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Monday, June 8, 2020

सरकारी प्रयासों के साथ-साथ आमजन को पानी बचाने का लेना होगा संकल्प, किसानों का फीडबैक भी जरूरी- मुख्यमंत्री मनोहर लाल

चंडीगढ़, 8 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पानी की एक-एक बूंद को बहुमुल्य मानते हुए भावी पीढ़ी के लिए भू-जल बचाने के लिए फसल विविधिकरण के तहत ‘‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना’’ धान रोपाई सीजन से पहले लागू करने के बाद स्वयं धान बाहुल्य जिलों के किसानों से सीधा संवाद कर सुझाव एवं फीडबैक लेने की एक नई कवायद भी शुरू की है।
        राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों को जिलों में जाने की अनुमति प्रदान करते ही मुख्यमंत्री ने 26 मई से ही किसानों से संवाद आरंभ किया है और इस कड़ी में मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र तथा कैथल जिलों के धान बाहुल्य ब्लॉकों के किसानों से पहले ही संवाद कर चुके हैं और अब वे 9 जून को फतेहाबाद जिले के रतिया ब्लॉक तथा सिरसा जिले के सिरसा ब्लॉक में ‘‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना’’ के तहत किसानों से बातचीत करके फीडबैक लेंगे। इसके साथ मुख्यमंत्री धान बाहुल्य वाले सभी नौ ब्लॉकों के किसानों से रू-ब-रू हो जाएंगे।
        मुख्यमंत्री की पहल पर पानी को बचाने के लिए सरकार भविष्य की नीतियां भी बना रही है और इन नीतियों को बेहतर बनाने और धरातल पर अमलीजामा पहनाने के लिए किसानों से सुझाव और फीडबैक लिया जा रहा है। कई ब्लाक में भूजल स्तर 40 मीटर नीचे तक पहुंच गया है, जिसे चिंता का विषय मानते हुए मुख्यमंत्री ने स्वयं आगे आकर इसके लिए किसानों से फीडबैक लेने की शुरूआत की है तथा आमजन से भी अपने इन कार्यक्रमों में पानी बचाने का संकल्प लेने की अपील कर रहे हैं।
        ‘‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना’’ के तहत कुरुक्षेत्र जिले के पिपली, शाहबाद, बाबैन तथा इस्माईलाबाद ब्लॉक, कैथल जिले के सीवन व गुहला ब्लॉक, फतेहाबाद जिले के रतिया ब्लॉक तथा सिरसा जिले के सिरसा ब्लॉक को भी शामिल किया गया है, जहां पर भूजल स्तर की स्थिति बहुत चिंताजनक है। इसके लिए इन ब्लॉकों के किसानों को पानी को बचाने के लिए फसल विविधिकरण की तरफ अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। किसान अगर धान के स्थान पर मक्का, दलहन, तिलहन व कपास जैसी वैकल्पिक फसलें उगाने का मन बनाते हैं तो इसकी एवज में उन्हें 7000 रुपये प्रति एकड़ अनुदान राशि देने के साथ-साथ कई अन्य सहूलियतें किसानों को दी जाएंगी।
        सरकार ने पिछले वर्ष पानी को बचाने के लिए ‘‘जल ही जीवन’’ योजना को शुरु किया था, लेकिन इस वर्ष मुख्यमंत्री ने ‘‘मेरा पानी मेरी विरासत’’ की घोषणा की, जिस पर लॉकडाउन के बावजूद भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने स्वयं कृषि एवं किसान कल्याण, सिंचाई एवं जल संसाधन, विकास एवं पंचायत, राजस्व एवं आपदा प्रबन्धन विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ काफी विचार-विमर्श करने उपरांत किसानों, वैज्ञानिकों, विधायकों और सरकार से जुड़े अन्य लोगों से भी गम्भीरता के साथ मंथन किया।
        मुख्यमंत्री का  आह्वान है कि हम सबका एक ही लक्ष्य होना चाहिए कि पानी को बचाना है, जमीन से पानी कम निकालना है तथा भू-जल स्तर को सुधारना है। इस गम्भीर विषय को लेकर ही सभी को सोचने और मंथन करने की जरूरत है। इस दौरान जो भी बेहतर सुझाव आएंगे, उन्हें सरकार लागू करेगी और पानी की एक-एक बूंद बचाने का प्रयत्न करेगी।

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