बिश्नोई महासभा के संरक्षक बने रहेंगे कुलदीप:जांभोलाव पंचायत ने पुराने निर्णय को रद किया; फैसले को एक पक्षीय बताया
हरियाणा के पूर्व सांसद और भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद पर बने रहेंगे। बिश्नोई समाज पंच-पंचायत जांभोलाव धाम जांबा जिला जोधपुर ने 25 अप्रैल को मीटिंग करके पंचायत के 22 अप्रैल के निर्णय को रद कर दिया है।
मीटिंग में दोबारा फैसला लिया गया कि पिछले दिनों जो अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक एवं बिश्नोई रत्न चौधरी कुलदीप बिश्नोई को लेकर जो स्पष्टीकरण मांगा गया था, जिसके बाद मुकाम में समाज के संतों के सामने उन्होंने अपना पक्ष रखा। संत समाज ने उनको अपना आशीर्वाद दिया था।
आज की पंचायत पूरी तरह से 22 अप्रैल के उस निर्णय को निरस्त करती है और यह मानती है कि कुलदीप बिश्नोई एवं अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया की रहनुमाई में संरक्षक बिश्नोई समाज के लए बेहतरीन कार्य कर रही है। कुछ लोग जो महासभा के बारे में अनर्गल टिप्पणी कर रहे हैं वह पूरी तरह से गलत है। समाज को कमजोर करने वाली ताकतों की एक चाल है।
पंच पंचायत पूरी तरह से कुलदीप बिश्नोई और देवेंद्र बुडिया के साथ समाज सेवा के कार्यों में साथ खड़ी है। पंचायत ने पूर्व की सभा में लिए गए निर्णय को एक पक्षीय व अमान्य बताकर उसे रद कर दिया। बता दें कि कुलदीप बिश्नोई के छोटे बेटे चैतन्य बिश्नोई की सगाई दूसरे समाज की लड़की से होने पर जांभो धाम सभा ने उन्हें नोटिस जारी के स्पष्टीकरण मांगा था।
बिश्नोई समाज पंच-पंचायत जांभोलाव धाम,
जाम्बा ने जारी पत्र में लिखा कहा कि कुलदीप बिश्नोई अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के सरंक्षक पद पर हैं। बिश्नोई रत्न सम्मान से भी सम्मानित हैं, उनके द्वारा कुछ समय से समाज विरोधी आचरण से बिश्नोई समाज की रीति-रिवाजों, मान्य परंपराओं व मर्यादाओं को तोड़कर समाज की भावनाओं को आहत एवं शर्मसार किया है।
इस संबंध में उन्हें 20 मार्च 2023 को नोटिस देकर दो सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा गया था। मगर, 7 अप्रैल 2023 तक कोई जवाब नहीं दिया गया। इस संबंध में 7 अप्रैल 2023 को बिश्नोई समाज के संतों व प्रबुद्ध नागरिकों की बैठक उक्त प्रकरण के निर्णय के लिए रखी गई थी, कुछ प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा निवदेन किया गया कि कुलदीप बिश्नोई को एक और अवसर प्रदान किया जाए।
दोबारा 2 सप्ताह का समय दिया जाए। इसके बाद विचार-विमर्श कर निर्णय लिया गया कि कुलदीप बिश्नोई को 22 अप्रैल 2023 तक अपना जवाब पेश करने का अवसर दिया जाए।
*पंचायत द्वारा जारी किया गया नया पत्र*
कुलदीप बिश्नोई को किया गया मुक्त
22 अप्रैल को जांभोलाव धाम की पंच-पंचायत ने निर्णय लिया है कि कुलदीप बिश्नोई की मर्यादाओं एवं परंपराओं को तोड़कर समाज की भावनाओं को आहत एवं शर्मसार करने के लिए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद एवं बिश्नोई रत्न के सम्मान से मुक्त किया जाता है।
भविष्य में इनको समाज के किसी कार्यक्रम में संरक्षक पद एवं बिश्नोई रत्न सम्मान से संबोधित नहीं किया जाएगा। यदि बिश्नोई समाज के किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा भविष्य में कुलदीप बिश्नोई को पद एवं सम्मान से संबोधित किया जाता है तो वह समाज व संस्था का दोषी माना जाएगा।
*आचार्य रामानंद ने दिया था सेवा का आशीर्वाद*
दूसरी ओर 7 अप्रैल को मुकाम में हुई मीटिंग कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि उसके लिए समाज सर्वोपरि है। उसके बाद संतों का स्थान सबसे ऊपर है। मैं और महासभा कार्यकारिणी पूरे संत समाज का दिल से सम्मान करते हैं और मैं निजी तौर पर भी संतों का बहुत सम्मान करता हूं। समाज हित में संत समाज जो भी निर्णय लेंगे, हमें वो निर्णय स्वीकार है।
इसके बाद आचार्य रामानंद ने चौधरी कुलदीप बिश्नोई और महासभा अध्यक्ष से पूरे मामले को सुना। साथ ही जांभा के दोनों महंतों भगवान दास एव प्रेमदास ने आचार्य रामानंद को अधिकृत किया कि आप जो भी फैसला लेंगे, हम आपके साथ है।
इसके बाद स्वामी रामानंद ने कुलदीप बिश्नोई को कहा कि आप समाज की सेवा ऐसे ही करते रहो, मेरा आशीर्वाद आपके साथ है। आचार्य स्वामी रामानंद ने सभी को आपसी भेदभाव मिटाकर एक साथ चलने और महासभा के संरक्षक के रूप में कुलदीप बिश्नोई का साथ दें। साथ ही पूरे मामले को समाज हित में विराम देते हैं।
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