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Sunday, August 21, 2022

VIP कल्चर बना बांके बिहारी हादसे की वजह:मंदिर में लोग कुचले जा रहे थे, SSP वीडियो बना रहे थे, DM बगल में खड़े थे

VIP कल्चर बना बांके बिहारी हादसे की वजह:मंदिर में लोग कुचले जा रहे थे, SSP वीडियो बना रहे थे, DM बगल में खड़े थे

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात मंगला आरती के बाद हुए हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और दम घुटने से 6 लोग बीमार हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जो कुछ हुआ उसके लिए अफसरों की लापरवाही और VIP कल्चर जिम्मेदार है। जिस वक्त मंदिर के आंगन में भीड़ बेकाबू हो रही थी, उस समय अफसर वीडियो बना रहे थे।

घटना के समय मथुरा के DM, SSP और नगर आयुक्त मंदिर में अपने परिवार के साथ मौजूद थे। SSP, नगर आयुक्त वीडियो बना रहे थे, जबकि DM बगल में खड़े थे। इन अफसरों ने भीड़ में दब रहे लोगों की चीखें सुनकर भी व्यवस्था बनाने की जहमत नहीं उठाई, बल्कि वे परिवार के साथ मंदिर की बालकनी में खड़े होकर वीडियो बनाने में व्यस्त थे
*सीएम के वृंदावन से जाते ही अफसर बेफ्रिक हुए*

उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ जन्माष्टमी पर वृंदावन आए थे। वे बांके बिहारी मंदिर तो नहीं गए, लेकिन उन्होंने जन्मभूमि में पूजा की। वृंदावन से योगी के जाते ही अफसर बेफिक्र हो गए। बांके बिहारी मंदिर के सेवायत और श्रद्धालुओं ने बताया कि सीएम के रवाना होने के बाद भीड़ कंट्रोल करने वाला कोई नहीं था।

लोगों ने बताया कि मंदिर के किसी भी एंट्री गेट पर कोई बैरिकेडिंग नहीं थी। एक-दो जगह बैरिकेड लगे थे, तो वहां भी लोगों को रोकने के लिए कोई पुलिसकर्मी तैनात नहीं था। इसका नतीजा यह हुआ कि लोग एंट्री के साथ एग्जिट गेट से भी मंदिर के अंदर आते गए। आरती के समय मंदिर के आंगन में हालात बेकाबू हो गए।
जिस वक्त हादसा हुआ, उस वक्त मंदिर की बालकनी में एसएपी और नगर आयुक्त वीडियो बना रहे थे, जबकि डीएम उनके बगल में खड़े हुए थे। 


इस हादसे में बचकर आए श्रद्धालुओं ने उस भयावह मंजर को बयां किया। हादसे की कहानी, प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी... लेकिन इससे पहले आप इस पोल में शामिल होकर अपनी राय दे सकते हैं...
*दो मिनट और रुकते तो मौत के मुंह में समा जाते*

आगरा के ट्रांस यमुना निवासी राघवेंद्र सिंह भी जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर में फंस गए थे।
हादसे में आगरा के ट्रांस यमुना निवासी राघवेंद्र सिंह भी फंस गए थे। उन्होंने जो कुछ बताया, उसे आसानी से समझने के लिए यहां हम पॉइंट्स में लिख रहे हैं...

'मैं अपने ममेरे भाई के साथ बांके बिहारी मंदिर गया था। रात 1.40 बजे गेट नंबर एक पर पहुंचे तो वहां पर बैरिकेडिंग हो रही थी। बताया कि यहां से केवल VIP की एंट्री है। इस पर वहां मौजूद लोगों ने नाराजगी भी जताई थी। इसके बाद मैं गेट नंबर दो पर पहुंचा। वहां पर जैसे ही पट खुले, भीड़ का रैला आया और सब अंदर घुसते चले गए।'
'पांच मिनट में 800 की कैपेसिटी वाले मंदिर परिसर में करीब 20 हजार से ज्यादा लोग भर गए। चंद मिनटों में अंदर घुटन हो गई। सांस फूलने लगी। पीछे से आवाज आने लगी कि कुछ लोग गिर गए हैं। मैं भी भीड़ में दब गया। अचानक तेज धक्का लगा तो मैं मंदिर की सीढ़ियों से नीचे आ गया। मैं बीच में बने छोटे मंदिर से टकराया। मेरे ऊपर लोग गिरते गए। दबने के कारण मेरी आवाज भी नहीं निकल रही थी।'
'इस बीच पर्दा हटा तो लोग दर्शन को पीछे हटे। मैं जैसे-तैसे बाहर निकलकर आया। अगर मैं दो मिनट और अंदर रहता तो शायद बच नहीं पाता। दम घुटने के कारण मैंने मंगला आरती भी नहीं की। बहुत सारे लोग बाहर निकलना चाह रहे थे, लेकिन वहां तक नहीं पहुंच पा रहे थे। 10 कदम की दूरी तय करना मुश्किल लग रहा था।'
'जब लोग बेहोश होने लगे तो वहां मौजूद सेवायत ने उन्हें खींचकर बाहर निकाला। ये हादसा केवल VIP कल्चर की वजह से हुआ है। VIP भीड़ में फंसे बिना सीधे मंदिर तक पहुंचें, इसके लिए अलग इंतजाम किए गए थे। कालीदेह से मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते को VIP के लिए रखा गया था। यहां पर अधिकारियों की गाड़ियां भी खड़ी थीं।'
*हादसे के समय अफसर मंदिर की बालकनी पर खड़े थे*


हादसे के वक्त रामबाग निवासी विकास भी वहीं मौजूद थे। उन्होंने कहा, 'मंगला आरती के चलते मैं अंदर था। बाहर निकलने का एक गेट बंद था। भीड़ बहुत थी। लोग दबकर चीख रहे थे। भीड़ कंट्रोल करने वाला कोई नहीं था। अधिकारी ऊपर बालकनी में खडे़ थे। लोग जान बचाने के लिए बाहर भाग रहे थे। अगर मैं दो मिनट और बाहर नहीं आ पाता, तो मेरे साथ भी अनहोनी हो जाती। VIP के लिए बालकनी की सीढ़ी बंद थी। वहां से आम श्रद्धालुओं को हटा दिया गया था।'
आगरा निवासी विकास भी बांके बिहारी में हुए हादसे के समय मंदिर परिसर में मौजूद थे।

पुलिस VIP की सेवा में व्यस्त रही: सेवायत

बांके बिहारी मंदिर के सेवायत दिनेश गोस्वामी ने हादसे के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। वह कहते हैं, 'जब मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को फोटो खींचना मना है, तब भी अधिकारी वीडियो बना रहे थे। उनका पूरा ध्यान अपने परिवार पर था। इसके अलावा जो पुलिसकर्मी तैनात थे, वो VIP लोगों को मंदिर लाने-ले जाने में व्यस्त थे। व्यवस्था बनाने पर उनका कोई ध्यान नहीं था। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।'

मंदिर के सेवायत दिनेश गोस्वामी ने हादसे के लिए पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।

*बांके बिहारी हादसे से जुड़े 5 सबसे अहम सवाल...*
हादसे के बाद ADG की सफाई- मामले की जांच होगी

हादसे के पीछे पुलिस-प्रशासन की लापरवाही को लेकर उठ रहे सवालों पर आगरा जोन के ADG राजीव कृष्ण ने सफाई दी है। उनका कहना है कि जन्माष्टमी पर मंगला आरती साल में एक बार होती है, ऐसे में हर श्रद्धालु चाहता है कि वह मंगला आरती के दौरान अंदर रहे। ऐसे में मंदिर परिसर में भीड़ बढ़ती गई।
इसके अलावा एक एग्जिट गेट पर एक महिला की तबीयत खराब होने के चलते उन्हें हटाने में दो-तीन मिनट लगे। इसके चलते गेट नंबर चार ब्लॉक हो गया। अधिकारियों के वीडियो बनाने और VIP को एंट्री देने की बात पर वे जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ते नजर आए।
सांस लेने में दिक्कत के चलते 6 श्रद्धालुओं को 3 अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

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