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Thursday, May 5, 2022

शहीदों का अपमान:भगत सिंह की गोली का शिकार और उसे पकड़ने वाले के नाम पर फंड क्यों, लॉ स्टूडेंट ने याचिका दर्ज की

शहीदों का अपमान:भगत सिंह की गोली का शिकार और उसे पकड़ने वाले के नाम पर फंड क्यों, लॉ स्टूडेंट ने याचिका दर्ज की

चंडीगढ़ : शहीद-ए-आजम भगत सिंह और राजगुरु की गोली का शिकार ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जेपी सांडर्स और भगत सिंह को पकड़ने वाले कांस्टेबल चानन सिंह के नाम पर दिए जा रहे मेमोरियल फंड को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई है। याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के बाद जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस विकास सूरी की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
चंडीगढ़ निवासी लॉ स्टूडेंट रेवंत की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि वर्ष 1934 के पंजाब पुलिस रुल्स के प्रावधान 14.29 को आपत्तिजनक बताते हुए खारिज किए जाने की मांग की गई है। कहा गया कि प्रावधान देश के लिए शहीद होने वालों के सम्मान को ठेस पहुंचा रहा है। याचिका में एक पुस्तक का हवाला देते हुए कहा गया कि सांडर्स को गोली मारने के बाद हेड कांस्टेबल चानन सिंह ने भगत सिंह को पकड़ने का प्रयास किया था लेकिन उसी समय चंद्रशेखर आजाद ने चानन सिंह की जांघ में गोली मारी थी। बाद में चानन सिंह की मौत गोली से नहीं हुई बल्कि ज्यादा खून बह जाने से हुई। मौके पर मौजूद सभी लोग सांडर्स को संभालने में लगे थे जबकि चानन सिंह को किसी ने संभाला ही नहीं।

पुस्तक के हवाले से कहा गया कि यदि चानन सिंह भगत सिंह को पकड़ने में कामयाब हो जाता तो भगत सिंह एसेंबली मे बम फैंक ने जैसे बड़े मिशन को अंजाम नहीं दे पाते। याचिका में कहा गया कि चानन सिंह और सांडर्स के नाम पर मैमोरियल फंड दिया जा रहा है जो देश के शहीदों का अपमान है।
L*पंजाब ने सुधारा, हरियाणा ने नहीं*;याचिका में कहा गया कि पंजाब सरकार ने पंजाब पुलिस रूल्स में संशोधन कर विवादित स्थिति से बचाव कर लिया है जबकि हरियाणा ने इन नियमों में कोई संशोधन नहीं किया है। हरियाणा ने वर्ष 1966 में पंजाब पुलिस रूल्स को अपना लिया था।

*पुलिस के आश्रितों के लिए फंड* ;याचिका में कहा गया कि ड्यूटी पर मारे गए पुलिस कर्मियों के आश्रितों को आर्थिक सहयोग के लिए इस फंड का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा पुलिस पेंशनर्स के मरने पर उनके आश्रितों को भी इस फंड से आर्थिक मदद दिए जाने का प्रावधान है।

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