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Monday, April 25, 2022

हरियाणा सरकार ने सूखा चारा प्रदेश से बाहर भेजने पर लगाया प्रतिबंध, विपक्ष हमलावर

हरियाणा सरकार ने सूखा चारा प्रदेश से बाहर भेजने पर लगाया प्रतिबंध, विपक्ष हमलावर

चंडीगढ़ : हरियाणा में इन दिनों तूड़ी पर ही रार छिड़ गई है। प्रदेश सरकार ने हरियाणा ने बाहर तूड़ी भेजने या बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार का मानना है कि तूड़ी बाहर भेजने से प्रदेश में पशुओं के लिए सूखे चारे की कमी हो सकती है। वहीं सरकार ने सूखे भूसे, तूड़ी ( गेहूं, गवार, सरसों, पैडी आदि ) को भट्ठों में जलाने, गत्ता बनाने पर भी प्रतिबंध लगाया है। आदेशाें के अनुसार गेहूं की कम पैदावार और चारे की बढ़ती कीमतों को देखते हुए अब पशु चारा राज्य से बाहर नहीं बेचा जा सकेगा। आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ दंड प्रक्रिया की संहिता 1973 की धारा 144 के तहत कार्रवाई की जाएगी। कई जिलों में धारा 144 के तहत रोक के आदेश भी जारी किए गए हैं। वहीं तूड़ी बाहर भेजने से गौशालाओं के सामने भी सूखे चारे का संकट खड़ा हो गया है।
*पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किया फैसले का विरोध*

 उधर इस मुद‍्दे को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों द्वारा अन्य राज्यों में तूड़ी बेचने पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का विरोध किया है। हुड्डा का कहना है कि गेहूं सीजन में किसान पहले ही बड़ा घाटा झेल चुके हैं। इस बार बेमौसमी बारिश और गर्मी के जल्द आगमन के चलते प्रति एकड़ 5 से 10 क्विंटल गेहूं की पैदावार कम हुई है। कई जगह पर किसान की पूरी तो कई जगह आधी फसल बर्बाद हो गई। ऐसे में कुछ किसान तूड़ी बेचकर जैसे-तैसे अपने नुकसान की भरपाई कर रहे हैं। लेकिन सरकार किसानों से यह हक भी छीन रही है। दूसरी तरफ मंडियों में न गेहूं का उठान हो रहा है और न समय पर भुगतान की अदायगी ही कर रही है गठबंधन सरकार। हुड्डा ने कहा कि सरकारी अधिकारियों द्वारा जबरन किसानों की ट्रैक्टर-ट्रॉली को जहां-तहां रोकी जा रहा है और किसानों से सस्ते दाम पर तूड़ी की लूट की जा रही है। जबकि किसान को अपनी तूड़ी कहीं भी बेचने की आजादी होनी चाहिए।
*किसानों को प्रताड़ित कर रही सरकार : सैलजा*

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष सैलजा ने कहा कि खुद व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में नाकाम भाजपा-जजपा सरकार अपनी नाकामियों की सजा किसानों को देने पर तुली हुई है। आए दिन सरकार किसान विरोधी फैसले लेकर किसानों को प्रताड़ित कर रही है। तूड़ी को राज्य से बाहर बेचे जाने पर प्रतिबंध लगाना तानाशाही भरा फैसला है। यह फैसला तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए। सैलजा ने कहा कि सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि गांवों में मुनादी कर सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी किसान बाहर के प्रदेश में अपनी तूड़ी ना बेचे। आदेशों के मुताबिक यदि कोई भी किसान उक्त आदेशों की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ऐसे आदेश जारी कर अपने किसान विरोधी फैसले को किसानों पर थोप रही है। सरकार का यह तुगलकी फरमान बर्दाश्त करने योग्य नहीं है।

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