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Sunday, May 15, 2022

आर्थिक तंगी में डोनेट की थी किडनी:इकरारनामा करके मुकरे बाप-बेटा; मंत्री विज के दरबार में पहुंचा मामला तो केस दर्ज हुआ

आर्थिक तंगी में डोनेट की थी किडनी:इकरारनामा करके मुकरे बाप-बेटा; मंत्री विज के दरबार में पहुंचा मामला तो केस दर्ज हुआ

अंबाला : किडनी ट्रांसप्लांट के बाद इकरारनामे से मुकरने का मामला गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के दरबार में पहुंचा तो देर रात आरोपी पिता-पुत्र के खिलाफ केस दर्ज हो गया। अंबाला कैंट थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ ट्रांसप्लांट ऑफ ह्यूमन ऑर्गन एक्ट के साथ-साथ अन्य कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
*पीड़ित ने जनता दरबार में लगाई थी फरियाद*

शनिवार को लगे जनता दरबार में सुंदर नगर DRM ऑफिस अंबाला कैंट निवासी राकेश कुमार ने फरियाद लगाई थी। उसने बताया था कि वह वर्ष 2007 में कुम्हार मंडी अंबाला कैंट में किराए के एक मकान में रहता था। वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। परिवार का पालन पोषण करने में काफी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। शारीरिक कमजोरी के चलते मेहनत मजदूरी भी नहीं कर पा रहा था। इसका फायदा उठाते हुए अमित नागपाल और अमन नागपाल ने उसकी किडनी अपने पिता ओमप्रकाश नागपाल को ट्रांसप्लांट करा दी, लेकिन बाद में इकरारनामे से मुकर गए।
*3 हजार हर माह, राशन व मकान का किराया देने का था इकरारनामा*

शिकायतकर्ता राकेश कुमार ने बताया कि किसी ने उसको ओम प्रकाश नागपाल की एक किडनी खराब होने की बात बताई थी और कहा था कि अगर वह उसको किडनी डोनेट करेगा तो वे अच्छे रुपए दे देंगे। उक्त व्यक्ति ने राकेश की मुलाकात रेलवे रोड अंबाला कैंट स्थित ऑफिस में ओमप्रकाश नागपाल से कराई थी। साथ में अशोक के दोनों बेटे अमित नागपाल व अमन नागपाल से बातचीत हुई। उसने अपनी आर्थिक कमजोरी के बारे में बताया। इसका फायदा उठाते हुए तीनों ने उसे अपनी बातों में फंसा लिया। कहा कि वह उसको 30 हजार रुपए देंगे। हर माह 3 हजार रुपए, राशन और मकान का किराया भी देंगे। इस इकरारनामे के बाद उसने किडनी डोनेट करने का मन बनाया।
*कागजों पर सहमति न होते हुए कराए हस्ताक्षर*

शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपियों ने अंबाला सिटी स्थित लैब में उसके खून व किडनी के टेस्ट कराए। इसके बाद वे उसे सिविल अस्पताल अंबाला शहर ले गए। यहां CMO व डॉक्टरों से बातचीत कराई। इसके 3-4 दिन बाद उसे दोबारा सिविल अस्पताल अंबाला सिटी ले गए। यहां कुछ कागजों पर सहमति न होते हुए भी आरोपियों ने उसके ऊपर दबाव बनाकर हस्ताक्षर कराए। 15 जुलाई 2007 को सिल्वर ओक्स अस्पताल मोहाली में उसकी किडनी निकाल ओमप्रकाश नागपाल को ट्रांसप्लांट की। वह 8 दिन तक अस्पताल में दाखिल रहा। इस वक्त भी आरोपियों ने अपने इकरारनामे के अनुसार उसकी मदद करने का आश्वासन दिया था।
*शुरुआत में की आर्थिक मदद, बाद में मुकर गए*

शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपियों ने अगस्त 2007 में 30 हजार रुपए दिए। इसके कुछ समय तक आरोपियों ने हर माह 3 हजार रुपए, राशन व मकान का किराया दिया। आरोपी डॉक्टर द्वारा इंक्वायरी की बात कहकर उसका राशन कार्ड भी ले गए, लेकिन उसके बाद इकरारनामे के अनुसार आर्थिक मदद देना बंद कर दिया।
*थाना पड़ाव में भी की थी शिकायत*

राकेश कुमार ने बताया कि आरोपी उसे मात्र 300/400 रुपए ही देने लगे, जिसकी शिकायत उसने थाना पड़ाव में की थी। यहां आरोपियों ने इकरारनामे के तहत आर्थिक मदद करने तथा राशन कार्ड वापस करने की बात कहते हुए समझौता कर लिया था। कुछ समय तक ठीक रहा, लेकिन फिर वे अपने इकरारनामे से मुकर गए। अब जान से मारने की धमकी देते हैं।
*पिता व दोनों बेटों के खिलाफ किया केस दर्ज*

अंबाला कैंट थाना पुलिस ने आरोपी ओम प्रकाश नागपाल, उसके बेटे अमित नागपाल व अमन नागपाल के खिलाफ ट्रांसप्लांट ऑफ ह्यूमन ऑर्गन एक्ट की धारा 19 और धारा 120 बी, 420, 423, 506 के तहत केस दर्ज किया है।

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