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Friday, September 2, 2022

हरियाणा के इतिहास में सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री का रिकॉर्ड हुड्डा के नाम

हुड्डा का ‘सोनिया का साथ’ वाला बयान हास्यास्पद-कुलदीप बिश्नोई

-हरियाणा के इतिहास में सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री का रिकॉर्ड हुड्डा के नाम-

चंडीगढ़ : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई ने भूपेन्द्र हुड्डा के उस बयान को हास्यास्पद बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने हमेशा सोनिया गांधी का साथ दिया है। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि 2016 के राज्यसभा चुनाव से पूर्व पार्टी की मीटिंग में सोनिया गांधी ने सबके सामने हुड्डा से पार्टी प्रत्याशी को जिताने का निर्देश दिया था और सभी जानते हैं कि किस प्रकार से स्याही कांड में हुड्डा की मिलीभगत से 14 विधायकों के वोट रद्द हुए थे और कांग्रेस प्रत्याशी को हार मिली थी।  अपने बेटे को जबरदस्ती राज्यसभा भेजा, जबकि सोनिया गांधी किसी और को भेजना चाहती थी। इसी प्रकार 2019 हरियाणा विधानसभा चुनाव से पूर्व रोहतक में रैली करके उन्होंने सरेआम कांग्रेस हाईकमान को ब्लैकमेल किया था। हुड्डा ने हमेशा स्वार्थ की राजनीति की है और अपने बेटे के सिवाय उन्होंने हरियाणा कांग्रेस में कोई और नजर नहीं आता। 8 साल के हुड्डा सरकार के कार्यकाल को सीएलयू और भू माफिया की सरकार के नाम से लोग आज भी याद करते हैं। अपने कार्यकाल में करीब 8 लाख करोड़ रूपए के घोटालों को अंजाम देकर हुड्डा ने हरियाणा को जमकर लूटा था। सीबीआई और ईडी के भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों पर उनके खिलाफ केस चल रहे हैं। स्वच्छ, पारदर्शी और ईमानदार सरकार का क्या होती है यह हुड्डा को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से सीखना चाहिए, जिन पर 8 साल के बाद भी भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं है। मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में हरियाणा प्रदेश जहां औद्योगिक  हब बनता जा रहा है, वहीं उन्होंने सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम कसकर राज्य की जनता को स्वच्छ एवं जवाबदेह शासन व प्रशासन दिया है। हुड्डा सरकार में जहां नौकरियों की बोली लगती थी, वहीं मनोहर लाल सरकार ने काबिलियत के आधार पर नौकरियों का आवंटन किया और समाज के गरीब तबके तक तक रोजगार उपलब्ध करवाने के दिशा में बेहतरीन कार्य किया है। अगर हुड्डा भी मनोहर लाल सरकार की तरह ईमानदारी से सरकार चलाते तो आज हरियाणा राज्य उन्नति और विकास के पथ पर और ज्यादा तेजी से दौड़ता, मगर हुड्डा ने जहां 8 वर्षों तक अपने मुठ्ठी में सरकार व प्रशासन को रखा, वहीं अब भी वे हरियाणा कांग्रेस को अपनी मर्जी से चलाना चाहते हैं और वरिष्ठ नेताओं का अपमान करके हाईकमान पर दबाव बनाकर अपनी खड़ाउं उन्होंने एचपीसीसी में रख दी हैं, जिसका परिणाम यह हुआ की हरियाणा में कांग्रेस खात्मे की कगार पर पहुंच गई है।

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