जी-20 में पहली बार भारत की अध्यक्षता पर वैज्ञानिकों व विद्यार्थियों ने की चर्चा
चण्डीगढ़ - चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के सस्य विज्ञान विभाग द्वारा दो दिवसीय ‘विशेषज्ञ वार्ता एवं एक्सपोजर भ्रमण’ का आयोजन किया गया। दो दिवसीय कार्यक्रम में वैज्ञानिकों व विद्यार्थियों ने जी-20 में पहली बार भारत की अध्यक्षता को लेकर आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रकाश डाला।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने आज इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पहली मार्च से 31 अगस्त,2023 के अंतराल में जी-20 में भारत की अध्यक्षता से संबंधित वैज्ञानिकों व विद्यार्थियों को जानकारी दी गई है। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय की ओर से 26 व 27 जून को आयोजित हुई दो दिवसीय ‘विशेषज्ञ वार्ता एवं एक्सपोजर भ्रमण’ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए स्मार्ट कृषि का उपयोग व सस्य विज्ञान की नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल करके फसलों का उत्पादन बढ़ाना था।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में वैज्ञानिकों व शोधार्थियों द्वारा स्मार्ट कृषि को बढ़ावा देने के लिए समन्वित कृषि प्रणाली की आवश्यकता, संसाधन सरंक्षण तकनीकें जैसे धान की सीधी बिजाई एवं शून्य जुताई की तकनीकों का इस्तेमाल, बारानी खेती में फसल उत्पादन बढ़ाने में नवीनतम सस्य तकनीकों के सरल उपयोग संबंधित विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि एक्सपोजर दौरे के दौरान विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों को शून्य जुताई, धान की सीधी बिजाई, समन्वित कृषि प्रणाली मॉडल एवं अन्य अनुसंधान प्रयोगों के बारे में भी बताया गया।
उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन जैसी स्थितियां उत्पन्न हुई है, जिससे खेती पर जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम बढ़ रहे हैं। इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न नवीनतम एवं उन्नत सस्य क्रियाएं मदद कर सकती है।
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