चण्डीगढ़: हरियाणा के DLF लैंड डील विवाद में चर्चित IAS अशोक खेमका की एंट्री हो गई है। खेमका ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सरकार के दाखिल हलफनामे में रॉबर्ट वाड्रा और पूर्व CM को लेकर क्लीनचिट दिए जाने पर कटाक्ष किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि क्या घोटाले सिर्फ चुनावी मुद्दे तक ही सीमित रहेंगे, जो घोटाले 2014 में मुख्य चुनावी मुद्दे बने, नौ साल बाद किसे दंड मिला।
*नई SIT पर भी खड़े किए सवाल*
आईएएस अशोक खेमका ने मार्च में इस मामले में वित्तीय लेन देन की जांच को लेकर सरकार के द्वारा गठित की गई नई SIT पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने लिखा है कि क्या पुलिस तहकीकात का भी यही हश्र होगा ? जिन्हे कटघरे में खड़ा होना चाहिए थो, वह हाकिम बने हुए हैं। उन्होंने न्याय नीति पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि यह कैसी न्याय नीति है।
हरियाणा के डीएलएफ मामले में आईएएस अशोक खेमका का यह दूसरा ट्वीट है। पहला ट्वीट उन्होंने 5 अप्रैल को किया था। इसमें उन्होंने स्काईलाइट-DLF लैंड डील में वाड्रा को क्लीन चिट देने वाले रिटायर्ड IAS अधिकारी को दोबारा नियुक्ति देने पर नाराजगी जताई थी। खेमका ने ट्वीट कर लिखा- 2014 में भी इस मामले में नई सरकार (भाजपा सरकार) ने कुछ नहीं किया। ऐसा करना जुर्म करने की संस्कृति को बढ़ावा देने जैसा है। कोई गलती करता जाए और उसे कोई सजा न दी जाए। सेवानिवृति के बाद एक आरामदेह और रुतबे वाली जिंदगी सरकार ने दी है।
*खेमका की नाराजगी की यह है वजह*
खेमका ने ही वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील उजागर की थी। हालांकि इसके बाद तत्कालीन सरकार ने 11 अक्टूबर 2012 को रात 10 बजे खेमका का ट्रांसफर कर दिया था। अगले दिन 12 अक्टूबर को खेमका ने लाइसेंस की कालाबाजारी मानते हुए जांच के आदेश दिए। इसी दिन उन्होंने अपने ट्रांसफर के खिलाफ चीफ सेक्रेटरी को ज्ञापन देकर जांच की मांग की। इसके तीन दिन बाद 15 अक्टूबर, 2012 को खेमका ने डीएलएफ का म्यूटेशन रद्द कर दिया और उसी दिन पुरानी पोस्ट का चार्ज छोड़ दिया।
हरियाणा के आईएएस अशोक खेमका ने इस मामले को उजागर करने के बाद इस मामले की जांच के लिए एक ज्ञापन भी दिया था। इस पर पिछली कांग्रेस सरकार ने 3 आईएएस की एक जांच कमेटी बनाई थी। कमेटी ने वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील को क्लीनचिट दे दी थी। इसी आधार पर हुड्डा सरकार ने 4 दिसंबर, 2013 को अशोक खेमका को चार्जशीट कर दिया था। हालांकि बाद में मौजूदा सरकार ने इसे ड्रॉप कर दिया था।
हरियाणा में वॉड्रा DLF लैंड डील विवाद में BJP-JJP की सरकार अपना स्टैंड साफ कर चुकी है। सरकार की ओर से मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर यादव कह चुके हैं कि इस मामले में अभी जांच जारी है। सरकार की ओर से किसी को भी कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है। कांग्रेस इस मामले में सोची समझी राजनीति के तहत भ्रम फैलाने का काम कर रही है।
No comments:
Post a Comment