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Friday, July 2, 2021

July 02, 2021

हरियाणा में 11 IAS समेत 45 अफसर तबादले

गुरुग्राम व फरीदाबाद सहित हरियाणा में 11 IAS समेत 45 अफसर तबादले

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने बृहस्पतिवार रात को भारी प्रशासनिक फेरबदल किया है। राज्य सरकार ने 11 आइएएस, 32 एचसीएस और दो एचपीएस अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए। इनमें कई जिलों के एसडीएम, एडीसी और नगर मजिस्ट्रेट शामिल हैं। इसके बाद आइपीएस अधिकारियों के तबादलों की बारी है।
सरकार ने कई जिलों के एसडीएम और नगर मजिस्ट्रेट बदले, जल्द ही आइपीएस अफसरों के होंगे तबादले
प्रदेश सरकार ने करनाल के मंडलायुक्त और हरियाणा बीज विकास निगम के प्रबंध निदेशक संजीव वर्मा को पहले से ज्यादा पावरफुल कर दिया है। राज्य सरकार प्रदेश में पनप रहे बीज माफिया के दबाव में नहीं आई। राज्य सरकार ने संजीव वर्मा को हरियाणा बीज प्रमाणीकरण एजेंसी के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है।

*बीज माफिया के दबाव में नहीं आई सरकार, मंडलायुक्त संंजीव वर्मा को बीज प्रमाणीकरण एजेंसी सौंपी*

संजीव वर्मा ने बीज विकास निगम में 29 साल से चले आ रहे बीज घोटाले का पर्दाफाश किया था। बीज माफिया द्वारा बीजों का प्रमाणीकरण कराने के नाम पर अधिकारियों के साथ मिलकर बड़ा घोटाला किया जाता रहा है। हर साल राज्य में करीब 35 लाख टन बीज प्रमाणित किया जाता है, जिसमें न केवल किसानों के साथ धोखा होता है, बल्कि प्राइवेट प्लेयर्स और बीज माफिया मिलकर सरकार तथा किसानों को चूना लगाते हैं। संजीव वर्मा ने सरकार को भेजी रिपोर्ट में इसका सिलसिलेवार खुलासा किया और बीज घोटाले की जांच की सिफारिश की, जिसके आधार पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए।
संजीव वर्मा पहले भी कई घोटालों का पर्दाफाश कर सरकार की साख में बढ़ोतरी कर चुके हैं। सरकार ने उन्हें बीज प्रमाणीकरण एजेंसी के एमडी की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपकर स्पष्ट कर दिया है कि वह बीज माफिया के दबाव में नहीं आने वाली है। बता दें कि बीज विकास निगम से वर्मा के तबादले की मांग को लेकर कुछ लोग पिछले दिनों कृषि मंत्री जेपी दलाल से भी मिले थे, लेकिन दलाल ने भी साफ कह दिया था कि किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
*इन आइएएस अधिकारियों के हुए तबादले*

1. संजीव वर्मा – करनाल के मंडलायुक्त, बीज विकास निगम के प्रबंध निदेशक और बीज प्रमाणीकरण एजेंसी के एमडी का अतिरिक्त कार्यभार।

2. अजय सिंह तोमर – आयुक्त यमुनानगर नगर निगम।

3. धर्मवीर सिंह – पंचकूला नगर निगम के आयुक्त।

4. रामकुमार सिंह – पानीपत के जिला निगम आयुक्त का अतिरिक्त कार्यभार।

5. अखिल पिलानी – एसडीएम बहादरगढ़।

6. अंकिता चौधरी – एसडीएम गुरुग्राम।

7. हितेश कुमार मीणा – एसडीएम अंबाला छावनी।

8. नीरज – एसडीएम नारायणगढ़।

9. सलोनी शर्मा – एसडीएम महेंद्रगढ़।

10. वैशाली सिंह – एसडीएम पलवल।

11. आनंद कुमार शर्मा – एसडीएम सफीदों।

इन एचसीएस अफसरों के हुए तबादले

1. सुरेंद्र सिंह – अतिरिक्त श्रम आयुक्त, गुरुग्राम।

2. अशोक कुमार बंसल – एडीसी, रेवाड़ी।

3. योगेश कुमार – एडीसी, करनाल।

4. कमलप्रीत कौर – मार्केटिंग बोर्ड की सचिव।

5. नरेंद्र पाल मलिक – एसडीएम, थानेसर।

6. डा. शिल्पी पत्तर दत्त – एससी-बीसी विभाग की संयुक्त निदेशक (प्रशासन)।

7. प्रदीप अहलावत – रोहतक चीनी मिल के एमडी।

8. वीरेंद्र चौधरी – खेल विभाग के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) का अतिरिक्त कार्यभार।

9. डा. किरण सिंह – जींद जिला परिषद सीइओ।

10. जितेंद्र कुमार – जीएमडीए गुरुग्राम के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी।

11. बिजेंद्र सिंह – हरियाणा रोडवेज भिवानी के महाप्रबंधक।

12. सुरेंद्र सिंह – एसडीएम, गन्नौर।

13. शिखा – एसडीएम, झज्जर।

14. ईशा कांबोज – संपदा अधिकारी, जगाधरी।

15. वकील अहमद – एसडीएम होडल।

16. अनिल कुमार यादव – फरीदाबाद नगर निगम के सचिव।

17. मनदीप कुमार – एसडीएम, असंध।

18. राजेश कोथ – एसडीएम, उचानाकलां।

19. प्रीतपाल सिंह – कैथल चीनी मिल के एमडी।

20. विजय मलिक – हिसार के सीटीएम।

21. लक्ष्मी नारायण – एसडीएम, हथीन।

22. संदीप कुमार – हरियाणा राज्य कानून आयोग के सचिव।

23. सुशील कुमार – कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक प्रशासन।

24. धीरज बहल – एसडीएम, पानीपत।

25. जितेंद्र कुमार – मानेसर नगर निगम के संयुक्त आयुक्त।

26. अनिल कुमार दून – ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त निदेशक प्रशासन।

27. नवदीप सिंह – पानीपत चीनी मिल के एमडी।

28. मोहित कुमार – खाद्य एवं औषध प्रशासन विभाग में संयुक्त निदेशक प्रशासन।

29. शिवजीत भारती – शहरी स्थानीय निकाय विभाग में उप सचिव।

30. रेणुका – सीटीएम, झज्जर।

31. निशा – सीटीएम, यमुनानगर।

32. हरप्रीत कौर – सीटीएम, कुरुक्षेत्र।

इन एचपीएस अधिकारयों के हुए तबादले

1. वीरेंद्र सिंह – डीटीओ, गुरुग्राम।

2. धारणा यादव – डीटीओ, झज्जर।

Saturday, June 19, 2021

June 19, 2021

डॉक्टरों से हिंसा पर केंद्र का राज्यों को पत्र

डॉक्टरों से हिंसा पर केंद्र का राज्यों को पत्र
नई दिल्ली: डॉक्टरों के साथ हिंसा के मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक विस्तृत समीक्षा करके यह सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा है कि संशोधित महामारी रोग अधिनियम के कार्यान्वयन के अलावा स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा व भलाई के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाए जाएं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे अपने पत्र में कहा कि कि स्वास्थ्य कर्मियों की हर मोर्चे पर कोविड-19 प्रबंधन में सबसे अहम भूमिका है।
हाल ही में असम, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक समेत कुछ जगहों से डॉक्टरों, स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मियों तथा अन्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा की खबरें आईं। उन्होंने कहा कि इस तरह के वाकये हमारे स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मियों के मनोबल को प्रभावित करते हैं जिन्होंने कोविड-19 प्रबंधन में सभी चुनौतियों के खिलाफ अनुकरणीय प्रतिबद्धता दिखाई।
बता दें , कुछ दिन पहले असम के होजई जिले में डॉक्टर पर हमले के बाद इस मामले को गंभीरता से लेते हुए  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। इस पत्र में आईएमए ने शाह से स्वास्थ्य संबंधी हिंसा के खिलाफ एक प्रभावी और मजबूत कार्रवाई को मंजूरी देने का अनुरोध किया गया था।
बता दें कि असम के होजई जिले में फुलताली मॉडल अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत के बाद पुरुषों के एक समूह द्वारा एक ऑन-ड्यूटी डॉक्टर पर हमला किया गया था। जिसके बाद से राज्य के डॉक्टरों में नाराजगी देखी गई। वहीं आईएमए ने भी घस घटना की कड़ी निंदा की थी।

Tuesday, June 2, 2020

June 02, 2020

सरकारी कर्मचारियों के लिए नए निर्देश जारी

सरकारी कर्मचारियों के लिए नए निर्देश जारी 

चंडीगढ़, 2 जून- हरियाणा सरकार ने अपने सभी कार्यालयों में ग्रुप-ए एवं बी के शतप्रतिशत अधिकारियों और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने के लिए कार्यालय में पर्याप्त स्थल उपलब्ध होने पर ग्रुप-सी एवं डी से 75 से 100 प्रतिशत तक कर्मचारियों को कार्यालय बुलाने का निर्णय लिया है।   

अलग-अलग समय पर कर्मचारियों को बुला सकते

         एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि यह निर्णय केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 30 मई, 2020 को सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति के संबंध में जारी संशोधित दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए लिया गया है। विभागाध्यक्ष, कार्यालयाध्यक्ष और उपायुक्त अपने आकलन अनुसार अलग-अलग समय पर कर्मचारियों को कार्यालय बुला सकते हैं ताकि कार्यालय में अधिक भीड़ न हो। इसके अतिरिक्त, जो कर्मचारी घर से कार्य कर सकते हैं उन्हें घर से कार्य करने की अनुमति भी दी जा सकती है।

ग्रुप-सी एवं डी के कर्मचारियों की ड्यूटी का साप्ताहिक रोस्टर

         उन्होंने बताया कि कार्यालयों में ग्रुप सी एवं डी के कर्मचारियों की 75 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए मुख्यालय एवं जिला कार्यालयों में ग्रुप-सी एवं डी के कर्मचारियों की ड्यूटी का साप्ताहिक रोस्टर तैयार किया जाएगा और ऐसे कर्मचारियों को एक-एक सप्ताह छोडक़र कार्यालय आने को कहा जाएगा। प्रथम सप्ताह के रोस्टर में ऐसे कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा, जो कार्यालय के निकट रहते हैं और कार्यालय आने के लिए अपने वाहन का इस्तेमाल करते हैं। यदि किसी कर्मचारी का आवास कन्टेनमैंट जोन में आता है तो ऐसा कर्मचारी उस समय तक कन्टेनमैंट जोन को नहीं छोड़ेगा, जब तक कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा ‘जोन डिक्लेरेशन आर्डर’ वापस नहीं ले लिया जाता है।

आरोग्य सेतु जरुरी

         प्रवक्ता ने बताया कि कार्यालय आने वाले सभी कर्मचारियों को अपने स्मार्ट फोन, यदि उनके पास हैं, पर ‘आरोग्य सेतु’ मोबाइल एप्प इंस्टाल करना होगा। इसके अतिरिक्त, विभागाध्यक्ष, कार्यालयाध्यक्ष और उपायुक्त कार्यालयों में कर्मचारियों के बीच सामाजिक दूरी एवं स्वच्छता के मानदण्डों का पालन और कार्यालयों, फाइलों, कार्यालय उपकरणों, केन्टीन एवं वाहनों का नियमित सेनेटाइजेशन सुनिश्चित करेंगे।

15 जून, 2020 तक कार्यालयों में पब्लिक डीलिंग नहीं

         प्रवक्ता ने बताया कि 15 जून, 2020 तक कार्यालयों में पब्लिक डीलिंग नहीं होगी। इसके अतिरिक्त, कार्यालय भवनों में एयरकंडीशनर को चलाने के संबंध में लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। 
         उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकारी कार्यालयों में कोविड-19 मानक संचालन प्रक्रिया के क्रियान्वयन बारे नियमित जांच की जाएगी और कभी-कभी मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालयों में कर्मचारियों की जांच के लिए कोविड-19 के नमूने भी लिए जाएंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि बहरहाल, गु्रप-सी और डी के 75 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति से सम्बन्धित आदेश आवश्यक सेवा श्रेणी के तहत आने वाले मुख्य सचिव, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य, गृह, कृषि, जनस्वास्थ्य, विकास एवं पंचायत, बिजली, सिंचाई, शहरी स्थानीय निकाय, चिकित्सा शिक्षा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, सहकारिता, वित्त, आबकारी एवं कराधान, सूचना एवं जनसंपर्क, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभागों और उनकी घटक इकाइयों (नगर निकाय, बोर्ड, निगम, मिशन, सोसायटी आदि) पर लागू नहीं होगा।