सोनीपत में एडमिशन के बदले इज्जत का सौदा,:महिला को बोला शिक्षाकर्मी- 30 हजार और 3 घंटे गुजारने होंगे; पैसे नहीं तो हर महीने आना पड़ेगा
सोनीपत : सोनीपत में एक बड़ा शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां शिक्षा विभाग के एक कर्मचारी ने राइट टू एजुकेशन (RTE) एक्ट के तहत बेटी का निजी स्कूल में एडमिशन कराने की गुहार लगा रही महिला को कुछ घंटे उसके साथ गुजारने की डिमांड की। साथ ही 30 हजार रुपए रिश्वत मांगी। महिला ने उससे मोबाइल फोन पर हुई बातचीत को रिकार्ड कर लिया।
महिला ने कहा कि उसके पास इतने रुपए नही है तो बेशर्म कर्मचारी ने कहा कि फिर तो उसे हर महीने एक बार कुछ घंटे के लिए उसके पास आना होना। वह बेटी के दाखिले के नाम पर सीधे महिला से उसकी इज्जत का सौदा कर रहा है।
पूरा मामला महिला के पति को पता चला तो उसने कुछ लोगों के साथ मिल कर कर्मचारी की जमकर धुनाई की। महिला ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस को दी है। आरोप है कि पुलिस कर्मचारी का बचाव कर रही है। लोगों ने रात को थाना के बाहर हंगामा भी किया।
कर्मचारी- हां जी बताओ
महिला- सर, एक्चुअली आपकी-मेरी बात हुई थी, गुड़िया, ...स्कूल में एक और बच्चा के2 में एड कर लिया...नाम से।
कर्मचारी- बेरा है मन्ने (हंसते हुए) वो मैंने ही कराया है वो
महिला- सर वो कह रहे हैं कि बहुत ऊंची जगह से अप्रोच आई हुई है उसकी।
कर्मचारी- मैं बताने लग रहा, वो म्हारी बात से मना कर सके हैं के
महिला- वो तो ठीक है, बस एक मेरी गुड़िया का नहीं हुआ, सारे डॉक्यूमेंट भी पूरे हैं, सारी चीजें पूरी हैं। सर जी कुछ गुड़िया का तो करो, अब तो लास्ट ड्रा चल रही है।
कर्मचारी- एक दूसरे स्कूल का नाम लेता है, महिला कह रही है कि वहां नहीं ले रहे। वो तो फर्स्ट क्लास में ही ले रहे हैं।
महिला- गुडिया मेरी गई हुई है, पहले भी मैंने इसको जंप कराया है, तो फिर ज्यादा बर्डन हो जाएगा। इसमें 10-10 सीटें होती हैं। अभी इनके 18 हुए हैं। 2 सीट तो अभी खाली हैं, इनके पास। सर देखा तो, रिक्वेस्ट है, कर दो कुछ
कर्मचारी- सीधे सौदेबाजी पर आते हुए, आप के करोगी मेरे लिए।
महिला- सर बात हुई तो थी, आपकी मेरी। जो भी आपको ठीक लगे।
कर्मचारी- सीधे बता दो ना के कर सको हो मेरे लिए।
महिला- कुछ देर चुप रही है, फिर बोली, बताओ आप, आप जैसे कहोगे, बता दो मुझे। (बाचचीत में कर्मचारी महिला के मुंह से कुछ कहलाना चाहता है)
कर्मचारी- सीधे बोलता है कि - चलना पड़ेगा कहीं, दो चार घंटे तक
महिला- सर अभी गुड़िया का तो नाम भी नहीं आया, पहले नाम तो आ जाए।
कर्मचारी- मैं वही तो बोल रहा ना, अर 30 हजार रुपए का खर्चा आएगा।
महिला- अच्छा, फिर महिला कुछ सोचती है।, फिर कहती हे कि 30 हजार रुपए का खर्चा आएगा।
कर्मचारी- हां, और आपने चलना पड़ेगा, एक दिन के लिए दो तीन घंटे के लिए।
महिला- एक बात बताओ सर, पहले ही हमारा हाथ इतना तंग है। तभी तो हमने आरटीइ का फॉर्म भरा था।
कर्मचारी- मैडम मैंने भी तो करना पड़े है ना सबसे, एकला मैं नहीं आता
महिला- उसके बाद हो जाएगा सर मेरी गुड़िया का। कर्मचारी हां करता है। महिला कहती है कि सर अभी लिस्ट देख कर आयी हूं। किस बच्चे का नाम हे। उस दिन 16 थे, अब सीधे 18 कर दिए। उसमें भी उसका ....नाम है। मेरी गुड़िया का फिर भी नाम नहीं है।
कर्मचारी- कोई नहीं हो जाएगा, आपका भी
महिला- चला सर ठीक है, फिर मैं कब तक करू आपको कॉल।
कर्मचारी- एग्री हो आप
महिला- सर पेमेंट नहीं हो पाएगी इतना
कर्मचारी- बेशर्मी पर उतरते हुए, फर तो आए महीने एक दिन फेटना (मिलना) पड़ेगा आपने, बताओ, एक दो घंटे तक
महिला- हो जाएगा सर
कर्मचारी- हां हो जाएगा, मैडम, फिर महिला की बात काट कर कहता है कि महीने में एक दिन करना पड़ेगय।
महिला- ठीक है सर, आप बता दो मेरे को, फिर कैसे क्या है। नाम कैसे आएगा, गुड़िया का पहले
कर्मचारी- वो मैं बात करूंगा न, बता दो क्या क्या नाम हैं।
महिला- बच्चे का नाम.... है और फादर ... हैं। क्योंकि ड्रा तो अभी चल रहे हैं। ड्रा में अभी नाम नहीं आएगा तो फिर मेरा इतनी मेहनत करने का क्या फायदा।
कर्मचारी- वो तो है ही जी
महिला- ये तो सर भरोसे पर ही हैं सारी चीजें
कर्मचारी- सेवा पानी तो आपने करनी ही पड़ेगी जी
महिला- बिल्कुल मैं समझ रही हूं सर, कर्मचारी बोलता है। महिला दोबारा कहती है, मैं समझ रही हूं सर, कराओ सर फिर मेरी गुड़िया का कराओ
कर्मचारी- देख लेना मैडम जो बात हैं। आधे घंटे देख लेना
महिला- सर आप गुड़िया का करा दो मेरा, बस उसके बाद तो मैं हाजिर ही हाजिर हूं।
कर्मचारी- देख लेना आज, आधा घंटा ही तो लगेगा।
महिला- ठीक है सर मैं आपको फोन कर दूंगी। इसके बाद बातें बंद हो जाती हैं।
लोगों ने की कर्मचारी की धुनाई
महिला ने इसके बाद पूरी जानकारी अपने पति को दी। बताया गया है कि महिला का पति कुछ लोगों को साथ लेकर कर्मचारी के पास जाता है। लोगों ने कर्मचारी की जमकर धुनाई की। बाद में महिला ने मामले की शिकायत सेक्टर-27 थाना पुलिस को दी।
वहीं जब महिला ने अपने पति को इसके बारे में बताया तो खूब हंगामा हुआ। महिला ने पति ने लोगों के साथ मिलकर आरोपी को जमकर पीटा। साथ ही पुलिस को आरोपी के खिलाफ शिकायत दी, लेकिन महिला के अनुसार जब मामला सिविल लाइन थाने पहुंचा तो पुलिस ने केस को रफा-दफा करने की कोशिश की और उस पर दबाव बनाया गया।
*छात्र अभिभावक संघ के आने के बाद शिकायत दर्ज*
महिला के अनुसार, पुलिस ने केस वापस लेने का दबाव बनाते हुए उसे नवीन को पीटने का मामला दर्ज करने की बात कहकर डराया और दोनों पति-पत्नी को थाने में बैठाए रखा। जब मामला छात्र अभिभावक संघ के संयोजक विमल किशोर के संज्ञान में आया तो उन्होंने थाना प्रबंधक सिविल लाइन को फोन करके मामले से अवगत कराया।
*केस दर्ज किया, लेकिन FIR की कॉपी नहीं दी गई*
महिला के अनुसार, छात्र अभिभावक संघ के सदस्यों के थाने में पहुंचने के बाद शिकायत लिखी गई और उसे घर जाने दिया गया। थाने में छात्र अभिभावक संघ की उपाध्यक्ष प्रवेश कुमारी और सचिव धर्मेंद्र के नेतृत्व में प्रदर्शन भी किया गया। वहीं अभी पुलिस की ओर से FIR की कॉपी भी नहीं दी गई है।
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