. अनिल, डा. मनोज, डॉ सोनल सिंघल, डा. कंवरसेन गोयल, डा. रमेश, डा. कुलदीप, डा. सुरेश जैन, डा. राकेश, डा. चमन सहित अनेक चिकित्सक मौजूद रहे।
फ़ोटो-एसडीएम को ज्ञापन सौंपते चिकित्सक
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