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Friday, April 1, 2022

कल्पना चावला अस्पताल ने हटाए 150 कर्मचारी:वित्तवर्ष बदलने पर नहीं बढ़ाया कॉन्ट्रैक्ट; कोरोना काल से थे कार्यरत, डॉयरेक्टर कार्यालय के बाहर धरना

कल्पना चावला अस्पताल ने हटाए 150 कर्मचारी:वित्तवर्ष बदलने पर नहीं बढ़ाया कॉन्ट्रैक्ट; कोरोना काल से थे कार्यरत, डॉयरेक्टर कार्यालय के बाहर धरना

Kalpana Chawla Hospital removed 150 employees: Contract did not extend on changing financial year; Worked since Corona period, picketing outside the director's office
अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन करतीं स्टाफ नर्स।
करनाल : हरियाणा के करनाल जिले में स्थित कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज (KCGMC) ने वित्त वर्ष बदलते ही कॉन्ट्रैक्ट पर लगे स्टाफ को निकाल दिया। इनमें स्टाफ नर्स, गार्ड व सिक्योरिटी गार्ड के पदों पर काम कर रहे 150 कर्मचारी शामिल हैं। कर्मचारियों ने सरकार व मेडिकल कॉलेज प्रशासन के खिलाफ रोष जताया।

निकाले गए कर्मचारियों ने अब डायरेक्टर कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया है। उन्होंने अपनी डयूटी को बहाल करने की मांग की है। इन कर्मचारियों को कोरोना काल से जॉइन करवाया गया था, लेकिन 31 मार्च को वित्त वर्ष खत्म होने के साथ ही कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म कर दिया गया।
Kalpana Chawla Hospital removed 150 employees: Contract did not extend on changing financial year; Worked since Corona period, picketing outside the director's office
अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन करतीं स्टाफ नर्स।

 
*100 स्टाफ नर्स करती रहीं काम*

स्टाफ नर्स प्रीति ने बताया कि हमारा कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया है। हमें बोला गया कि आगे कॉन्ट्रैक्ट नहीं आया है। अब डयूटी पर आने की जरुरत नहीं है। करीब 100 नर्सिंग स्टाफ को निकाला है। हमें लिखित में कोई सूचना नहीं दी गई। मौखिक रूप से कहा गया है। अगले महीने के रोस्ट में भी हमारा नाम नहीं है।

डॉयरेक्टर सर से मिलने के लिए गए थे, लेकिन वे कार्यालय में नहीं मिले। पहले कहा गया था कि कौशल विकास योजना के तहत रखा जाएगा, पर उसमें भी हमारा रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है। हम चाहते हैं कि हमारे कॉन्ट्रैक्ट को आगे बढ़ाया जाए और हमें डयूटी पर रखा जाए।

*व्हाटसऐप पर भेजा रिलीविंग का मैसेज*

स्टाफ नर्स पुनीत ने बताया कि आज हमें फोन व व्हाटसऐप पर मैसेज दिया गया है कि तुम्हे रिलीव किया जाता है। हमारे रोस्ट से नाम एकदम कट कर दिए गए। हम कोविड काल में लगे थे। तब भगवान से बढ़कर मान रहे थे। अब एकदम से निकाला जाना इंसाफ वाली बात नहीं है। डॉयरेक्टर सर से संपर्क नहीं हो रहा है।

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