गिड़गिड़ाते रहे BJP के पूर्व मंत्री:CM मनोहर से बात का हवाला दिया; महेंद्रगढ़ प्रशासन ने नहीं सुनी, कुछ मिनट में उखाड़े खोखे
महेंद्रगढ़ : हरियाणा में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं को ही प्रशासनिक अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मंत्री रहे रामबिलास शर्मा को अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रशासन की कार्रवाई रोकने के लिए काफी मान-मनोव्वल करनी पड़ी।
इतना ही नहीं उन्होंने JCB के आगे बैठने की बात की और मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात हो जाने का हवाला दिया, लेकिन अधिकारियों ने तोड़फोड़ की कार्रवाई जारी रही। आखिर में पूर्व मंत्री को बैरंग लौटना पड़ा।
दरअसल, महेंद्रगढ़ शहर में रेलवे रोड पर पिछले 30-35 वर्षों से काफी लोग सड़क के साथ ही खोखे लगाकर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। इन दुकानदारों ने नगर पालिका प्रशासन से तहबाजारी की पर्ची भी बनवा रखी है। इसके साथ ही उसका किराया भी हार माह अदा किया जाता रहा है। परंतु कुछ समय से नगर पालिका ने इन दुकानदारों से किराया वसूलना बंद कर दिया था और कहा जाने लगा है कि यह खोखे अवैध रूप से रखे हुए हैं। इन्हें जितना जल्दी हो सके हटा दिया जाए।
बीती रात एएसपी सिद्धांत जैन व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में भारी पुलिस बल के बीच ये खोखे हटाए जाने का अभियान शुरु किया गया। दुकानदारों ने अपने पेट पालने के जरिए को बचाने के लिए हाथ तक जोड़े, लेकिन अधिकारी नहीं माने। 40 परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा होता देख इसकी सूचना महेन्द्रगढ़ के विधायक रहे पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा को सूचित किया गया। रामबिलास शर्मा प्रदेश भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहने के साथ ही सीनियर नेता है।
सूचना मिलते ही रामबिलास शर्मा तुरंत मौके पर पहुंचे गए। खोखो को टूटता देख रामबिलास शर्मा आग बबूला हो गए और उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि उनकी इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात हो चुकी है। अधिकारी फौरन कार्रवाई को रोके, लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं रोकी। इस बीच पूर्व मंत्री ने एसडीएम महेन्द्रगढ़ को भी फोन लगाया और कार्रवाई रोकने की बात की, लेकिन तमाम खोखे हटा दिए गए।
इस बीच पूर्व मंत्री ने कहा कि जेसीबी मशीन को रोक दें वरना वह मशीन के सामने बैठ जाएंगे परंतु अधिकारियों पर उनकी धमकी का कोई असर नहीं हुआ। फिर राम बिलास शर्मा अधिकारियों के सामने व फोन पर गिड़गिड़ाते रहे और दुकानों को बचाने की गुहार लगाते रहे, परंतु अधिकारियों ने उनकी एक ना सुनी। अंत में खुद की फजीहत होती देख पूर्व शिक्षा मंत्री मौके से चले गए। इसके बाद वहां पर उपस्थित दुकानदारों ने पूर्व शिक्षा मंत्री के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की।
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