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Friday, July 17, 2020

July 17, 2020

चिड़ी गांव के सरपंच की घर में घुसकर हत्या

चिड़ी गांव के सरपंच की घर में घुसकर हत्या


रोहतक : लाखन माजरा के गांव चिड़ी के सरपंच (Sarpanch) की बृहस्पतिवार को देर रात सिर में गोली मारकर हत्या (Shot Dead) कर दी गई। वारदात के बाद आरोपित फरार हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस ने क्षेत्र की नाकाबंदी कर दी, लेकिन आरोपितों (Accused) का सुराग नहीं लगा। मामले के अनुसार सीएचसी से चतुर्थ श्रेणी से सेवानिवृत्त 75 वर्ष के बाल किशन गांव चिड़ी के सरपंच थे। देर रात वह परिवार के साथ घर में बैठे हुए थे। इस दौरान कई युवक घर में घुसे और सरपंच पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। हमलावर सरपंच के सिर में कई गोलियां मारकर फरार हो गए। परिवार ने घायल अवस्था में चिड़ी के अस्पताल में भर्ती कराया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे पीजीआईएमएस रेफर कर दिया गया। लेकिन इस दौरान सरपंच की मौत हो गई। सरपंच पर गोली चलने की सूचना मिलते ही लाखन माजरा पुलिस ने क्षेत्र की नाकाबंदी कर दी लेकिन आरोपियों का कोई सुराग नहीं लग पाया। सरपंच ने जताया था हमले का अंदेशा बाल किशन के परिवार में तीन बेटे और बेटी हैं। सूत्रों का कहना है कि सरपंच का गांव के ही कुछ लोगों से अक्सर विवाद रहता था। जिसकी शिकायत कई बार लाखन माजरा थाना में भी दी गई थी। सरपंच के साथ दो बार मारपीट भी हो चुकी थी। इसके अलावा कुछ लोग उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। सरपंच की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। सरपंच गांव के लोग हत्याकांड को लेकर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। बताया जा रहा है कि सरपंच ने भी परिवार के सामने अपने ऊपर ऐसे किसी हमले का अंदेशा होने का खतरा बताया था। अभी तक किसी हत्यारे का पता नहीं चल सका है। गांव में तनाव का माहौल सरपंच की हत्या के बाद गांव में तनाव पूर्ण माहौल को देखते हुए पुलिस तैनात कर दी गई है। गांव की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। सिर में गोली मारी सिर में गोली लगने से सरपंच की मौत हो चुकी है। आरोपित कौन थे और कहां से आए इसकी जांच की जा रही है। अभी परिवार ने किसी के खिलाफ बयान दर्ज नहीं करवाए है। - नरेश कुमार, थाना प्रभारी, लाखनमाजरा
July 17, 2020

हरियाणा सरकार ने दिव्यांग कर्मचारियों को दी बड़ी राहत

हरियाणा सरकार ने दिव्यांग कर्मचारियों को दी बड़ी राहत


चडीगढ़। हरियाणा सरकार ने कोविड-19 के दौरान दिव्यांग व्यक्तियों (Handicapped) को एक बड़ी राहत देते हुए निर्णय लिया है कि ऐसे सभी नियमित, अनुबंध और दैनिक वेतन आधार पर कार्यरत कर्मचारियों जो 50 प्रतिशत या इससे अधिक की शारीरिक विकलांगता से चलने में असमर्थ हैं और जो दोनों आँखों से दृष्टिहीन हैं, को घर से कार्य करने की अनुमति होगी। इस अवधि को सभी उद्देश्यों के लिए ड्यूटी के रूप में माना जाएगा। एक सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे कर्मचारी जहां तक आवश्यक हो घर से ही कार्य करें, नहीं तो वे कार्यालय से छुट्टी ले सकते हैं और इस अवधि को सभी उद्देश्यों के लिए डयूटी के रूप में माना जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि 8 मई, 2020 को प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए विकलांग व्यक्तियों (दिव्यांगजन) के बचाव और सुरक्षा हेतु दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसके तहत गंभीर रूप से विकलांग व्यक्तियों को हरियाणा के कार्यालयों में उपस्थित होने से छूट दी गई थी। इस विषय पर पुनर्विचार करते हुए सरकार द्वारा उपरोक्त निर्णय लिया गया है। इस संबंध में मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडल आयुक्तों, उपायुक्तों, बोर्ड/निगमों के सभी प्रबंध निदेशकों/मुख्य प्रशासकों, सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़, को एक पत्र जारी कर इन दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने के लिए कहा गया है।
July 17, 2020

HTET :बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन के लिए बोर्ड ने दिया एक और मौका

HTET :बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन के लिए बोर्ड ने दिया एक और मौका


चण्डीगढ़। हरियाणा में नंवबर-2019 में आयोजित की गई हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा (HTET) का परिणाम घोषित होने के पश्चात कुछ परीक्षार्थियों के परिणाम में आंशिक सुधार या संशोधन हुआ था और ऐसे परीक्षार्थियों को बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन (Biometric Verification) प्रक्रिया पूर्ण करने का एक ओर अवसर प्रदान किया जा रहा है ताकि ऐसे सभी परीक्षार्थियों का परिणाम घोषित (Result declared) किया जा सके। इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी के अध्यक्ष डॉ. जगबीर सिंह ने बताया कि कुछ परीक्षार्थियों के परिणाम में आंशिक सुधार या संशोधन होने की वजह से ऐसे परीक्षार्थियों का परिणाम बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन न होने के कारण (रिजल्ट लेट डयू टू बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन) रुका हुआ है तथा इनकी सूची बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट www.bseh.org.in पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि बोर्ड वेबसाइट पर उपलब्ध सूची में वर्णित परीक्षार्थी ही 18 जुलाई से 31 जुलाई, 2020 के दौरान प्रात: 9.00 बजे से सांय 5.00 बजे तक अध्यापक भवन, बोर्ड मुख्यालय, भिवानी में उपस्थित होकर अपनी बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूर्ण करवा सकते हैं। उन्होंने आगे बताया कि ऐसे परीक्षार्थी उक्त वर्णित तिथियों में उपस्थित होकर अपनी बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूर्ण करना सुनिश्चित करें और कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत ऐसे परीक्षार्थियों को सोशल डिस्टेंस एवं मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
July 17, 2020

निगम का जेएसई की भर्ती रद्द करने का पत्र जारी मंत्री बोले-परीक्षा हो चुकी, भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी

निगम का जेएसई की भर्ती रद्द करने का पत्र जारी मंत्री बोले-परीक्षा हो चुकी, भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी


चंडीगढ़ :  दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम में पिछले साल निकाली गई जूनियर सिस्टम इंजीनियर (जेएसई) की भर्ती हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से परीक्षा आयोजित कराने के बावजूद रद्द की गई भर्ती पूरी होगी। निगम के चीफ इंजीनियर एचआर की ओर से सात जुलाई को भर्ती रद्द करने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा। अब बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने स्पष्ट किया है कि जिन अभ्यर्थियों की परीक्षा हो चुकी है,उनकी भर्ती रद्द नहीं होगी।
दरअसल,बिजली निगम की सिफारिश पर कमीशन ने जुलाई 2019 में जूनियर सिस्टम इंजीनियर के 146 पदों के लिए भर्ती निकाली थी। फरवरी में हुई परीक्षा में करीब 30 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए। लेकिन अभी तक इसका रिजल्ट जारी नहीं किया गया। लेकिन निगम अधिकारियों ने भर्ती ही रद्द करने का आदेश जारी कर दिया। इसके साथ ही इन पदों पर भर्ती आउटसोर्सिंग से करने का निर्णय लिया। खास बात यह है कि यह निर्णय बोर्ड से भी अप्रूव नहीं कराया।
तर्क दिया गया कि बोर्ड की बैठक होने में काफी समय लगेगा। इसलिए कमीशन को पत्र लिख दिया जाए कि भर्ती रद्द कर दी गई है। मामले को लेकर अभ्यर्थियों ने भागदौड़ शुरू कर दी है। उन्होंने बिजली मंत्री रणजीत सिंह से लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से मुलाकात की। उनका कहना है कि उन्होंने एक साल तक मेहनत की है। किसी दूसरी भर्ती में शामिल नहीं हुए। वहीं,सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि यह युवाओं के साथ भद्दा मजाक है। अगर भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने का प्रयास किया तो संघ पीड़ित नौजवानों को साथ लेकर आयोग के कार्यालय पर प्रदर्शन करेगा।
एचएसएससी के चेयरमैन,भारत भूषण भारती ने कहा कि अभी जूनियर सिस्टम इंजीनियर की भर्ती को रद्द करने को लेकर निगम की ओर से हमारे पास कोई सूचना नहीं आई है। हमने परीक्षा आयोजित करा ली है। भर्ती रद्द करने का निर्णय कमीशन नहीं, निगम ही ले सकता है। 
बिजली मंत्री,रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि जिन पदों के लिए परीक्षा आयोजित हो चुकी है, वह भर्ती रद्द नहीं होगी। जिनकी परीक्षा नहीं हुई, उन्हें रद्द किया जाएगा।
July 17, 2020

मत्सय विभाग में बड़ी गड़बड़ी प्रमोशन के लिए लीं फर्जी डिग्रिया

मत्सय विभाग में बड़ी गड़बड़ी प्रमोशन के लिए लीं फर्जी डिग्रिया


ड्यूटी करते-करते तमिलनाडु और राजस्थान से कर आए मास्टर डिग्री विभाग के 14 अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज प्रमोशन से पहले डिग्रियों की जांच विजिलेंस ने की


यमुनानगर : प्रमोशन पाने के लिए मत्स्य पालन विभाग के 14 अधिकारियों ने फर्जी डिग्रियां ले लीं। इनके आधार पर विभाग से प्रमोशन भी मांग ली, लेकिन प्रमोशन से पहले ही इनका फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। इन्होंने तमिलनाडु और राजस्थान में जाकर मास्टर डिग्री ऑफ जूलॉजी की। इस दौरान ये विभाग में ड्यूटी भी करते रहे। बिना किसी छुट्टी के ये 20 दिन क्लास अटेंंड्स करके भी कर आए और परीक्षा भी दे आए। विजिलेंस की जांच में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। विजिलेंस ने अब डिग्री देने वाली दो यूनिवर्सिटी समेत मत्स्य पालन विभाग के 14 अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
विजिलेंस पंचकूला थाने में विजिलेंस इंस्पेक्टर सुरेश कुमार की शिकायत पर विनायक मिशन यूनिवर्सिटी तमिलनाडु, आईएएसई डीम्ड यूनिवर्सिटी राजस्थान, तत्कालीन मत्स्य अधिकारी पलवल धर्मेंद्र सिंह, जल-कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान हिसार के तत्कालीन मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र, उप निदेशक मत्स्य अधिकारी गुड़गांव संजय यादव, तत्कालीन मत्स्य अधिकारी फतेहाबाद राजेश बैनीवाल, तत्कालीन ब्लॉक मत्स्य अधिकारी रोहतक अमित सिंह, तत्कालीन मत्स्य अधिकारी सिरसा बृजमोहन शर्मा, तत्कालीन व्यवसायिक मत्स्य लिपिक भिवानी कुलदीप सिंह, रिटायर्ड उप निदेशक मत्स्य पंचकूला राजेंद्र कुमार, तत्कालीन उप निदेशक मत्स्य पंचकूला महेंद्र सिंह, तत्कालीन मत्स्य अधिकारी अम्बाला रवि बठला, तत्कालीन मत्स्य अधिकारी भिवानी बलबीर सिंह, तत्कालीन मत्स्य अधिकारी हिसार मत्स्य फार्म प्रबंधक सुरेंद्र ठुकराल, तत्कालीन मत्स्य अधिकारी नारनौल सिकंदर सिंह पर केस दर्ज किया गया है।

यूनिवर्सिटी ने कहा- कैंपस में आ परीक्षा दी,अधिकारी बोले- केंद्रों पर जाकर दी
विजिलेंस की टीम ने यूनिवर्सिटी से जवाब मांगा। जवाब आया कि इन अधिकारियों और कर्मचारियों ने विवि से 2009 से 2014 तक शिक्षा ली। इन्हें इस शिक्षा के लिए सभी कार्य और प्रोग्राम में यूनिवर्सिटी कैंपस में आना पड़ा। वहीं, जबकि विजिलेंस को अपने बयानों में अधिकारियों ने कहा था कि विवि की ओर से संचालित केंद्रों से शिक्षा प्राप्त कर डिग्री ली है। विजिलेंस की टीम ने यूनिवर्सिटी ग्रांड कमिशन से भी इस संबंध में जानकारी ली। उन्होंने अपने जवाब में बताया कि विनायका यूनिवर्सिटी तमिलनाडु एक डीम्ड यूनिवर्सिटी है। इसे डिस्टेंस एजुकेशन मोड की शैक्षणिक अवधि के प्रोग्राम चलाने की मान्यता साल 2012 तक थी। मास्टर ऑफ साइंस जूलॉजी व अन्य प्रोग्राम की मान्यता 2011-2012 व 2013-2014 तक दी गई थी। आईएएसई डीम्ड यूनिवर्सिटी को लेकर कमिशन ने कहा कि इस डीम्ड विवि को किसी तरह टेक्निकल कोर्स चलाने की अनुमति नहीं दी है।

हालांकि इन्हें डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल की ओर से इसकी अनुमति 2005 तक व फिर 2007-08 तक दी थी, जबकि विजिलेंस ने जांच में पाया कि आईएएसई डीम्ड यूनिवर्सिटी से धर्मेंद्र सिंह व कुलदीप सिंह ने 2013-2014, 2014-2015 हरियाणा में संचालित पढ़ाई केंद्र और संजय यादव ने पटना में संचालित केंद्र पर शिक्षा प्राप्त कर डिग्री प्राप्त की। इसी तरह संजय व सिकंदर सिंह ने 2004-2005, 2005-2006 में आईएएसई डीम्ड यूनिवर्सिटी राजस्थान के हरियाणा में संचालित केंद्र से शिक्षा लेकर डिग्री ली। वहीं इस जांच में यह खुलासा हुआ कि यूनिवर्सिटी ग्रांड कमिशन और डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल के नियम अनुसार किसी भी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए माइग्रेशन सर्टिफ़िकेट जरूरी है, लेकिन यह नहीं लिया गया। 

ऐसे पकड़े गए


20 दिन क्लास लगाना जरूरी था, लेकिन किसी ने छुट्टी तक नहीं ली
विजिलेंस जांच में पर्सनल कंडक्ट प्रोग्राम प्रेक्टिकल क्लास यूनिवर्सिटी कैंपस में 20 दिन अटैंड की जानी होती है। हालांकि इन्होंने यूनिवर्सिटी के हरियाणा में संचालित केंद्रों पर क्लास अटेंड्स करने की बात कही है, लेकिन अधिकारी ने इतनी लंबी अवधी तक अवकाश नहीं लिया। कुछ ने 4 से 7 दिन का परीक्षा के दौरान अवकाश लिया है। वहीं, कुछ ने तो अवकाश नहीं लिया। महेंद्र सिंह ने तमिलनाडु में यूनिवर्सिटी कैंपस में जाकर परीक्षा देने की बात कही, जबकि इन्होंने कोई अवकाश नहीं लिया। इन्होंने एडमिशन के दौरान माइग्रेशन सर्टिफ़िकेट तक जमा नहीं कराया।
July 17, 2020

हरियाणा में किसी भी तहसील में दस्तावेज जमा कराने के बाद कहीं से भी कराई जा सकेगी रजिस्ट्री

हरियाणा में किसी भी तहसील में दस्तावेज जमा कराने के बाद कहीं से भी कराई जा सकेगी रजिस्ट्री


चंडीगढ़। हरियाणा में अब जमीन और जायदाद की रजिस्ट्री पासपोर्ट बनाने की तर्ज पर होगी। प्रदेश सरकार ने तहसीलों में ई-रजिस्ट्री की अवधारणा लागू करने के बाद अब तहसीलों में डिजिटलाइजेशन बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत केंद्रीयकृत (सेंट्रलाइज) रजिस्ट्री सिस्टम लागू होगा,जिसके तहत यदि कोई व्यक्ति किसी भी एक तहसील में अपने दस्तावेज जमा कराएगा तो उसे प्रदेश की किसी भी तहसील से अपनी रजिस्ट्री हासिल हो सकेगी। इससे मानव श्रम कम होगा और रजिस्ट्रियों में भ्रष्टाचार बंद हो सकेगा।
हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के अनुसार डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। आने वाले समय में रजिस्ट्री के रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को सेंट्रलाइज पासपोर्ट प्रोसेस की तरह किया जाएगा। इस साल के अंत तक हरियाणा की तमाम जमाबंदी को ऑनलाइन करने की भी योजना है। प्रदेश की 13 सब डिविजन डिजिटलाइट नहीं हुई। उन्हेंं डिजिटल किया जा रहा है।
दुष्यंत चौटाला ने दावा किया कि हरियाणा देश का पहला राज्य बनेगा, जहां पर रजिस्ट्रियां डिजिटल होंगी। डिजिटलाइजेशन ऑफ लैंड रिकॉर्ड (जमीनों के डिजिटल रिकार्ड) के मामले में हरियाणा देश के लिए बेंच मार्क (उदाहरण) बनेगा। एक सवाल के जवाब में दुष्यंत ने बताया कि 13 सब डिविजन में भू रिकार्ड डिजिटल होने के बाद पूरे हरियाणा के भू-रिकार्ड का कार्य डिजिटलाइजेशन हो जाएगा और हरियाणा ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि गांवों को लाल-डोरा मुक्त करने का कार्य भी लगातार जारी है। करनाल जिले के सिरसी गांव को हरियाणा का पहला लाल-डोरा मुक्त गांव बनाने के बाद पहले चरण में 75 गांवों को लाल-डोरा मुक्त करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिसे अब बढ़ाकर 100 गांव कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे भी लाल-डोरे के अंदर ही संपत्तियों की रजिस्ट्री शुरू होगी। सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से पूरे हरियाणा के गांवों का डिजिटलाइजेशन कार्य किया जा रहा है।
July 17, 2020

दो दिन हल्की फिर 19 से 21 जुलाई तक झमाझम बारिश,कुछ जिलों में सबसे कम बरसात

दो दिन हल्की फिर 19 से 21 जुलाई तक झमाझम बारिश,कुछ जिलों में सबसे कम बरसात




चंडीगढ़ :  प्रदेश में अगले दो दिन बूंदाबांदी के बाद 19 से 21 जुलाई तक अच्छी बारिश होगी। जीटी बेल्ट के जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इधर, गुरुवार को झज्जर में सर्वाधिक 44 एमएम बारिश हुई। रोहतक, करनाल, अंबाला और कुरुक्षेत्र में बूंदाबांदी हुई। प्रदेश में एक साथ अभी तक अच्छी बारिश नहीं हुई है। इससे उमस भरी गर्मी का जोर बना है।
गुरुवार को उमस ने लोगों को खासा परेशान रखा। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि मौसम विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ के अनुसार मानसूनी टर्फ रेखा मैदानी क्षेत्रों की तरफ लौट रहीं हैं। इसमें थोड़ा समय लग रहा है। इस कारण अरब सागर से आने वाली नमी वाली हवाओं के चलते प्रदेश में दो दिन यानी शुक्रवार व शनिवार को कहीं-कहीं हल्की बारिश के आसार हैं। इसके बाद बंगाल की खाड़ी से भी नमी वाली हवाएं आएंगी और प्रदेश को तर करेंगी। भिवानी में 38.3 और रोहतक में 38.2 सेल्सियस तापमान रहा। 

हथिनीकुंड का जलस्तर बढ़ा
पहाड़ों में हो रही बारिश के चलते हथिनीकुंड बैराज पर पानी का जलस्तर साढ़े तेरह हजार क्यूसेक के आंकड़े को पार कर गया है। गुरुवार शाम को पांच बजे 13545 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के चलते डीसी ने बाढ़ नियंत्रण और राहत टीमों को अलर्ट मोड पर रखा है। एक सप्ताह पहले यमुना का जलस्तर केवल नौ हजार क्यूसेक के आसपास था।

आगे ऐसा रहेगा मौसम
17 जुलाई - कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी 
18 जुलाई - उत्तरी हरियाणा में बारिश 
19-21 जुलाई - प्रदेश में अच्छी बारिश  
ऑरेंज अलर्ट- 18 से 19 जुलाई - 
चंडीगढ़, पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर
येलो अलर्ट- 18 से 19 जुलाई - करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल, सोनीपत, पानीपत और फरीदाबाद 
प्रदेश में बारिश में गिरावट  
प्रदेश में एक साथ अच्छी बारिश नहीं होने से बरसात का आंकड़ा गिर गया है। एक जून से 16 जुलाई तक प्रदेश में सामान्यत: 124.7 एमएम बारिश होती है। इस अवधि में 114.4 एमएम बारिश हुई। इस तरह से आठ फीसदी कम बारिश हुई है। 
सबसे अधिक बारिश वाले जिले 
कैथल - 219.8 एमएम बारिश, 112 फीसदी अधिक 
कुरुक्षेत्र - 307.9 एमएम बारिश, 86 फीसदी अधिक 
करनाल - 286.5 एमएम बारिश, 59 फीसदी अधिक
सबसे कम बारिश वाले जिले  
रोहतक - 43.9 एमएम बारिश, 70 फीसदी कम 
पंचकूला - 108.1 एमएम बारिश, 58 फीसदी कम
भिवानी - 41.5 एमएम बारिश, 55 फीसदी कम