(रामफल)हिसार। आज उकलाना मंडी मे हिंदू रीति-रिवाज से जीवनयापन कर रहे गांव बिठमड़ा में रहने वाले 30 मुस्लिम परिवारों के करीब 240 सदस्यों ने शुक्रवार हिंदू धर्म में वापसी कर ली। डूम समाज से ताल्लुक रखने वाले 30 परिवारों के मुखिया ने कहा कि औरंगजेब के समय उनके पूर्वज हिंदू थे, जिन्होंने दवाब में आकर मुस्लिम धर्म को अपना लिया था, लेकिन आज हम सभी ने बिना किसी दबाव के हिंदू धर्म में वापसी की है।
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बता दें कि शुक्रवार को सतबीर सिंह ने अपनी माता फूलीदेवी का अंतिम संस्कार गांव बिठमड़ा के स्वर्ग आश्रम में हिंदु रीति रिवाज से किया और मीडिया को बताया कि इससे पहले हमारे परिवार में कोई सदस्य मर जाता था तो हम उसे दफनाते या मिट्टी देते थे लेकिन आज हम सब ने स्वेच्छा से हिंदू राीति-रिवाज के द्वारा यह अंतिम संस्कार किया और हम सबने हिंदु धर्म में अर्थात अपने घर में वापसी कर रहे है। हम डूम जाति से है और गाना बजाने का काम कर अपनी गुजर बसर करते हैं और हमारा परिवार के बुजुर्ग यहां पर आजादी से पहले गांव दनौदा से गांव बिठमड़ा में आकर बस गए थे। तब से लेकर अब तक हमारे 30 परिवार इस गांव में गुजर बसर कर रहे है।
दाना, राममेहर, बिंद्र, बलवान, राजेश, सज्जन, मंजीत, राकेश, धर्मबीर, रोशन सहित इस्लाम को छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया। वही अंतिम संस्कार में शामिल हुए। गांव के युवा सतीश पातड़ ने बताया कि डूम के परिवार के सदस्यों ने बिना किसी दबाव और अपनी इच्छा से हिंदू धर्म में वापसी की है। पूरे गांव ने इनके इस फैसले का सम्मान किया है।जरुर पढ़े- अब सीमाओं पर पहले होगा कोरोना टेस्ट, तब मिलेगा प्रवेश
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दाना, राममेहर, बिंद्र, बलवान, राजेश, सज्जन, मंजीत, राकेश, धर्मबीर, रोशन सहित इस्लाम को छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया। वही अंतिम संस्कार में शामिल हुए। गांव के युवा सतीश पातड़ ने बताया कि डूम के परिवार के सदस्यों ने बिना किसी दबाव और अपनी इच्छा से हिंदू धर्म में वापसी की है। पूरे गांव ने इनके इस फैसले का सम्मान किया है।जरुर पढ़े- अब सीमाओं पर पहले होगा कोरोना टेस्ट, तब मिलेगा प्रवेश
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