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Wednesday, May 3, 2023

*जींद में सरपंचों ने फूंका CM का पुतला:ई-टेंडरिंग व राइट टू रिकॉल के खिलाफ किया प्रदर्शन; अब रैली में दिखाएंगे ताकत*

*जींद में सरपंचों ने फूंका CM का पुतला:ई-टेंडरिंग व राइट टू रिकॉल के खिलाफ किया प्रदर्शन; अब रैली में दिखाएंगे ताकत*
ई-टेंडरिंग व राइट टू रिकॉल के खिलाफ किया प्रदर्शन; अब रैली में दिखाएंगे ताकत|
जींद में सीएम, डिपटी सीएम व पंचायत मंत्री का पुतला जलाते सरपंच।
हरियाणा के जींद में राइट टू रिकाल और ई-टेंडरिंग के विरोध में सरपंचों ने मंगलवार को रानी तालाब पर सीएम मनोहर लाल, पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का पुतला फूंका। इस दौरान सरपंचों ने गठबंधन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सरपंचों ने आह्वान किया कि 30 मई जींद में होने वाली प्रदेश स्तरीय महारैली में रिकार्ड तोड़ भीड़ उमड़ेगी।
सरपंच एसोसिएशन के आह्वान पर जिले भर के सरपंच मंगलवार को जींद ब्लॉक प्रधान नीलम कंडेला, उनके प्रतिनिधि अनूप कंडेला, मांडो खेड़ी सरपंच अनिल लाठर, पिंडारा सरपंच कुलदीप, आजाद सरपंच, कविता गोयत समेत जिले भर के सरपंच नेहरु पार्क में एकत्रित हुए। यहां वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने पंचायतों से अधिकार छीन कर उन्हें पंगु बनाया हुआ है। ई-टेंडरिंग को थोंपा गया है। जिससे सरपंचों के पास काम करवाने की पावर ही नहीं बची है*पुतला लेकर जाते सरपंच*।   पुतला लेकर जाते सरपंच।
उन्होंने कहा कि साथ ही राइट टू रिकॉल को भी लागू किया गया। जो सरासर गलत है। सरपंच राइट टू रिकॉल तथा ई-टेंडरिंग का विरोध करते आ रहे हैं। जिसको लेकर धरने भी जारी हैं। उन्होंने कहा कि जब तक पंचायतों को संपूर्ण अधिकार नहीं मिल जाते तब तक ग्रामीण आंचल को विकास असंभव है। सरपंचों का मानदेय भी काफी कम है। जिन्हें पंचायती कामकाज के सिलसिले में बाहर आना जाना पड़ता है। सरपंचों का मानदेय बढ़ाया जाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है। जिसके बाद सरपंच सरकार का पुतला बना नारेबाजी करते हुए रानी तालाब टी पाइंट पर पहुंचे और सरकार का पुतला फूंक कर रोष जताया। जिसके बाद सरपंचों ने 30 मई की रैली को लेकर मंथन किया। जिसमें बड़े गांव के सरपंच को 100 व्यक्ति तथा छोटे गांव के सरपंचों को 50 व्यक्ति लाने का टारगेट दिया गया ताकि भीड़ के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाया जा सके। इस मौके पर सरपंच जोगेंद्र, लीलाराम, अनिल, हरदीप, नरेश समेत काफी संख्या में सरपंच मौजूद थे।

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