April 11, 2025
मोतीलाल स्कूल में बैसाखी पर रही कार्यक्रमों की धूम
मोतीलाल स्कूल में बैसाखी पर रही कार्यक्रमों की धूम
जींद: मोतीलाल नेहरू पब्लिक विद्यालय की प्राथमिक विभाग की सैपलिंग शाखा में बैसाखी पर्व बड़े ही हषोल्लास के साथ मनाया गया। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक बनाए बल्कि छोटे बच्चों में भारतीय परंपराओं और त्योहारों की गहरी समझ विकसित करने का एक सशक्त माध्यम भी सिद्ध हुआ। इस भव्य आयोजन में नर्सरी कक्षा से पहली कक्षा तक के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने भाग लेकर कार्यक्रम को जीवंतता प्रदान की। विद्यालय के बच्चों ने रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजकर मंच पर अपनी प्रस्तुतियां दी। पंजाबी लोकगीतों पर आधारित भांगड़ा, गिद्दा और पारंपरिक नृत्य ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों ने बैसाखी क्या है विषय पर आधारित लघुनाटिका भी प्रस्तुत की। जिसमें खेती, फसल की कटाई और किसानों की जीवनशैली को दर्शाया गया। इस प्रस्तुति ने न केवल मनोरंजन किया बल्कि दर्शकों को इस पर्व के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व से भी अवगत कराया। विद्यालय के प्राथमिक विभाग के शिक्षिकाओं ने बच्चों को बैसाखी के महत्व को सरल और रोचक कहानियों, चित्रों और गतिविधियों के माध्यम से समझाया। बच्चों ने बैसाखी से संबंधित पोस्टर बना कर अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया। विद्यालय प्राचार्य रविंद्र कुमार ने कहा कि हमारे विद्यालय का प्रयास हमेशा से बच्चों को न केवल शैक्षणिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध बनाना रहा है। बैसाखी जैसा पर्व हमारे कृषि प्रधान देश की आत्मा है। छोटे बच्चों के माध्यम से जब हम अपनी जड़ों से जुडऩे का प्रयास करते हैं तो यह अनुभव अत्यंत प्रेरणादायक होता है। विद्यालय प्रबंध समिति अध्यक्ष संदीप दहिया ने बच्चों की प्रस्तुति को अत्यंत सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि यह देखकर हर्ष हो रहा है कि हमारे विद्यालय के नन्हें छात्र व छात्राएं इतनी कम उम्र में भी भारतीय संस्कृति को आत्मसात कर रहे हैं। इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है। साथ ही वे अपने देश की परंपराओं से जुड़ पाते हैं। विद्यालय प्रशासक वीपी शर्मा और हेड कोऑर्डिनेटर सुरेंद्र कुमार ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल एक त्योहार का उत्सव नही था बल्कि यह बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक सार्थक कदम भी रहा। कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों ने रंगों, ध्वनियों और भावनाओं के माध्यम से संवाद करना सीखा। इसमें उन्हें मंच पर प्रदर्शन, अनुशासन, सहयोग और आत्मविश्वास जैसी महत्वपूर्ण जीवन कुशलताएं प्राप्त हुईं।