चंडीगढ़ : राज्यसभा सांसद और कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल की इस टिप्पणी ‘एक जज के माथे में गड़बड़ है, उसे जल्दी ठीक करेंगे ‘ को दंभपूर्ण व हाईकोर्ट जज के काम में दखलअंदाजी करते हुए धमकी देना बताते हुए उन्हें तत्काल चीफ जस्टिस को सी.एम को कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट का नोटिस देने व CM खट्टर द्वारा न्यायपालिका से माफ़ी माँगने की माँग की है।
रणदीप ने कहा है कि सीएम की न्यायपालिका के बारे में ये भाषा, उनकी सरकार व पार्टी के चाल, चरित्र और चेहरे की शर्मनाक और दंभपूर्ण बानगी है ! उन्होंने कहा कि यदि सीएम अपनी टिप्पणी के लिए माफ़ी नहीं माँगते तो उन्हें न्यायपालिका पर कही गई इस आपत्तिजनक बात के लिए पद से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।
खट्टर जी की सोच को ‘नाच न जाने आँगन टेढ़ा’ करार देते हुए उन्होंने पूछा कि सीएम ने कौन से विश्वविद्यालय से मेडिकल की डिग्री हासिल की है, जो वो हाईकोर्ट के जज के माथे को भी ठीक करने की बात कर रहे हैं ?
यहाँ जारी एक बयान में सुरजेवाला ने कहा कि सीएम की ये भाषा आरएसएस और भाजपा की न्यायपालिका के प्रति दुराग्रह का जीवंत और शर्मनाक प्रमाण है। देश के क़ानून मंत्री किरण रिज़िजू हर रोज़ सुप्रीम कोर्ट को पानी पी पी कर कोसते हैं, रिटायर्ड जजों को धमकियाँ देते हैं और हरियाणा में ये काम खट्टर जी ने सम्भाल लिया है।
रणदीप ने प्रदेश की भर्तियों में होने वाली घनघोर अनियमितताओं के लिए सीधे सीएम और भर्ती आयोगों की बदनाम कार्यप्रणाली को ज़िम्मेदार ठहराया ।
➡️ उन्होंने कहा कि खुद एसएससी के चेयरमैन जब यह मान रहे हैं कि उनके पास पुलिस भर्ती के 833 उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक ही नहीं हैं तो इसके लिए हाईकोर्ट जज कैसे ज़िम्मेदार हो सकते हैं?
➡️ उन्होंने पूछा कि जून 2019 में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया पौने चार साल में पूरी न होने के लिए सरकार व आयोग दोषी है या हाईकोर्ट?
सुरजेवाला ने कहा कि पूरे प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवा खट्टर सरकार की दोषपूर्ण भर्ती प्रक्रिया का शिकार हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा जैसे खुशहाल प्रदेश के बेरोज़गारी का हब बनाने वाले मनोहरलाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला को एक पल भी अपने पदों पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। प्रदेश के युवा इस दंभी और आत्ममुग्ध सरकार को जड़ से उखाड़ कर फेंकने का संकल्प ले चुके हैं और उन्हें अब केवल चुनाव का इंतज़ार है।
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