मेगा एम्पायरजॉनसन एंड जॉनसन 136 साल पुरानी कंपनी:8 महिलाओं के साथ शुरू हुई, अब महिलाओं ने कंपनी पर 38 हजार केस किए
जॉनसन एंड जॉनसन…फार्मा जगत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक जिसकी 60 से अधिक देशों में 275 से अधिक ऑपरेटिंग कंपनियां हैं। दुनिया भर में करीब डेढ़ लाख कर्मचारी, वहीं भारत में लगभग 6 हजार लोग इस कंपनी में काम करते हैं। 1886 में जॉनसन एंड जॉनसन की स्थापना हुई थी, तब कंपनी के पहले 14 कर्मचारियों में से 8 महिलाएं थीं। 2013 में "वर्किंग मदर" मैगजीन ने जॉनसन एंड जॉनसन को वर्किंग मदर्स के लिए सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में से एक बताया था। आज यही कंपनी महिलाओं द्वारा दायर लगभग 38 हजार से ज्यादा मुकदमों का सामना कर रही है।
*आज मेगा एम्पायर में जानिए जॉनसन एंड जॉनसन के बारे में…*
एक भाषण से प्रेरित होकर तीन भाइयों ने शुरू की थी जॉनसन एंड जॉनसन
साल था 1886, जब तीन भाइयों - रॉबर्ट वुड जॉनसन, जेम्स वुड जॉनसन और एडवर्ड मीड जॉनसन ने अमेरिका के न्यू जर्सी में जॉनसन एंड जॉनसन की नींव रखी। कहा जाता है कि 1885 में एंटीसेप्टिक एडवोकेट जोसेफ लिस्टर के एक भाषण को सुनने के बाद जॉनसन भाइयों को यह बिजनेस शुरू करने की प्रेरणा मिली। यह वो वक्त था, जब अमेरिका में बहुत बड़े स्तर पर इंफ्रा का निर्माण हो रहा था। रेल लाइंस बिछाई जा रही थीं। ऐसे में छोटी-छोटी दुर्घटनाएं बहुत होती थीं। इस समय तक रेडी टू यूज सर्जिकल किट के बारे में किसी ने सोचा तक नहीं था। इसी विचार ने तीनों जॉनसन भाइयों को यह कंपनी बनाने का आइडिया दिया।रॉबर्ट वुड जॉनसन कंपनी के पहले प्रेसिडेंट बने और सैनिटेशन प्रैक्टिस में सुधार के लिए काम शुरू किया। जॉनसन एंड जॉनसन ने सबसे पहले एक फर्स्ट एड किट बनाई, जिसे रेलकर्मियों की मदद के लिए डिजाइन किया गया था।
1894 में मैटरनिटी किट के लॉन्च के साथ जॉनसन एंड जॉनसन का हेरिटेज बेबी बिजनेस शुरू हुआ। इन किट का उद्देश्य बच्चे के जन्म के वक्त मां और बच्चे को हर रुप से सुरक्षित रखना था। इसी साल जॉनसन का बेबी पाउडर भी बिक्री के लिए मार्केट में आया। यह बेहद सफल रहा। रॉबर्ट वुड जॉनसन की पोती- मैरी ली की तस्वीर बेबी पाउडर के डिब्बे पर आई। मैरी…पहली वो बच्ची थी, जिसकी तस्वीर को बेबी पाउडर के प्रचार के लिए इस्तेमाल किया गया।
*जॉनसन एंड जॉनसन के फार्मा किंग बनने की कहानी*
1959 में, जॉनसन एंड जॉनसन ने अमेरिका में McNeil Laboratories का अधिग्रहण किया और यूरोप में Cilag Chemie, AG का भी अधिग्रहण किया। इन दो अधिग्रहणों ने कंपनी को पहली बार फार्मा के क्षेत्र में एक एंपायर के रूप में स्थापित किया। इसके बाद जॉनसन एंड जॉनसन ने बच्चों के लिए पहला एस्पिरिन मुक्त पेन रिलीवर लॉन्च किया, जो बेहद हिट रहा।
अर्ले डिक्सन जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी में काम करते थे। उनकी पत्नी जोसेफिन जब भी किचन में काम करतीं तो कई बार उन्हें चोट लग जाती थी। वे चोट पर तुरंत कपड़े की पट्टी लगा लेती थीं, लेकिन बिना प्रॉपर सपोर्ट के कारण पट्टी जल्द ही सरक कर गिर जाती था। इसी से अर्ले डिक्सन को एक आइडिया आया। उन्होंने दवाओं की ढेर सारी रेशमी पट्टियों को स्क्वायर में काटा और उसको टेप के ऊपर चिपका दिया। कंपनी के मालिक जेम्स वुड ने जब अर्ले से इस बैंडेज के बारे में सुना तो वे भी चौंक गए। यह आइडिया कंपनी में सभी को इतना पसंद आया कि उसी तर्ज पर कंपनी ने 1920 के बाद से ‘बैंड-एड’ बनाने शुरू कर दिए। और जल्द ही अर्ले डिक्सन को कंपनी का वाइस प्रेसिडेंट भी बना दिया गया।
*कोविड में कंपनी ने बनाई फ्रीज ना करने वाली सिंगल डोज वैक्सीन*
कोविड से लड़ने के लिए जॉनसन एंड जॉनसन ने जिस सिंगल डोज वैक्सीन का निर्माण किया, उसे अस्पताल भेजे जाने तक फ्रीजर में रखने की जरूरत नहीं थी। इससे पहले कभी भी वैक्सीन टेस्टिंग और उसका निर्माण इतनी तेजी से नहीं हुआ था। जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना वायरस से जीन लेकर ह्यूमन सेल तक पहुंचाने के लिए एडीनोवायरस का इस्तेमाल किया था। एडीनोवायरस का काम वैक्सीन को ठंडा रखना होता है, लेकिन इसे फ्रीज करने की जरूरत नहीं होती है।
जॉनसन एंड जॉनसन ने कोविड-19 से लड़ने के लिए अमेरिकी सरकार के साथ साझेदारी कर स्वयं के टीके पर काम शुरू किया था। शुरुआत में कंपनी की स्थिति बाकी कंपनियों की तरह कोविड से प्रभावित हुई। लेकिन कंपनी अपने कई प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के डबल डोज वाले दृष्टिकोण के विपरीत, अपनी सिंगल डोज वैक्सीन के साथ आगे बढ़ी। मौजूदा समय में कंपनी कई अहम प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। जिसमें लीजेंड बायोटेक के साथ साझेदारी में विकसित सीएआर-टी थेरेपी शामिल है। रेवेन्यू के मामले में आज भी जॉनसन एंड जॉनसन दुनिया की सबसे बड़ी फार्मा कंपनियों में से एक बनी हुई है। 2021 में कंपनी का रेवेन्यू 93.77 बिलियन डॉलर(करीब 7 करोड़ रुपए) था।
जॉनसन बेबी टैल्क पाउडर 1894 से बेचा जा रहा है। फैमिली फ्रेंडली होने की वजह से यह कंपनी का सिंबल प्रोडक्ट बन गया था। जॉनसन एंड जॉनसन का बेबी पाउडर सबसे प्रसिद्ध टैल्कम पाउडर में से एक रहा है। 128 सालों से यह हर घर का हिस्सा बना हुआ है। भारत में 1947 से जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा स्थानीय रूप से टैल्कम पाउडर बेचा जाता है। भारत में निर्मित टैल्कम पाउडर को श्रीलंका, नेपाल, मालदीव जैसे पड़ोसी देशों में भी बेचा जाता है। जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी अपना बेबी पाउडर 2023 से बेचना बंद कर देगी। अब कंपनी टैल्क बेस्ड पाउडर की जगह कॉर्न स्टार्च बेस्ड पाउडर लाएगी। कंपनी का पाउडर अमेरिका और कनाडा में सालभर पहले ही बंद हो चुका है। कंपनी ने कहा है कि अमेरिका में चल रहे हजारों कंज्यूमर सेफ्टी केस के चलते इस प्रॉडक्ट की बिक्री बंद कर दी गई है। हालांकि जॉनसन एंड जॉनसन ने लगातार इन दावों से इनकार किया है कि उसके प्रोडक्ट कैंसर का कारण बन सकते हैं।
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