रेवाड़ी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचएसआईआईडीसी) पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना विभाग पर कन्वेंस डेड जारी न करने पर लगाया गया है। शहर की नई अनाज मंडी स्थित सुमित्रा देवी ने एक रिहायशी प्लाट नंबर 47 सेक्टर 13, फेस थर्ड, आईएमटी बावल में खरीदा था। यह प्लाट उन्होंने मातूराम से 14 जून 2021 को खरीदा था। प्लाट खरीदने के पहले ही इसके मालिक मातूराम को यह प्लाट एचएसआईआईडीसी की ओर से अलॉट किया गया था।
जो प्लॉट पुनर्वास नीति के तहत आवंटित किया गया था। मातूराम को प्लाट मिलने के बाद मातूराम ने नियम के मुताबिक सभी बकाया राशि विभाग कार्यालय में जमा करा दी थी और कार्यालय से इस प्लाट की कन्वेंस डीड जारी करने के लिए मांग की थी। कई बार लिखित मांग करने के बावजूद जब विभाग ने कन्वेंस डीड जारी नहीं की तो यह प्लाट मातूराम ने सुमित्रा देवी को बेच दिया। सुमित्रा देवी ने भी यह प्लाट खरीदने के बाद उन्हें विभाग ने आवंटन पत्र तैयार कर दे दिया, लेकिन उन्हें भी विभाग की ओर से कन्वेंस डीड नहीं दी गई।
बिना कन्वेंस डीड न होने के कारण शिकायतकर्ता अपना मकान नहीं बना सकी। कई बार लिखित आवेदन करने व विभाग के चक्कर लगाने के बावजूद जब कोई समाधान नहीं हुआ तो शिकायतकर्ता सुमित्रा देवी ने अपने अधिवक्ता मनिंदर सिंह के माध्यम से जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के समक्ष 2 मार्च 2023 को याचिका दायर कर कन्वेंस डीड बनाने की मांग की। लिखित आश्वासन भी पूरा नहीं किया : इस मामले में एचएसआईआईडीसी विभाग की ओर से पेश हुए सभी अधिकारियों ने यह कहते हुए अपना स्पष्टीकरण दिया कि सिस्टम में सुधार किए जाने की आवश्यकता है।
इसके चलते कन्वेंस डीड नहीं बनाई गई है। उन्होंने लिखित आश्वासन भी दिया कि 1 माह में कन्वेंस डीड बनाकर शिकायतकर्ता को दे दी जाएगी। इस मामले में पेश किए गए दस्तावेजों को ध्यान में रखते हुए जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग के चेयरमैन संजय कुमार खंडूजा व सदस्य डॉ ऋषि दत्त कौशिक ने अपने संयुक्त निर्णय में लिखा कि लंबे समय तक कन्वेंस डीड न बनवाना विभाग का कोताहीपूर्ण कार्य है। इसलिए विभाग पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। यह जुर्माना राशि शिकायतकर्ता को एक माह के भीतर 9% ब्याज सहित अदा करनी होगी।
No comments:
Post a Comment