*केंद्र के फैसले से हरियाणा के गन्ना किसानों को झटका:10 रुपए बढ़ी MSP का नहीं मिलेगा लाभ; स्टेट एडवाइजरी प्राइज के कारण फैसला लागू नहीं*
10 रुपए बढ़ी MSP का नहीं मिलेगा लाभ; स्टेट एडवाइजरी प्राइज के कारण फैसला लागू नहीं|
केंद्रीय कैबिनेट के एक फैसले से हरियाणा के गन्ना किसानों को झटका लगा है। हरियाणा में केंद्रीय कैबिनेट में गन्ने की फसल की 10 रुपए MSP बढ़ाने के फैसले का लाभ किसानों को नहीं मिलेगा। राज्य में स्टेट एडवाइजरी प्राइज (SAP) के लागू होने के कारण केंद्रीय कैबिनेट का यह फैसला यहां लागू नहीं हो पाएगा।
अभी हरियाणा में 372 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गन्ने की फसल की खरीद सरकार के द्वारा की जा रही है।
इसलिए नहीं मिल पाया हरियाणा को लाभ
दरअसल, केंद्र सरकार ने गन्ने के दामों में यह बढ़ोत्तरी समर्थन मूल्य (FRP) के तहत की है। एफआरपी वह न्यूनतम दाम होता है जिस पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है। सरकार गन्ना (नियंत्रण) आदेश 1966 के तहत FRP तय करती है।
हालांकि कुछ राज्यों में सरकार के द्वारा तय की गई कीमत से भी ज्यादा होती है। इन राज्यों में स्टेट एडवाइजरी प्राइज लागू होता है। इसमें उत्तर प्रदेश, पंजाब के साथ ही हरियाणा भी आता है, यही कारण है कि केंद्र के इस फैसले का लाभ हरियाणा के किसानों को नहीं मिल पाएगा।
जनवरी में हरियाणा में गन्ने के रेट
हरियाणा सरकार गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले ही प्रदेश के किसानों को तोहफा दे चुकी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गन्ने का रेट बढ़ाने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गन्ने के रेट में 10 रुपए बढ़ोतरी कर 372 रुपए कर दिया था। इससे पहले 2022 में हरियाणा में 362 रुपए की दर से खरीद की जा रही थी। कृषि मंत्री जेपी दलाल की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह फैसला लिया था।
पंजाब से कम है अभी भी गन्ने का रेट
पंजाब की बात करें तो वहां इस समय गन्ने का मूल्य 380 रुपए प्रति क्विंटल है। वहीं हरियाणा की बात करें तो यहां मूल्य 362 रुपए प्रति क्विंटल था। सरकार ने अब 10 रुपए बढ़ा दिए हैं। अब हरियाणा में गन्ने का मूल्य 372 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। हरियाणा के किसानों को अभी भी पंजाब के किसानों के मुकाबले 8 रुपए प्रति क्विंटल कम रेट मिले रहा
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