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Monday, April 4, 2022

हरियाणा कांग्रेस विधायक दल ने दिल्ली में की बैठक, चंडीगढ़ पर पंजाब के प्रस्ताव का जोरदार विरोध

हरियाणा कांग्रेस विधायक दल ने दिल्ली में की बैठक, चंडीगढ़ पर पंजाब के प्रस्ताव का जोरदार विरोध

Haryana Congress Legislature Party meets in Delhi, strongly opposes Punjab's proposal on Chandigarh
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल की दिल्ली में बैठक हुई
नई दिल्ली :  हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल की दिल्ली में बैठक हुई। इस दौरान पंजाब सरकार द्वारा विधानसभा में चंडीगढ़ को लेकर पास किए गए प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जाहिर की गई। विधायक दल ने एकमत से कहा कि चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी थी, है और रहेगी। प्रदेश के अधिकारों का संरक्षण करने के लिए राज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति तक से मुलाकात की जाएगी। साथ ही एक बार फिर प्रधानमंत्री से मिलने का समय भी मांगा जाएगा। भूपेंद्र हुड्डा ने पत्रकारों को बताया कि पंजाब के साथ हरियाणा के तीन मसलों को लेकर विवाद है। पहला एसवाईएल का पानी, दूसरा हिंदी भाषी क्षेत्र और तीसरा राजधानी। हमारी प्राथमिकता है कि सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक हरियाणा को एसवाईएल का पानी मिले। उसके बाद बाकी मसलों पर भी बातचीत हो। हुड्डा ने कहा कि विधायक दल की बैठक में भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड ( बीबीएमबी ) में हरियाणा और पंजाब की स्थाई सदस्यता खत्म किए जाने का भी विरोध किया। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में पहले सदस्य ( पावर ) पंजाब से और सदस्य ( सिंचाई ) हरियाणा से होते थे। लेकिन, संशोधित नियम में यह अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।
संशोधित नियमों के मुताबिक अब सदस्य किसी भी राज्य से हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो बोर्ड में हरियाणा के हित सुरक्षित नहीं रह पाएंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र में प्रदेशहित में जो भी प्रस्ताव लाया जाएगा, कांग्रेस उसका पुरजोर तरीके से समर्थन करेगी। लेकिन, अगर कहीं भी हरियाणा का अहित दिखाई दिया तो उस पर विरोध भी दर्ज करवाया जाएगा। क्योंकि, पंजाब सरकार ने विधानसभा में जो प्रस्ताव पास किया है वह हरियाणा के अधिकारों के विरुद्ध है और पूर्णतः असंवैधानिक है। हुड्डा ने इसे राजनीतिक जुमला करार दिया है। उनका कहना है कि प्रदेश हित में अगर कोई भी कुर्बानी देनी पड़ी तो वो उसके लिए तैयार हैं। सिर्फ राजनीतिक दल ही नहीं बल्कि हर हरियाणवी इस मसले पर एकजुट है।

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