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Thursday, May 28, 2020

May 28, 2020

साठ साल पहले रोहतक में टिड्डी दल ने किया था हमला

(विनय)रोहतक। घटना वर्ष 1960-61 की है। मैं उस समय रोहतक के प्राथमिक स्कूल में पढ़ता। दो-तीन दिन पहले यह चर्चा होने लगी थी कि रोहतक में भी टिड्डी पहुंचेगी। लेकिन वह मनहूस दिन आ भी गया, जब टिड्डियों का बहुत बड़ा दल रोहतक व उसके पास के क्षेत्र में आ पहुंचा। टिड्डियों ने इतना नुकसान किया, जिसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल था। फसलों की बातें ही छोड़ें, टिड्डियां ने वृक्षों के पत्ते और उनकी टहनियों तक चट्ट कर दी थी। टिडे दो-तीन दिन तक रोहतक व इसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में रहे। 

यह कहना है कि रोहतक के हरीश चावला का। चावला ने गत 26 मई को अपने अनुभव फेसबुक पर साझा किए हैं। इन्होंने बताया वर्ष 1959-60 में रोहतक जिला संयुक्त पंजाब का हिस्सा था। सरकारों के पास संसाधन नहीं थे। ऐसे में किसी भी प्रकार की उम्मीद करना बेमानी था। चावला कहते हैं कि आज साठ साल बाद सरकार के पास संसाधन मौजूद हैं। लेकिन टिड्डियों के हमले से फसलों को बचाना आज भी पूरी तरह से नियंत्रित नहींहुआ है।

दिल्ली एनसीआर में ज्यादा खतरा

 अलर्ट के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में टिड्डी पहुंचने का सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा है। क्योंकि गत 26 मई को टिड्डी दल जयपुर व इसके पास के क्षेत्र में घमासान मचाए हुआ था। दिल्ली से जयपुर की हवाई दूरी 241 किलाेमीटर है। विशेषज्ञों के अनुसार टिड्डी कीट का आकार 2 से 2.5 इंच का होता है। यह 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक दिन में 200 किलोमीटर तक उड़ने की क्षमता है

रात में मचा देती हैं घमासान 

दिन में टिड्डियां खाती रहती हैं और उड़ान भरती रहती हैं। लेकिन जब रात में जिस क्षेत्र में विश्राम करती हैं, वहां घमासान मचा देती हैं। फसलों का पूरी तरह से सफाया और पेड़ों के पत्ते चट्ट करती हैं, पतली टहनियों को खाने में ये कीट कोई गुरेज नहीं करते हैं। इस समय खरीफ का सीजन चल रहा है। ऐसे में कपास, गन्ना और दूसरी फसलें लहला रही हैं। ऐसे में टिड्डी दल का हमला होता है तो फसलें तबाह हो जाएंगी। लॉकडाउन की वजह से पहले ही किसान काफी घाटे में दिन व्यतीत कर रहा है। सूचना के बाद कृषि विभाग अलर्ट पर है। 

सरकार का अलर्ट 

टिड्डियों को लेकर बुधवार को राज्य सरकार की तरफ से अलर्ट जारी कर दिया गया है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अगर उनके जिले में कहीं भी टिड्डी दल पहुंचने की सूचना मिलती है तो तुरंत इस बारे में इत्तला स्थानीय प्रशासन को दें। इसके अलावा किसानों को इस बारे में सचेत करें। ताकि वे अपने खेतों में पहुंचकर अपनी फसलों के पास खड़े होकर ऊंची-ऊंची आवाज निकालकर टिड्डियों को भगाएं। इसके अलावा फसलों में रसायनों को छिड़काव करने की सलाह सरकार की तरफ से किसानों को दी है। किसानों को कहा गया कि किसी भी रसायन का स्प्रे फसल पर करने से पहले कृषि अधिकारियों से उनके मोबाइल पर सलाह जरूर लें।

फसलें चट कर गई हमले से बचा रहे प्रदेश

 मैंने अपनी आंखों से देखा है कि टिड्डी दल फसलों का कितना विनाश करती हैं। वर्ष 1960-61 में रोहतक व इसके पास के क्षेत्र में टिड्डियों ने फसलों को तबाह कर दिया था। भगवान करें प्रदेश टिड्डी हमले से बचा रहे। -हरीश चावला, 

रोहतक कृषि विभाग तैयार

 जिले में किसी भी व्यक्ति को टिड्डी दल पहुंचने की जानकारी मिले,वह तुरंत इसकी जानकारी प्रशासन तक पहुंचाए। ताकि इनको भगाने के प्रयास शुरू किए जाएं। विभाग इसको इन कीटों को लेकर अलर्ट पर है। किसानों को घबराने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है। अगर टिड्डी हमला होता है तो किसानों को हर सम्भव मदद पहुंचायी जाएगी। -डॉ. रोहतास सिंह, उप निदेशककृषि एवं किसान कल्याण विभाग रोहतक