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Friday, July 10, 2020

July 10, 2020

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, प्रदेशाध्यक्ष और दूसरे मुद्दों पर चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, प्रदेशाध्यक्ष और दूसरे मुद्दों पर चर्चा


नई दिल्ली. हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर दिल्ली दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे। इस दौरान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और प्रदेश से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। सीएम ने पहले ही पीएम से मिलने का समय ले रखा था। कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम से मुलाकात के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद के नाम की घोषणा कर सकती है। हरियाणा में प्रदेशाध्यक्ष के नाम पर पेंच फंसा हुआ है।
गुरुवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर ने दिल्ली में ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से करीब डेढ़ घंटा तक मुलाकात की थी। सीएम ने नए प्रदेशाध्यक्ष और बरौदा उप चुनाव को लेकर विचार विमर्श किया था। इसके अलावा प्रदेश में नई नियुक्तियों को लेकर गहन मंथन हुआ था।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बातचीत के बाद सीएम ने कहा कि जल्द ही नए प्रदेशाध्यक्ष का ऐलान होगा। इसमें अब देरी नहीं होनी चाहिए। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उन्होंने साफ किया कि फिलहाल ऐसी कोई योजना ही नहीं है। जब करना होगा, तब किया जाएगा।
सीएम ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भी मुलाकत की थी। हरियाणा में एक लाख हेक्टेयर से अधिक एरिया में किसानों ने धान छोड़कर दूसरी फसलें उगाने का निर्णय लिया है। ऐसे किसानों को प्रोत्साहन राशि देने के लिए केंद्र से 500 करोड़ रुपए मांगे थे।

Thursday, July 9, 2020

July 09, 2020

हरियाणा के सीएम पहुंचे दिल्ली दरबार, प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी का फंसा पेंच निकलने के आसार

हरियाणा के सीएम पहुंचे दिल्ली दरबार, प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी का फंसा पेंच निकलने के आसार

नई दिल्ली:  हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर गुरुवार को फिर से दिल्ली पहुंचे हुए हैं। सीएम यहां संगठन से जुड़े बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे। दरअसल मुलाकात के पीछे बड़ी वजह हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी पर फंसा पेंच है। अभी तक नए प्रदेशाध्यक्ष के लिए नाम तय नहीं हो पाया है।
लॉकडाउन के बाद मनोहर लाल 24 जून दिल्ली गए थे और इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बड़े अधिकारियों से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की थी। एक पखवाड़े में मुख्यमंत्री दूसरी बार दिल्ली आ रहे हैं। असल में हरियाणा में भाजपा अध्यक्ष पद पर नई नियुक्ति होनी है मगर इसमें कई पेंच फंस गए हैं,इन्हें ही निकालने के लिए मुख्यमंत्री केंद्रीय नेतृत्व से मिलेंगे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल गुरुवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी मिल सकते हैं। इसका कारण यह भी बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर जो पेंच फंसे हुए हैं, उन्हें निकालने के लिए मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री से मुलाकात होना जरूरी है। प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर जिस तरह की दिल्ली और हरियाणा के नेताओं के बीच गहमागहमी चल रही है उससे साफ है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही इस बारे में अंतिम फैसला करेंगे।
पिछले दिनों भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के लिए फरीदाबाद से सांसद कृष्ण पाल गुर्जर का नाम चला था लेकिन एक बार फिर से उनका नाम ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। फिलहाल सुभाष बराला पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष हैं।

Wednesday, July 8, 2020

July 08, 2020

56 हजार औद्योगिक इकाइयों में 38 लाख कर्मचारी काम पर लौटे , प्रदेश सरकार ने की 56 समूहों की पहचान


56 हजार औद्योगिक इकाइयों में 38 लाख कर्मचारी काम पर लौटे ,प्रदेश सरकार ने की 56 समूहों की पहचान

चंडीगढ़ : सीएम मनोहर लाल ने युवा उद्यमियों को हरियाणा में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम के तहत अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए सभी समर्थन और सहयोग की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न श्रेणियों के 56 समूहों की पहचान की है, जोकि राज्य के सभी 22 जिलों में स्थापित की जाएंगी, जिससे राज्य के लगभग 70000 एमएसएमई लाभान्वित होंगे।
प्रदेश की 56000 औद्योगिक इकाइयों में 38.13 लाख कामगार काम पर लौटे हैं। जीएसटी व राजस्व संग्रहण भी लगभग जून 2019 के संग्रहण के बराबर पहुंच गया है। औद्योगिक क्षेत्र में 80 प्रतिशत बिजली की खपत हो रही है जो यह दर्शाती है कि लगभग पूरा उद्योग कोविड से पहले की सामान्य स्थिति में पहुंच गया है।
 वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्योगों के प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के लाभार्थिंयों और सभी जिलों के जिला उद्योग विकास केंद्रों के महाप्रबधंकों के साथ बातचीत कर रहे थे। सभी आवश्यक मंजूरियों का आश्वासन देते हुए राज्य में एमएसएमई इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। 17 विभिन्न विभागों से संबंधित ऑनलाइन क्लीयरेंस केवल 45 दिनों में हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन केंद्र के माध्यम से प्रदान की जाती हैं। उद्यमियों के लाभ के लिए डीम्ड क्लीयरेंस की सुविधा भी दी गई है।
July 08, 2020

आर्थिक मंदी व आय की तंगी पर मरहम लगाने की बजाय जले पर नमक छिड़क रही खट्टर सरकार-रणदीप सुरजेवाला

आरोप-महंगाई भत्ता' काट कर्मचारियों-पेंशनरों को लगा रहे 3600 करोड़ का चूना

चंडीगढ़, 8 जुलाई।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता व वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कोरोना महामारी के संकट से पिस रहे सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों का महंगाई भत्ता पिछली तारीखों से, यानि 1 जनवरी, 2020 से 30 जून, 2021 तक काटकर भाजपा-जजपा सरकार का कर्मचारी विरोधी चेहरा पूरी तरह बेनकाब हो गया है।
ऑन लाइन पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा सरकार ने 28 फरवरी को ही 4 महीने पहले 1,42,343 करोड़ का बजट पारित किया है। भाजपा-जजपा सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में 1,19,751 करोड़ का सरकारी खर्च का लेखा-जोखा भी दिखाया गया है। फिर बजट पेश करने के 100 दिन के अंदर ही खट्टर सरकार हरियाणा के कर्मचारियों व पेंशनर्स के महंगाई भत्ते पर कैंची चलाकर क्या साबित कर रही है?
हरियाणा में तीन लाख सरकारी कर्मचारी हैं व 1,29,000 पेंशनर्स हैं। इसी 6 जुलाई को आदेश पारित कर खट्टर सरकार ने जनवरी 2020, जुलाई 2020 व जनवरी 2021 की महंगाई भत्ते की किश्तें पूर्णतया काट दी हैं। उन्होंने कहा कि 2020-21 के बजट में कर्मचारियों की तनख्वाह व पेंशन के लिए 36,012 करोड़ का प्रावधान किया गया है। महंगाई भत्ते की जनवरी 2020 की 4 प्रतिशत की किश्त, जुलाई 2020 की 4 प्रतिशत की किश्त व जनवरी 2021 की 4 प्रतिशत की किश्त भी लगाएं, तो कर्मचारियों की जेब से 3,600 करोड़ रुपया काटने का सीधे-सीधे इंतजाम कर लिया गया है।
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक सरकारी कर्मचारी को औसत बेसिक पे 30 हज़ार रुपया मिलती है। इस बेसिक पे वाले सरकारी कर्मचारी की जेब से खट्टर सरकार ने 43 हज़ार 200 रु. निकालकर चोट पहुंचाई है। यही नहीं अगर सरकारी कर्मचारी की बेसिक पे 50,000 रुपया मासिक है, तो महंगाई भत्ते की तीन किश्तों की कटौती से उसे 72 हज़ार रु. का नुकसान पहुंचेगा।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो खट्टर सरकार मंत्रियों के भत्ते बढ़ा रही है, मंत्रियों व अधिकारियों के लिए नई कारें खरीद रही है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री व मंत्रियों की डिस्क्रीशनरी ग्रांट की एक फूटी कौड़ी को भी कम नहीं किया गया, मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री, मंत्री या विधायकों को मिलने वाले महंगाई भत्ते में एक पैसे की कटौती नहीं की गई। सरकार की फिज़ूलखर्ची लगातार जारी है। सवाल किया कि कोरोना व आर्थिक मंदी की मार सह रहे हरियाणा के कर्मचारियों व पेंशनरों का महंगाई भत्ता काटकर उन्हें मार मारी जा रही है।
यही नहीं मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री व मंत्री तो सत्ता का आनंद ले रहे हैं पर हरियाणा के कर्मचारियों की लीव ट्रैवल कंसेशन सुविधा भी खट्टर सरकार द्वारा काट दी गई है, जो एक महीने की तनख्वाह के बराबर होती है।
उन्होंने कहा कि कर्मचारी विरोधी रवैया भाजपा का चाल चेहरा और चरित्र बन गया है। ढाई महीने पहले केंद्र की मोदी सरकार ने भी 113 लाख सैनिकों, कर्मचारियों व पेंशनरों का महंगाई भत्ता काट उन्हें सालाना 37,530 करोड़ की चोट पहुंचाई थी। अब खट्टर सरकार भी मोदी सरकार का अनुशरण करते हुए कर्मचारियों को चोट पहुंचा रही है।
हमारी मांग है कि महंगाई भत्ता काटने का 6 जुलाई को जारी तुगलकी फरमान वापस लिया जाए।

Monday, July 6, 2020

July 06, 2020

आईएएस की तर्ज पर होगा एचसीएस का पेपर, प्रदेश की इंडस्ट्री में 75% नौकरी हरियाणा के लोगों को देनी होगी

आईएएस की तर्ज पर होगा एचसीएस का पेपर, प्रदेश की इंडस्ट्री में 75% नौकरी हरियाणा के लोगों को देनी होगी

चंडीगढ़ : मनोहर कैबिनेट की सोमवार को मीटिंग में कई अहम निर्णय लिए गए। प्रदेश के युवाओं के लिए प्राइवेट क्षेत्र में 75 प्रतिशत नौकरी का प्रावधान सबसे अहम है। कैबिनेट ने इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब विधानसभा में 'हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार अध्यादेश, 2020' रखेगी। यहां पास होने के बाद राज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति तक मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
बिनेट के फैसले के अनुसार अध्यादेश के लागू होने के बाद प्रदेश में स्थित सभी प्राइवेट कंपनियों, सोसायटियों, ट्रस्टों, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्मों, पार्टनरशिप फर्मों आदि में 50 हजार रुपए प्रतिमाह से कम वेतन वाली 75% नौकरी हरियाणा के युवाओं को देनी होगी। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि नौकरी देने वाले के पास एक जिले से केवल 10 % स्थानीय युवाओं की भर्ती का विकल्प होगा।
यदि उद्योग की किसी विशेष कैटेगिरी का है और यहां उसके अनुसार युवा नहीं मिलते हैं तो छूट खंड का भी प्रावधान होगा। उन्होंने कहा कि जजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में 75% नौकरी का वादा किया था, वहीं भाजपा ने 95% नौकरी देने पर नियोक्ता को इंसेटिव देने की बात रखी थी। इधर, अब एचसीएस की परीक्षा यूपीएससी की तर्ज पर होगी।

*नए पैटर्न के अब ऐसे होगी एचसीएस की परीक्षा*

प्रदेश में अब एचसीएस परीक्षा भी आईएएस पैटर्न पर होगी। सरकार ने प्रारंभिक परीक्षा के सिविल सेवाएं योग्यता परीक्षा (सीएसएटी पेपर) को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तर्ज पर क्वालिफाइंग पेपर बनाने की स्वीकृति दी है। यानी इस पेपर में कम से कम 33 प्रतिशत अंक लाने पर ही अभ्यर्थी एचसीएस की परीक्षा के योग्य माना जाएगा। प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम केवल पेपर-1 (सामान्य अध्ययन) के अंकों पर आधारित होगा, लेकिन उम्मीदवार का सीएसएटी पेपर क्लीयर होना जरूरी होगा। इससे पूर्व, प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम और इसकी मेरिट उम्मीदवार द्वारा दोनों परीक्षाओं के अंकों के आधार पर तैयार की जाती थी।

*ऋण समझौताें के लिए स्टांप शुल्क में 1900 रु. की राहत*

बैंकों से होने वाले लेन-देन के लिए होने वाल ऋण समझौते के लिए अब दो हजार रुपए का स्टांप शुल्क नहीं देना होगा। सरकार ने 1900 रुपए की राहत देते हुए 100 रुपए कर दिया है। स्टांप शुल्क को कम किए जाने से छोटे एवं सीमांत किसानों, डिफरेंशियल रेट ऑफ इंट्रस्ट (डीआरआई) के तहत लघु ऋण प्राप्त करने वाले किसानों के साथ-साथ अन्य लोगों, वाहन ऋण, लॉकर की सुविधा प्राप्त करने के इच्छुक लोगों को भी लाभ होगा। घटाया गया स्टांप शुल्क सभी ऋण समझौतों पर लागू होगा।

*दो सीढ़ियों वाली बिल्डिंग में डेढ़ मीटर और ऊंचाई की छूट*

राज्य में ग्रुप हाउसिंग, बहुमंजिला फ्लैट्स, वॉक-अप अपार्टमेंट आदि को ऊंचाई में छूट दी है। हालांकि ऐसी बिल्डिंग में निचली मंजिल से ऊपरी मंजिल तक दो सीढ़ियां होनी चाहिए। अब ऐसे भवन मौजूदा 15 मीटर की ऊंचाई को 16.5 मीटर तक कर सकेंगे। हालांकि फायर ब्रिगेड से एनओसी लेनी होगी। इस निर्णय से विशेष रूप से उन लोगों को मदद मिलेगी जो छोटे आवासीय भूखंडों पर 16.5 मीटर की ऊंचाई तक की चार मंजिलों का निर्माण करना चाहते हैं।

*जानकारी छुपाने वाली कंपनी पर लगेगा जुर्माना*

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में युवाओं की नौकरी के लिए कड़े नियम भी लागू करने का प्रावधान है। कोई कंपनी, फैक्ट्री, संस्थान, ट्रस्ट अपने कर्मचारियों की जानकारी छुपाएगा तो उस पर जुर्माने हो सकेगा। प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत किसी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा, लेकिन 50 हजार रु. से नीचे की तनख्वाह के हर कर्मचारी को श्रम विभाग की वेब साइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
रजिस्ट्रेशन करवाने की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी, फर्म व रोजगार प्रदाता की होगी, जो कंपनी अपने कर्मचारी की सूचना रजिस्टर्ड नहीं करवाएगी उसके खिलाफ हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट टू लोकल केंडिडेट्स एक्ट-2020 के सेक्शन-3 के तहत 25 हजार से एक लाख तक जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। फिर भी कंपनी कानून का उल्लंघन करती है तो उसे हर रोज पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। दुष्यंत ने कहा कि 10 से अधिक कर्मचारी वाले संस्थान में नियम लागू होगा।

Friday, June 26, 2020

June 26, 2020

विज से मिलने पहुंचे सीएम / मनोहर लाल ने 50 मिनट तक प्रदेश के हालात पर चर्चा की

विज से मिलने पहुंचे सीएम / मनोहर लाल ने 50 मिनट तक प्रदेश के हालात पर चर्चा की

करनाल से चंडीगढ़ जाते समय सीएम गृह मंत्री के शास्त्री काॅलोनी निवास पर मिल

अम्बाला : जांघ की हड्‌डी के ऑपरेशन के बाद घर में स्वास्थ्य लाभ ले रहे गृह मंत्री अनिल विज से सीएम मनोहर लाल ने वीरवार शाम काे 50 मिनट तक मुलाकात की। करनाल से चंडीगढ़ जाते समय सीएम गृह मंत्री के शास्त्री काॅलोनी निवास पर पहुंचे।
गृह मंत्री के छोटे भाई कपिल विज व अन्य परिजनाें ने सीएम का स्वागत किया। घर में ही बेड पर लेटे मंत्री विज का हालचाल सीएम ने जाना। इसके उपरांत करीब 50 मिनट तक कमरे में सीएम और गृह मंत्री की बातचीत हुई।

बताते हैं कि कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश में चल रहे हालात एवं अन्य कई बिंदुओं पर दोनों में चर्चा हुई। इस चर्चा के बाद सीएम करीब 7 बजे चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए।

Wednesday, June 10, 2020

June 10, 2020

भूजल रिचार्जिंग के लिए होगा1000 बोरवेलों का निर्माण - मुख्यमंत्री मनोहर लाल


चंडीगढ़ 10 जून: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने किसानों के हितों और भावी पीढ़ी के लिए भू-जल संरक्षण के उद्देश्य से शुरू की गई योजना मेरा पानी मेरी विरासत के बारे में जानकारी देते हुए आज राज्य में भूजल रिचार्जिंग के लिए 1000 बोरवेलों का निर्माण करवाने की घोषणा की। इस  योजना की शुरुआत रतिया, इस्माइलाबाद और गुहला खंडों से की जाएगी।
इन योजनाओं की जानकारी मुख्यमंत्री ने आज यहां सैक्टर-3 स्थित हरियाणा निवास में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बुलाए गए एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए दी। इस मौके पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  जे. पी. दलाल भी मौजूद थे।  
        मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बोरवेल पर लगभग 1.5 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है।  इस योजना के तहत 90 प्रतिशत खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा और किसानों को केवल 10 प्रतिशत राशि का भुगतान करना पड़ेगा और बोरवेल बनाने के बाद इसे किसानों को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि धान-बाहुल्य क्षेत्रों में भूजल स्तर 81 मीटर से नीचे चला गया ‌है जोकि ‌10 साल पहले 40 से 50 मीटर हुआ करता था।
        श्री मनोहर लाल ने कहा कि मेरा पानी मेरी विरासत योजना को न केवल किसानों ने सराहा क्योंकि यह न केवल उनके हित में है बल्कि यह भावी पीढ़ियों के लिए भी लाभदायक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ कृषि भी हमारी अर्थव्यवस्था का एक प्राथमिक क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 17 लाख किसान परिवारों की सहायता और आर्थिक विकास सरकार की जिम्मेवारी है और हम इसके लिए योजनाएं बना रहे हैं। विपक्षी पार्टियों ने अब तक किसानों को केवल राजनीतिक तौर पर इस्तेमाल करते हुए उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि वे किसानों को अपना मित्र और भाई मानते हैं तथा किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और सरकार की प्राथमिकता किसानों का हित और उनकी खुशहाली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण की ‘‘मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का शुरू में विरोध हुआ। विपक्ष समेत कुछ लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं, परंतु किसान इस योजना की गंभीरता को समझते हुए स्वेच्छा से आगे आ रहे हैं और अब तक 58,421 हैक्टेयर क्षेत्र में धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए लगभग 53,000 किसान अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। उन्होंने कहा कि बजट भाषण में धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए 1,00,000 हैक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य रखा गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान भी अब समझ गए हैं कि जमीन के साथ ही पानी की अपनी विरासत भावी पीढ़ी को देकर जाएं।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष को मेरा पानी मेरी विरासत योजना का विरोध करने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि रतिया, इस्माइलाबाद और गुहला खंड घग्गर नदी के निकट होने के कारण बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में आते हैं, इसलिए सरकार ने किसानों को कुछ छूट दी है। उन्होंने कहा कि किसान यदि इस योजना के तहत स्वयं को पंजीकृत करता है तो उनका प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रीमियम भी सरकार द्वारा भरा जाएगा। इसके अलावा, राज्य सरकार किसानों को बागवानी को अपनाने के लिए भी 30 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान राशि देगी।
श्री मनोहर लाल ने कहा बेहतर जल प्रबंधन के चलते राजस्थान की सीमा से सटे दक्षिण हरियाणा के नांगल चौधरी, सतनाली व लोहारू जैसे क्षेत्रों में हम ऐसी-ऐसी टेलों तक पानी पहुंचाने में सफल रहे हैं, जहां पिछले 25-30 वर्षों से पानी नहीं पहुंचा था। उन्होंने कहा कि अब तक ऐसी 300 टेलों में से 293 टेलों में पानी पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूरे नहरी तंत्र का जीर्णोद्धार तीन चरणों में किया जा रहा है। पश्चिमी-यमुना नहर के जीर्णोद्धार पर लगभग 2200 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं और इसके दो चरणों का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि वर्ष 2022 तक तीन चरणों का कार्य पूरा किया कर दिया जाएगा। इसी प्रकार, लखवार, किशाऊ व रेणुका बांधों से भी हरियाणा को 47 प्रतिशत पानी मिलेगा और इस प्रकार हरियाणा की पानी की क्षमता 17500 क्यूसिक से बढक़र 23,500 क्यूसिक हो जाएगी और इस तरह प्रदेश को 6000 क्यूसिक अतिरिक्त पानी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार गन्ना उत्पादक किसानों को भी समृद्ध बनाने के लिए प्रदेश की 11 सहकारी चीनी मिलों और 3 प्राईवेट चीनी मिलों की पिराई क्षमता चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 में सभी चीनी मिलों की पिराई क्षमता 24,800 टीसीडी थी, जो आने वाले वर्षों में बढ़कर 32,100 टीसीडी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चीनी मिलों में चीनी रिकवरी 10 प्रतिशत हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी मिलों का बेहतर प्रबन्धन हो और यह लाभ में चलें, इसके लिए तीन चीनी मिलों के प्रबन्ध निदेशक आऊटसोर्सिंग पर लगाए जाएंगे, जिन्हें इस क्षेत्र में अनुभव हो।

Monday, June 8, 2020

June 08, 2020

सरकारी प्रयासों के साथ-साथ आमजन को पानी बचाने का लेना होगा संकल्प, किसानों का फीडबैक भी जरूरी- मुख्यमंत्री मनोहर लाल

चंडीगढ़, 8 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पानी की एक-एक बूंद को बहुमुल्य मानते हुए भावी पीढ़ी के लिए भू-जल बचाने के लिए फसल विविधिकरण के तहत ‘‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना’’ धान रोपाई सीजन से पहले लागू करने के बाद स्वयं धान बाहुल्य जिलों के किसानों से सीधा संवाद कर सुझाव एवं फीडबैक लेने की एक नई कवायद भी शुरू की है।
        राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों को जिलों में जाने की अनुमति प्रदान करते ही मुख्यमंत्री ने 26 मई से ही किसानों से संवाद आरंभ किया है और इस कड़ी में मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र तथा कैथल जिलों के धान बाहुल्य ब्लॉकों के किसानों से पहले ही संवाद कर चुके हैं और अब वे 9 जून को फतेहाबाद जिले के रतिया ब्लॉक तथा सिरसा जिले के सिरसा ब्लॉक में ‘‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना’’ के तहत किसानों से बातचीत करके फीडबैक लेंगे। इसके साथ मुख्यमंत्री धान बाहुल्य वाले सभी नौ ब्लॉकों के किसानों से रू-ब-रू हो जाएंगे।
        मुख्यमंत्री की पहल पर पानी को बचाने के लिए सरकार भविष्य की नीतियां भी बना रही है और इन नीतियों को बेहतर बनाने और धरातल पर अमलीजामा पहनाने के लिए किसानों से सुझाव और फीडबैक लिया जा रहा है। कई ब्लाक में भूजल स्तर 40 मीटर नीचे तक पहुंच गया है, जिसे चिंता का विषय मानते हुए मुख्यमंत्री ने स्वयं आगे आकर इसके लिए किसानों से फीडबैक लेने की शुरूआत की है तथा आमजन से भी अपने इन कार्यक्रमों में पानी बचाने का संकल्प लेने की अपील कर रहे हैं।
        ‘‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना’’ के तहत कुरुक्षेत्र जिले के पिपली, शाहबाद, बाबैन तथा इस्माईलाबाद ब्लॉक, कैथल जिले के सीवन व गुहला ब्लॉक, फतेहाबाद जिले के रतिया ब्लॉक तथा सिरसा जिले के सिरसा ब्लॉक को भी शामिल किया गया है, जहां पर भूजल स्तर की स्थिति बहुत चिंताजनक है। इसके लिए इन ब्लॉकों के किसानों को पानी को बचाने के लिए फसल विविधिकरण की तरफ अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। किसान अगर धान के स्थान पर मक्का, दलहन, तिलहन व कपास जैसी वैकल्पिक फसलें उगाने का मन बनाते हैं तो इसकी एवज में उन्हें 7000 रुपये प्रति एकड़ अनुदान राशि देने के साथ-साथ कई अन्य सहूलियतें किसानों को दी जाएंगी।
        सरकार ने पिछले वर्ष पानी को बचाने के लिए ‘‘जल ही जीवन’’ योजना को शुरु किया था, लेकिन इस वर्ष मुख्यमंत्री ने ‘‘मेरा पानी मेरी विरासत’’ की घोषणा की, जिस पर लॉकडाउन के बावजूद भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने स्वयं कृषि एवं किसान कल्याण, सिंचाई एवं जल संसाधन, विकास एवं पंचायत, राजस्व एवं आपदा प्रबन्धन विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ काफी विचार-विमर्श करने उपरांत किसानों, वैज्ञानिकों, विधायकों और सरकार से जुड़े अन्य लोगों से भी गम्भीरता के साथ मंथन किया।
        मुख्यमंत्री का  आह्वान है कि हम सबका एक ही लक्ष्य होना चाहिए कि पानी को बचाना है, जमीन से पानी कम निकालना है तथा भू-जल स्तर को सुधारना है। इस गम्भीर विषय को लेकर ही सभी को सोचने और मंथन करने की जरूरत है। इस दौरान जो भी बेहतर सुझाव आएंगे, उन्हें सरकार लागू करेगी और पानी की एक-एक बूंद बचाने का प्रयत्न करेगी।

Wednesday, May 27, 2020

May 27, 2020

चंडीगढ़ : हरियाणा में बनेगा ‘कोरोना कानून’, शारीरिक दूरी नहीं बनाना व मास्‍क न पहनना पड़ेगा भारी

(मनोज)हरियाणा सरकार कोराेना संकट के मद्देनजर कड़ा कानून बनाने जा रही है। ऐसे में अब शरीरिक दूरी आनहीं बनाना, बिना मास्‍क पहने घर से बाहर निकलना और सार्वजनिक स्‍थानों पर थूकना बहूत भारी पड़ेगा। नए कानून में शारीरिक दूरी के नियम का अनुपालन, मास्क पहनना अनिवार्य किया जाएगा। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना भी इसके तहत अपराध माना जाएगा।

नए कानून में कड़ी कार्रवाई की होगी व्‍यवस्‍था होगी

हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि इस संबंध में कानून बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया जा चुका है। खाका तैयार होने पर सरकार जल्द ही इसकी अधिसूचना भी जारी करेगी। विज ने कहा कि हमारे ऐसे कोरोना योद्धा जो फ्रंटफुट पर अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर लड़ रहे हैं, उन पर किसी भी प्रकार का हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो कोई कानून हाथ मे लेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गृह मंत्री विज ने सीएम को लिखा पत्र

हरियाणा सरकार द्वारा कानून बनाने की तैयारियों के बीच गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखा है। इस पत्र में प्रदेश में फेस मॉस्क को अनिवार्य करने, फिजिकल डिस्टेसिंग का अनुपालन कराने और सार्वजनिक स्थलों पर थूकने को अपराध घोषित करने की मांग की गई है। इसके लिए उन्होंने उचित कानून बनाने की सिफारिश भी मुख्यमंत्री के समक्ष पत्र के जरिये की है।
आपको बता दे लॉकडाउन के चौथे चरण की शुरूआत से ही विज इस मामले को लेकर आवाज उठा रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना को फैलने से तभी रोका जा सकेगा जब सख्त कानून बनेंगे। एकदम से लॉकडाउन में दी गई ढील पर भी अनिल विज लगातार आपत्ति जता रहे हैं।

उनका कहना है कि बिना सख्ती के लोग मानते नहीं हैं। छूट को वे हलके में लेते हैं और लापरवाह हो जाते हैं। मुंह पर मॉस्क लगाना अनिवार्य करना होगा। मॉस्क नहीं लगाने वालों पर जुर्माने का भी प्रावधान किया जाएगा। इसी तरह से सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर जुर्माना होगा। लॉकडाउन अवधि में भी अभी तक केस बढ़ ही रहे हैं। इन्हेंं रोकने के लिए इस तरह के कदम उठाने ही होंगे।