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Thursday, June 4, 2020

पर्यावरण, प्रकृति एवं जैव विविधता एक दूसरे के पूरक हैं - पर्यावरण मंत्री कंवर पाल

पर्यावरण, प्रकृति एवं जैव विविधता एक दूसरे के पूरक हैं -

 पर्यावरण मंत्री कंवर पाल 

चंडीगढ़, 4 जून-हरियाणा के पर्यावरण मंत्री कंवर पाल ने कहा कि पर्यावरण, प्रकृति एवं जैव विविधता एक दूसरे के पूरक हैं । 
पर्यावरण मंत्री ने आज ऑनलाइन संगोष्ठïी में कल 5 जून के ‘अंतर्राष्टï्रीय पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर अपना संदेश देते हुए कहा कि यह भी संयोग की बात है कि हाल ही में 22 मई, 2020 को विश्व ने ‘अंतर्राष्टï्रीय जैव विविधता दिवस’ मनाया था जिसका थीम था ‘मानव की समस्याओं का समाधान प्रकृति में ही निहित है’। अब कल 5 जून, 2020 को  मनाए जा रहे ‘अंतर्राष्टï्रीय पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर ‘जैव विविधता’ थीम रखा गया है। इससे यह साबित होता है कि जैव विविधता, प्रकृति तथा पर्यावरण तीनों का परस्पर कितना गहरा संबंध है। प्रकृति एवं पर्यावरण में संतुलन पर ही जैव विविधता का अस्तित्व संभव है और इसी प्रकार जैव विविधता के कारण ही पर्यावरण में संतुलन बना रहता है। 
उन्होंने कहा कि जनसंख्या विस्फोट की वजह से ही जैव विविधता कई कारणों से कम होती जा रही है तथा कई प्रजातियां तो विलुप्त ही हो गई हैं। जैव विविधता के विलुप्त होने के विभिन्न कारण हैं जिनमें मुख्यत: पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, वनों का कटान एवं उनमें अत्यधिक चराई, जैव विविधता के आवास का विखंडन एवं वन जीवों का शिकार इत्यादि शामिल हंै। बढ़ता हुआ पर्यावरण प्रदूषण, जैव विविधता के विलुप्त होने का एक सबसे बड़ा कारण है। 
श्री कंवर पाल ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में जैव विविधता बारे जानकारी संकलित करने हेतु ‘राज्य जैव विविधता बोर्ड’ सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। इस कार्य के लिए जैव विविधता अधिनियम 2002 के प्रावधानों के अनुसार राज्यभर में जैव विविधता समितियों का गठन किया गया है। जैव विविधता समितियों की यह जिम्मेवारी है कि वह अपने-अपने क्षेत्र का जैव विविधता रजिस्टर तैयार करें जिसमें सभी प्रकार की जैव विविधता को दर्ज किया जाये ताकि उस क्षेत्र में उपलब्ध जैव विविधता बारे जानकारी मिल सके। जैव विविधता रजिस्टर में गांव वालों के पास उपलब्ध जड़ी-बुटियों की जानकारी को दर्ज किया जाता है ताकि इस प्रकार का बहुमूल्य ज्ञान आने वाली पीढिय़ों के लिए सुरक्षित रखा जा सके। इन जैव विविधता रजिस्टरों के माध्यम से जैव विविधता समितियों को न केवल अपने क्षेत्रों में पाये जाने वाली जड़ी-बुटियों का ज्ञान रहेगा अपितु इन जड़ी-बुटियों का व्यापार करने वाले व्यापारियों एवं दवाइयां बनाने वाले फैक्टरी मालिकों से भी लाभ का कुछ हिस्सा प्राप्त मिलेगा। 
हरियाणा राज्य जैव विविधता बोर्ड के चेयरमैन श्री गुलशन आहूजा ने बताया कि लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने तथा जैव-विविधता का महत्व समझाने के लिए बोर्ड द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं जैसे क्वीज कंपीटिशन, पेंटिंग, फोटोग्राफी एवं निबन्ध लेखन प्रतियोगिताएं ऑनलाइन करवाई गई। इन प्रतियोगिताओं में स्कूली बच्चों व आम जनता ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया और बोर्ड के पास 564 प्रविष्टिïयां क्वीज के लिए, 101 फोटोग्राफी के लिए, 102 पेंटिंग के लिए तथा 141 निबन्ध लेखन की प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं। इन प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाले प्रतियोगियों को शीघ्र ही नकद पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।

पर्यावरण बचाने के लिए हमें जल संरक्षण पर जोर देना होगा

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों से प्रकृति से मिली सम्पदाओं का सरंक्षण करने और प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए प्रण लेने का अनुरोध किया है।
आज यहां विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर जारी एक संदेश में मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा, ‘‘आज हमारी जीवनशैली ऐसी हो गई कि हम जल, ईंधन एवं ऊर्जा जैसी प्राकृतिक सम्पदाओं का दोहन कर रहे हैं। एक तरफ जहां हम अपने स्वार्थ के लिए भूमिगत जल का दोहन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर हम जल को दूषित भी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण बचाने के लिए हमें जल संरक्षण पर जोर देना होगा और इसी को देखते हुए हाल ही में हरियाणा सरकार ने ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना आरंभ की है ताकि भावी पीढ़ी के लिए पानी को बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन आज एक अन्य वैश्विक समस्या बन गई है। इससे हमारी ऋतुएं बदल रही है, तापमान बढ़ता जा रहा है और भूमिगत जल स्तर गिरता जा रहा है। मानसून की प्रवृत्ति में बदलाव के चलते हमें कभी बाढ़, कभी सूखा तो कभी भूकम्प और सुनामी तथा अन्य चक्रवाती तुफानों जैसी आपदाओं का सामना करना पड़ता है। यदि हमारी प्रकृति से छेडछाड़ इसी प्रकार चलती रही तो वह दिन दूर नहीं जब हम पानी और शुद्ध हवा के लिए तरस जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के दौरान लॉकडाउन के चलते हमें पर्यावरण में बदलाव देखने को मिला। मानवता के लिए सभी को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए।

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