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Wednesday, May 3, 2023

*जेल जाऊंगा, लेकिन नहीं उठूंगा...', जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे बजरंग पूनिया बोले- ठान कर आए हैं*..

*जेल जाऊंगा, लेकिन नहीं उठूंगा...', जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे बजरंग पूनिया बोले- ठान कर आए हैं*..
बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट सहित देश के शीर्ष पहलवान रविवार को विरोध प्रदर्शन के लिए फिर से जंतर मंतर पहुंचे और सरकार से WFI (भारतीय कुश्ती महासंघ) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली निगरानी समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की।
    
नई दिल्ली:रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाले पहलवान तीन महीने के भीतर दोबारा जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए हैं। पहलवानों ने इस बार प्रदर्शन के लिए पुलिस से अनुमति नहीं ली है। कहा जा रहा है कि पहलवानों को प्रदर्शन के लिए पुलिस ने अनुमति देने से ही मना कर दिया था। लेकिन, पहलवान भी ठान कर आए हैं कि जो हो जाए, प्रदर्शन जारी रखेंगे।
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इस बारे में जब NBT ने इस प्रदर्शन की अगुआई कर रहे ओलिंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया से पूछा तो उनका जवाब था, 'हम भारत के नागरिक हैं और हमें प्रदर्शन करने का अधिकार है। यह बात सच है कि हमने सरकार से अनुमति नहीं ली है लेकिन इस बार जब तक हमारी मांगें मान नहीं ली जातीं, हम प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे। अगर हमें बलपूर्वक उठाया जाएगा तो हम इसके लिए भी तैयार हैं। अखाड़े में कोच की लाठी खाते ही हैं, यहां पुलिस की भी लाठी खा लेंगे।' बजरंग से जब पूछा गया कि उनकी मांग क्या है तो उन्होंने साफ कहा कि बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी।
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*धीरे-धीरे लोग जुड़ेंगे*
पिछली बार की तुलना में इस बार प्रदर्शन में पहलवानों की संख्या काफी कम है। NBT ने कई पहलवानों और कोचों से इस बारे में फोन कर पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। इस बारे में जब बजरंग से पूछा गया तो बजरंग का जवाब था, 'हम जब पिछली बार धरने पर बैठे थे, उस समय भी शुरुआत में हमारी संख्या काफी कम थी। हमने तब भी किसी को नहीं बताया था और इस बार भी नहीं बताया है। जैसे-जैसे लोगों को पता चलेगा, हमें समर्थन मिलता जाएगा। हमें उम्मीद है कि इस बार भी हमें पिछली बार की तरह अपने पहलवान साथियों और बाकी लोगों का समर्थन मिलेगा।'
            
ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने कहा कि कहा जा रहा है कि अब हमारा करियर समाप्त हो गया है, इसलिए हम धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन हम बता दें कि अभी मैंने और बजरंग ने हाल ही में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीता है। आप कैसे कह सकते हैं कि हमारा करियर समाप्त हो गया है। हममें अभी काफी खेल बाकी है। विनेश से जब पूछा गया कि आप पर आरोप लग रहा है कि यह केवल एक परिवार विशेष की लड़ाई है तो उनका जवाब था, 'यह कोई परिवार विशेष की लड़ाई नहीं बल्कि रेसलिंग परिवार की लड़ाई है। हम सभी एक हैं।'
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*नहीं छोड़ सकते रेसलिंग*
विनेश फोगाट से जब पूछा गया कि पिछली बार आपके साथ धरने पर बैठे कई पहलवानों ने कहा था कि जब तक मांगें नहीं पूरी हो जाती हैं, हम किसी भी टूर्नामेंट में नहीं खेलेंगे। लेकिन, उनमें से कई पहलवान अब टूर्नामेंटों में खेल रहे हैं। इस पर विनेश ने कहा, 'पहलवान पहलवानी नहीं छोड़ सकते। उनका यह करियर है। जो खेल रहे हैं, उसमें ज्यादातर युवा हैं। वह कैसे अपने करियर को दांव पर लगा सकते हैं। उन्होंने इसके लिए हम सीनियर साथियों पर भरोसा जताया है। हम उनके और रेसलिंग के हित में यह लड़ाई जारी रखेंगे।'
    

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