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Monday, April 25, 2022

अकेला अध्यापक चला रहा प्राइमरी स्कूल:शिक्षा में हालत चिंताजनक, गंगानगर तितरी में अकेला अध्यापक चला रहा प्राइमरी स्कूल

अकेला अध्यापक चला रहा प्राइमरी स्कूल:शिक्षा में हालत चिंताजनक, गंगानगर तितरी में अकेला अध्यापक चला रहा प्राइमरी स्कूल

महम / रोहतक : एक ही कमरे में एक साथ बैठे पहली से पांचवी कक्षा तक के छात्र।
लोग कहते हैं कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता, लेकिन गंगानगर तितरी गांव का राजकीय प्राथमिक पाठशाला वह स्थान है जहां अकेला चना ही भाड़ फोड़ रहा है। यहां अकेले अध्यापक सुनील ही पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों को सभी विषय पढ़ाते हैं। गंगानगर तितरी गांव की राजकीय प्राथमिक पाठशाला में इस समय केवल 18 विद्यार्थी ही शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ये बच्चे सभी अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं। पहली से पांचवी तक के सभी विद्यार्थियों को एक ही शिक्षक क, ख, ग, घ, ड़ से लेकर गणित व दूसरे विषय पढ़ाता है‌।

विशेष बात यह है कि जिस गंगानगर गांव के नाम से प्राथमिक पाठशाला खोली गई है उस गंगानगर गांव से एक भी छात्र यहां पढ़ने के लिए नहीं आ रहा। जो 18 छात्र हैं वे यहां से दो किलोमीटर दूर तितरी गांव के रहने वाले हैं। पिछले साल यहां छात्रों की संख्या 20 थी जो घटकर अब 18 रह गई है। सरकार ने छात्रों की कम संख्या देखते हुए कई बार प्राथमिक पाठशाला को बंद करने के आदेश जारी किए लेकिन नजदीक के 2-3 किलोमीटर के दायरे में कोई दूसरा सरकारी स्कूल न होने के कारण शिक्षा विभाग ऐसा कदम नहीं उठाया।
*छात्रों की कम संख्या के चलते विभाग कई बार दे चुका है पाठशाला बंद करने के आदेश*

यहां छात्रों की संख्या कम है। मजबूरी में प्राथमिक पाठशाला चलाई जा रही है। नजदीक कोई सरकारी स्कूल नहीं है। जल्दी ही मिड डे मील आ जाएगा। पाठशाला में दूसरे अध्यापक की नियुक्ति के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा है। - बिजेंद्र हुड्डा, कार्यकारी खंड शिक्षा अधिकारी, महम

*मिले 10 छात्र, गर्मी में 2 किमी तक जाते हैं पैदल*

हरियाणा बुलेटिन न्यूज़  की टीम ने मौका मुआयना किया तो एक कमरे के अंदर 10 छात्र बैठे मिले। पूछने पर मालूम हुआ कि खुशी, नसीब पांचवीं में पढ़ते हैं जबकि पायल, रिंकू, रोहित व श्रुति चौथी कक्षा के छात्र हैं। तीसरी व पहली कक्षा से कोई नहीं मिला। वंश, साक्षी, प्रिंस व राधिका ने दूसरी कक्षा में पढ़ती हैं। इन्होंने कहा कि वे सभी एक ही कक्षा में बैठकर पढ़ते हैं। एक ही अध्यापक उन्हें अलग-अलग काम देता है। छात्रों ने कहा कि उन्हें मीड डे मील भी नहीं मिल रहा। वे सभी नजदीक लगने वाले तितरी गांव से हैं जो यहां से दो किलोमीटर है।
आने जाने का कोई साधन नहीं है। दो बजे छुट्टी होने के बाद तपती दुपहरी में वे सभी एक साथ पैदल ही घर जाते हैं। अध्यापक सुनील कुमार ने बताया कि वे यहां अकेले ही सभी बच्चों को पढ़ाते हैं। विभागीय काम भी उन्हें करने पड़ते हैं। सभी बच्चे गरीब परिवारों से हैं।

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